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अल्ट्रासाउंड के लिए 15 दिनों से अस्पताल के चक्कर काट रहीं गर्भवती - अल्ट्रासाउंड के लिए 15 दिनों तक अस्पताल जा रही महिलाएं

उत्तर प्रदेश के इटावा जिले में महिला हॉस्पिटल में अल्ट्रासाउंड के लिए महिलाएं 15 दिनों से अस्पताल के चक्कर लगा रही हैं, लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है.

अल्ट्रासाउंड के लिए लाइन लगाए महिलाएं.
अल्ट्रासाउंड के लिए लाइन लगाए महिलाएं.
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Published : Aug 31, 2020, 7:32 PM IST

Updated : Sep 4, 2020, 12:24 PM IST

इटावा: जनपद के जिला अस्पताल में मरीजों की इलाज में लापरवाही और स्टाफ द्वारा पैसे लेने जैसी शिकायतें लगातार आ रही हैं. वहीं जिला महिला हॉस्पिटल में अल्ट्रासाउंड के लिए भटकती गर्भवती महिलाओं की लाइन भी कम होने का नाम नहीं ले रही है, जहां एक तरफ पूरे देश को सोशल डिस्टेंसिंग के पालन करने की बात कही जा रही है. वहीं महिला अस्पताल इन सबको जैसे भूल सा गया है. यहां आ रही गर्भवती महिलाओं का आरोप है कि अल्ट्रासाउंड के नाम पर उन्हें 15 दिन तक चक्कर लगवाए जाते हैं और यहां का स्टाफ न तो ढंग से बात करता है न ही किसी तरह की कोई जानकारी देता है. इस मामले में सीएमओ एन एस तोमर ने कहा अगर ऐसी अनियमितता है तो इसमें रोक लगनी चाहिए.

जानकारी देते संवाददाता.

15 दिन से अल्ट्रासाउंड के लिए भटक रही गर्भवती
मानिकपुर से आ रही ज्योति ने बताया कि वो पिछले 15 दिन से अल्ट्रासाउंड के लिए परेशान हो रही हैं. कई बार आने के बाद भी यहां का स्टाफ अल्ट्रासाउंड फॉर्म नहीं भरता है. ज्योति ने बताया कि वह गर्भवती होने के साथ अकेले अपने छोटे से बच्चे को लेकर आती हैं. अस्पताल में कोई सुनवाई करने वाला नहीं है, बल्कि अभद्र व्यवहार किया जाता है.

मरीजों को इंतजार करने की नसीहत
इस मामले में जब जिला महिला अस्पताल में कार्यरत डॉ. नरेंद्र गुप्ता से बात की गई तो उन्होंने सफाई देते हुए मरीजों को इंतजार करने की नसीहत दे डाली और कहा कि नियमित यहां 250 मरीज आते हैं. सभी मरीज तुरंत सबकुछ चाहते हैं. उन्होंने बताया कि कई बार मरीज से रुकने के लिए कहो तो वह चले जाते हैं और अगले दिन जांच करवाने को लेकर बहस करते हैं.

मरीजों के साथ नहीं हो सकता अभद्र व्यवहार
इस मामले पर सीएमओ डॉ. एन एस तोमर ने कहा यदि इस तरह की कोई भी अनियमितता है तो उस पर सीएमएस डॉ. अशोक कुमार से बात करके उस पर रोक लगाई जाएगी. उन्होंने कहा कि मरीजों के साथ किसी को भी अभद्र व्यवहार करने का अधिकार नहीं है.

इटावा: जनपद के जिला अस्पताल में मरीजों की इलाज में लापरवाही और स्टाफ द्वारा पैसे लेने जैसी शिकायतें लगातार आ रही हैं. वहीं जिला महिला हॉस्पिटल में अल्ट्रासाउंड के लिए भटकती गर्भवती महिलाओं की लाइन भी कम होने का नाम नहीं ले रही है, जहां एक तरफ पूरे देश को सोशल डिस्टेंसिंग के पालन करने की बात कही जा रही है. वहीं महिला अस्पताल इन सबको जैसे भूल सा गया है. यहां आ रही गर्भवती महिलाओं का आरोप है कि अल्ट्रासाउंड के नाम पर उन्हें 15 दिन तक चक्कर लगवाए जाते हैं और यहां का स्टाफ न तो ढंग से बात करता है न ही किसी तरह की कोई जानकारी देता है. इस मामले में सीएमओ एन एस तोमर ने कहा अगर ऐसी अनियमितता है तो इसमें रोक लगनी चाहिए.

जानकारी देते संवाददाता.

15 दिन से अल्ट्रासाउंड के लिए भटक रही गर्भवती
मानिकपुर से आ रही ज्योति ने बताया कि वो पिछले 15 दिन से अल्ट्रासाउंड के लिए परेशान हो रही हैं. कई बार आने के बाद भी यहां का स्टाफ अल्ट्रासाउंड फॉर्म नहीं भरता है. ज्योति ने बताया कि वह गर्भवती होने के साथ अकेले अपने छोटे से बच्चे को लेकर आती हैं. अस्पताल में कोई सुनवाई करने वाला नहीं है, बल्कि अभद्र व्यवहार किया जाता है.

मरीजों को इंतजार करने की नसीहत
इस मामले में जब जिला महिला अस्पताल में कार्यरत डॉ. नरेंद्र गुप्ता से बात की गई तो उन्होंने सफाई देते हुए मरीजों को इंतजार करने की नसीहत दे डाली और कहा कि नियमित यहां 250 मरीज आते हैं. सभी मरीज तुरंत सबकुछ चाहते हैं. उन्होंने बताया कि कई बार मरीज से रुकने के लिए कहो तो वह चले जाते हैं और अगले दिन जांच करवाने को लेकर बहस करते हैं.

मरीजों के साथ नहीं हो सकता अभद्र व्यवहार
इस मामले पर सीएमओ डॉ. एन एस तोमर ने कहा यदि इस तरह की कोई भी अनियमितता है तो उस पर सीएमएस डॉ. अशोक कुमार से बात करके उस पर रोक लगाई जाएगी. उन्होंने कहा कि मरीजों के साथ किसी को भी अभद्र व्यवहार करने का अधिकार नहीं है.

Last Updated : Sep 4, 2020, 12:24 PM IST
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