इटावा : बीते 15 नवंबर को नई दिल्ली से सहरसा जाते समय दरभंगा क्लोन एक्सप्रेस में लगी आग की जांच के बाद फाइनल रिपोर्ट नए साल के पहले सप्ताह तक आ जाएगी. अब सिर्फ फारेंसिक रिपोर्ट का इंतजार है. यह भी 7-8 दिन में आ जाएगी. जिसके बाद आग के सही कारणों का पता चल जाएगा. यह बात चीफ कमिश्नर ऑफ रेलवे सेफ्टी (सीसीआरएस) जेके गर्ग ने मंगलवार शाम को दूसरी बार जंक्शन पर खड़े जले कोचों की जांच के बाद कही. उनके साथ डीआरएम प्रयागराज हिमांशु बडौनी समेत जांच से जुड़े मंडल के कई अन्य अधिकारी भी मौजूद रहे.
जले कोचों का बारीकी से निरीक्षण
सीसीआरएस जेके गर्ग कानपुर सेंट्रल पर निरीक्षण करने के बाद स्पेशल ट्रेन से 3 बजकर 55 मिनट पर इटावा जंक्शन पर पहुंचे. चार नंबर प्लेटफार्म पर उतरने के बाद वह सात नंबर प्लेटफार्म पर खड़ी 12570 दरभंगा एक्सप्रेस के जले कोचों की जांच करने पहुंचे. उन्होंने पूरी तरह से जले एस-1 कोच का बाहर और अंदर से तीन सदस्यीय दल के साथ बारीकी से पड़ताल की. उन्होंने कोच के अंदर सीट नंबर 23-24 के पास, जहां से यात्रियों ने आग लगने की आशंका जताई थी, जले सामान के साथ इलेक्ट्रिक फ्यूज आदि को एकत्रित कर कानपुर जांच के लिए भिजवाया. 45 मिनट तक चले इस निरीक्षण के दौरान उनके साथ उप मुख्य संरक्षा आयुक्त नीलम सिंह, मुख्य सुरक्षा अधिकारी प्रयागराज मंडल मनीष गुप्ता, वरिष्ठ मंडल यांत्रिक इंजीनियर शिव सिंह, स्टेशन अधीक्षक पीएम मीना, मुख्य वाणिज्य प्रबंधक नरेश मीणा, आरपीएफ इंस्पेक्टर गजेंद्र पाल मौजूद रहे. यहां जंक्शन पर जले कोचों को देखने से पहले सीसीआरएस की ट्रेन सराय भूपत स्टेशन स्थित घटनास्थल पर भी पहुंची थी. यहां भी उन्होंने घटनास्थल पर निरीक्षण करने के साथ सराय भूपत स्टेशन मास्टर हिमांशु मौर्या व अन्य कर्मचारियों से जानकारी जुटाई.
फ्यूज के साथ अन्य सैंपल दोबारा टेस्टिंग के लिए भेजे
सीसीआरएस जेके गर्ग ने बताया कि यह तीसरी जांच है. सबसे पहले इटावा में जांच की गई थी फिर नई दिल्ली और अब कानपुर में जांच की गई है. इसमें अलग-अलग नजरिए और तथ्यों पर जांच चल रही है और पता लगाया जा रहा है कि आग कैसे लगी. फारेसिंक रिपोर्ट कुछ दिनों में आ जाएगी. निरीक्षण में इलेक्ट्रिकल साइड से भी चेक किया जा रहा है. कोच भी चेक किए गए हैं. अब तक की जांच में पता चला है कि एस-1 कोच में सीट नंबर 23 एवं 24 के पास आग लगी थी, लेकिन आग कैसी लगी, इसके लिए कोच के इलेक्ट्रिक साइड से फ्यूज के साथ अन्य सैंपल दोबारा संग्रहित कर उन्हें कानपुर में टेस्टिंग के लिए भेजा गया है. सारी रिपोर्ट आने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है कि आग कैसे लगी है. यात्री की लापरवाही से आग के सवाल पर उन्होंने कहा कि जब तक सारे तथ्य सामने नहीं आ जाते, यह कहना जल्दबाजी होगी. उन्होंने अगले 15 से 20 दिनों में फाइनल जांच सामने आने की बात भी कही.
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