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उद्घाटन के 8 महीने बाद भी वीरान है इटावा सेंट्रल जेल, न स्टाफ और न ही बिजली - इटावा सेंट्रल जेल बिजली की कमी

इटावा में सैफई के ग्राम महौला स्थित प्रदेश की छठवीं सेंट्रल जेल (Etawah Central Jail) उद्घाटन के 8 माह बाद भी वीरान है. इस जेल में पुलिस और अन्य स्टाफ तक तैनाती नहीं है और न ही यहां बिजली की व्यवस्था की गई है.

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इटावा जिला कारागार
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Published : Jul 22, 2022, 10:59 AM IST

इटावा: जनपद में बना सेंट्रल जेल 8 माह के बाद भी बिजली के कनेक्शन की बाट जोह रही है. इतना हीं नहीं, यहां स्टाफों की भी कमी है. इस जेल को बनाने में अरबों रुपयों का खर्च आया था. पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के सरकार में यह सेंट्रल जेल बनना शुरू हुआ. वहीं सीएम योगी ने अपने पहले कार्यकाल में इसका उद्घाटन भी कर दिया था. कुछ दिन पूर्व निरीक्षण पर आए कारागार मंत्री ने जल्द ही इसमें स्टाफ भर्ती और विद्युत सप्लाई व्यवस्था करके इसे शुरू करने की बात कही. जेल अधीक्षक रामधनी सिंह ने बताया कि हाल ही में जेल मंत्री ने निरीक्षण किया गया था. कुछ औपचारिकताएं बाकी है. जल्दी ही इसका शुभारंभ किया जाएगा.

बता दें कि इस जेल को समाजवादी पार्टी संरक्षक मुलायम सिंह यादव का ड्रीम प्रोजेक्ट माना जाता है. 2015 में अखिलेश यादव ने महोला गांव में इस सेंट्रल जेल का निर्माण शुरू कराया था. इसकी कार्यदायी संस्था निर्माण निगम ने इसकी लागात अनुमानित 189.91 करोड़ लगाई थी. फिर इस प्रोजेक्ट को मुलायम सिंह यादव को दिखाया गया, जो उनको पसन्द नहीं आया. इसके बाद इसमें कुछ बदलाव किए गए और लागत बढ़कर 252.26 करोड़ की गई थी. 2016 में इसका कार्य पूरा होना था. लेकिन, बड़ा प्रोजेक्ट होने चलते यह पूरा नहीं हो सका और 2017 में सपा सरकार का कार्यकाल पूरा होने के बाद जेल का निर्माण कार्य बंद हो गया.

जेल के बारे में जानकारी देते जेल अधीक्षक रामधनी सिंह

इसके बाद इस जेल को पूरा करने के लिए सरकार से अतिरिक्त 20 करोड़ रुपये की डिमांड की गई. जिसके चलते इसकी कुल लागत 272.26 करोड़ हो गई थी. योगी सरकार के प्रथम कार्यकाल के आखिरी 2021 के समय में इसका निर्माण पूरा हुआ और 6 नवम्बर 2021 को सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस सेंट्रल जेल में पहुंचकर इसका उद्घाटन किया.

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इटावा जिला कारागार

यह भी पढ़ें: इटावा: जिला अस्पताल में डॉक्टरों की भारी कमी, 10 डॉक्टरों के स्थानांतरण से बिगड़े हालात

इसका उद्घाटन हुए पूरे आठ माह बीत चुके है, लेकिन, अब तक इस जेल में न स्टाफ की तैनाती हुई और ना ही बिजली की व्यवस्ता की गई है, जिस कारण इसका उपयोग नही हो पा रहा है. अधिकारियों के मुताबिक, जल्द ही यह जेल सजायाफ्ता कैदियों के लिए शुरू की जाएगी. इसं संबंध में इटावा जिला कारागार अधीक्षक रामधनी सिंह ने बताया है कि सेंट्रल जेल पूरी तरह से तैयार है. इसमें विद्युत व्यवस्था और स्टाफ रखा जाना है. इसकी रिपोर्ट शासन को भेज दी गई है. जैसे ही शासन से हरी झंडी मिलेगी, वैसे ही इसको शुरू कर दिया जाएगा.

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इटावा: जनपद में बना सेंट्रल जेल 8 माह के बाद भी बिजली के कनेक्शन की बाट जोह रही है. इतना हीं नहीं, यहां स्टाफों की भी कमी है. इस जेल को बनाने में अरबों रुपयों का खर्च आया था. पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के सरकार में यह सेंट्रल जेल बनना शुरू हुआ. वहीं सीएम योगी ने अपने पहले कार्यकाल में इसका उद्घाटन भी कर दिया था. कुछ दिन पूर्व निरीक्षण पर आए कारागार मंत्री ने जल्द ही इसमें स्टाफ भर्ती और विद्युत सप्लाई व्यवस्था करके इसे शुरू करने की बात कही. जेल अधीक्षक रामधनी सिंह ने बताया कि हाल ही में जेल मंत्री ने निरीक्षण किया गया था. कुछ औपचारिकताएं बाकी है. जल्दी ही इसका शुभारंभ किया जाएगा.

बता दें कि इस जेल को समाजवादी पार्टी संरक्षक मुलायम सिंह यादव का ड्रीम प्रोजेक्ट माना जाता है. 2015 में अखिलेश यादव ने महोला गांव में इस सेंट्रल जेल का निर्माण शुरू कराया था. इसकी कार्यदायी संस्था निर्माण निगम ने इसकी लागात अनुमानित 189.91 करोड़ लगाई थी. फिर इस प्रोजेक्ट को मुलायम सिंह यादव को दिखाया गया, जो उनको पसन्द नहीं आया. इसके बाद इसमें कुछ बदलाव किए गए और लागत बढ़कर 252.26 करोड़ की गई थी. 2016 में इसका कार्य पूरा होना था. लेकिन, बड़ा प्रोजेक्ट होने चलते यह पूरा नहीं हो सका और 2017 में सपा सरकार का कार्यकाल पूरा होने के बाद जेल का निर्माण कार्य बंद हो गया.

जेल के बारे में जानकारी देते जेल अधीक्षक रामधनी सिंह

इसके बाद इस जेल को पूरा करने के लिए सरकार से अतिरिक्त 20 करोड़ रुपये की डिमांड की गई. जिसके चलते इसकी कुल लागत 272.26 करोड़ हो गई थी. योगी सरकार के प्रथम कार्यकाल के आखिरी 2021 के समय में इसका निर्माण पूरा हुआ और 6 नवम्बर 2021 को सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस सेंट्रल जेल में पहुंचकर इसका उद्घाटन किया.

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इसका उद्घाटन हुए पूरे आठ माह बीत चुके है, लेकिन, अब तक इस जेल में न स्टाफ की तैनाती हुई और ना ही बिजली की व्यवस्ता की गई है, जिस कारण इसका उपयोग नही हो पा रहा है. अधिकारियों के मुताबिक, जल्द ही यह जेल सजायाफ्ता कैदियों के लिए शुरू की जाएगी. इसं संबंध में इटावा जिला कारागार अधीक्षक रामधनी सिंह ने बताया है कि सेंट्रल जेल पूरी तरह से तैयार है. इसमें विद्युत व्यवस्था और स्टाफ रखा जाना है. इसकी रिपोर्ट शासन को भेज दी गई है. जैसे ही शासन से हरी झंडी मिलेगी, वैसे ही इसको शुरू कर दिया जाएगा.

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