इटावा: जनपद में गुरुवार को कचहरी परिसर का नजारा बदला हुआ नजर आया. यहां पर रोज की तरह केस को लेकर बातचीत या जिरह नहीं चल रही थी, बल्कि एक विवाद को लेकर वकीलों ने पुलिस लाइन में तैनात एक निलंबित सब-इंस्पेक्टर को जमकर पीटा. निलंबित दारोगा इस दौरान वकीलों से छोड़ देने की मिन्नतें करता रहा, लेकिन किसी ने उसकी एक न सुनी. किसी तरह वह भाग कर एसएसपी ऑफिस पहुंचा और अपने आप को बचाया.
दरअसल, निलंबित दारोगा किसी केस में अपनी तारीख लेने आया था, तभी उसकी अपने वकील से किसी बात को लेकर बहस हो गई, जो देखते ही देखते मारपीट में बदल गई. इसके बाद अन्य वकीलों ने भी निलंबित दारोगा को पीटना शुरू कर दिया. वहीं इस मामले में एसएसपी आकाश तोमर ने जांच के बाद कार्रवाई की बात कही है.
कई बार हो चुका है निलंबित
निलंबित उपनिरीक्षक विजय प्रताप वर्ष 2019 में जनपद इटावा में आया था. इससे पूर्व में विभिन्न जनपदों में तैनाती के दौरान वह कई बार अनुशासनहीनता के कारण निलंबित हो चुका है. प्रशासनिक आधार पर उसका स्थानान्तरण किया जाता रहा है. वहीं इटावा आने के बाद भी उपनिरीक्षक ने कई बार अनुशासनहीनता की, जिसके कारण उसे निलंबित कर दिया गया है. निलंबित दारोगा के विरुद्व विभागीय कार्रवाई चल रही है.
निलंबित दारोगा ने प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के विरुद्व सोशल मीडिया पर अभद्र भाषा का प्रयोग किया गया था. उसके द्वारा पुलिस लाइन से थाना बिठौली स्थानान्तरित किए जाने पर विरोध स्वरूप पुलिस लाइन से दौड़ लगाकर 60 किमी दूर स्थित थाना बिठौली पर जाने का प्रयास किया गया था.
यही नहीं, लाॅकडाउन में लगी ड्यूटी के दौरान उक्त उपनिरीक्षक द्वारा थाना सहसों क्षेत्रान्तर्गत एक गांव के लोगों के साथ मीटिंग कर हिन्दू देवी-देवताओं के विरुद्व आपत्तिजनक एवं भड़काऊ भाषा का प्रयोग करते हुए उनकी मूर्ति खण्डित करने का प्रयास किया गया था, जिसके सम्बन्ध में थाना सहसों पर मामला भी पंजीकृत किया गया था.
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मामला दर्ज किया गया
एसएसपी आकाश तोमर ने कहा कि निलंबित उपनिरीक्षक द्वारा कचहरी परिसर में जाकर अपने अधिवक्ता के साथ गाली गलौच कर मारपीट की गई है, जिसके सम्बन्ध में उपनिरीक्षक के विरुद्व थाना सिविल लाइन में मामला पंजीकृत कर लिया गया है और अब कानूनी कार्रवाई की जा रही है.