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इटावा में मरीजों को मौत बांट रहे हैं प्राइवेट नर्सिंग होम

यूपी के इटावा में प्राइवेट नर्सिंग होम केवल धन उगाही का केन्द्र बने हुए हैं. बीते एक माह में चारों मामलों में प्राइवेट नर्सिंग होम के डॉक्टरों ने धन उगाही के लालच में गर्भवती महिलाओं को अपने यहां भर्ती किया. जिनमें से दो मरीजों समेत एक नवजात की मौत हो गई.

मरीजों को मौत बांटते प्राइवेट नर्सिंग होंम
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Published : Nov 11, 2019, 4:11 PM IST

Updated : Sep 4, 2020, 12:24 PM IST

इटावा: सूबे में प्राइवेट नर्सिंग होम का बेहद बुरा हाल है. जनपद के नर्सिंग होम मरीजों के लिए मौत का घर और धन उगाही का केंद्र बन गए हैं. हाल में ही कुछ मामले ऐसे मामले सामने आए हैं, जिसमें मरीज और परिजनों से इलाज के नाम पर खूब धन वसूली की गई और बाद में मरीज की मौत हो गई या फिर उसे कहीं दूसरी जगह भर्ती करा दिया गया.

मरीजों को मौत बांटते प्राइवेट नर्सिंग होम.

इलाज के दौरान हुई गर्भवती महिला की मौत
प्राइवेट नर्सिंग होम द्वारा की जा रही धन वसूली का पहला उदाहरण है, इटावा शहर के पक्का बाग हाइवे स्थित चांदनी केयर हॉस्पिटल का. इस प्राइवेट नर्सिंग होम में शैलेन्द्र ने अपनी गर्भवती पत्नी को इलाज के लिये भर्ती कराया था. शैलेन्द्र की गर्भवती पत्नी की हालत बेहद गंभीर थी, इस नर्सिंग होम के डॉक्टर उसका इलाज कर पाने में सक्षम नहीं थे. फिर इस हॉस्पिटल के संचालक डॉक्टर ने सिर्फ धन उगाही के लालच के चलते नर्सिंग होम में गर्भवती महिला को भर्ती कर लिया, जिसकी बाद में मौत हो गई. गर्भवती महिला की मौत होते ही इस नर्सिंग होम के डॉक्टर ने महिला के शव को अपने नर्सिंग के बाहर रखवा दिया और अपने नर्सिंग होम में ताला डालकर फरार हो गया.

रघुकुल हॉस्पिटल में गर्भवती महिला के तीन-तीन ऑपरेशन
एक अन्य उदाहरण है, इटावा रेलवे स्टेशन के पास स्थित रघुकुल हॉस्पिटल का. इस प्राइवेट नर्सिंग होम में एक गर्भवती महिला की हालत बिगड़ने पर उसके परिजनों ने भर्ती करा दिया. परिजनों का कहना है कि इस नर्सिंग होम के डॉक्टर ने गर्भवती महिला के तीन-तीन ऑपरेशन कर दिए, जिससे उसकी हालत काफी गंभीर हो गई. जब इस रघुकुल हॉस्पिटल के डॉक्टर ने मामला बिगड़ते देखा, तो सीरियस हालत में पहुंच चुकी गर्भवती महिला को बिना उसके परिजनों को जानकारी दिए ही सैफई मेडिकल यूनिवर्सिटी में भर्ती करवा दिया, जहां गर्भवती महिला जिंदगी और मौत से जूझ रही है.

वहीं जब इन दोनों मामलों को लेकर जनपद के सीएमओ से बात की गई तो वह जांच कर कार्रवाई करने की बात कह रहे हैं.

एक माह में चार मामले
बीते एक माह में ऐसे चार मामले सामने आए हैं, जो सभी प्राइवेट नर्सिंग होम से जुड़े हैं. इन चारों मामलों में प्राइवेट नर्सिंग होम के संचालक डॉक्टरों ने धन उगाही के लालच में गर्भवती महिलाओं को अपने यहां भर्ती किया. बाद में जिनमें से दो मरीजों समेत एक नवजात की मौत हो गई. जबकि एक गर्भवती महिला सैफई मेडिकल यूनिवर्सिटी में जिंदगी और मौत से जूझ रही है. ऐसे मामलों की सच्चाई यह है कि शहर के नर्सिंग होम में डॉक्टर सिर्फ धन कमाने के लालच में इलाज की जगह मरीजों को मौत बांट रहे हैं.

इटावा: सूबे में प्राइवेट नर्सिंग होम का बेहद बुरा हाल है. जनपद के नर्सिंग होम मरीजों के लिए मौत का घर और धन उगाही का केंद्र बन गए हैं. हाल में ही कुछ मामले ऐसे मामले सामने आए हैं, जिसमें मरीज और परिजनों से इलाज के नाम पर खूब धन वसूली की गई और बाद में मरीज की मौत हो गई या फिर उसे कहीं दूसरी जगह भर्ती करा दिया गया.

मरीजों को मौत बांटते प्राइवेट नर्सिंग होम.

इलाज के दौरान हुई गर्भवती महिला की मौत
प्राइवेट नर्सिंग होम द्वारा की जा रही धन वसूली का पहला उदाहरण है, इटावा शहर के पक्का बाग हाइवे स्थित चांदनी केयर हॉस्पिटल का. इस प्राइवेट नर्सिंग होम में शैलेन्द्र ने अपनी गर्भवती पत्नी को इलाज के लिये भर्ती कराया था. शैलेन्द्र की गर्भवती पत्नी की हालत बेहद गंभीर थी, इस नर्सिंग होम के डॉक्टर उसका इलाज कर पाने में सक्षम नहीं थे. फिर इस हॉस्पिटल के संचालक डॉक्टर ने सिर्फ धन उगाही के लालच के चलते नर्सिंग होम में गर्भवती महिला को भर्ती कर लिया, जिसकी बाद में मौत हो गई. गर्भवती महिला की मौत होते ही इस नर्सिंग होम के डॉक्टर ने महिला के शव को अपने नर्सिंग के बाहर रखवा दिया और अपने नर्सिंग होम में ताला डालकर फरार हो गया.

रघुकुल हॉस्पिटल में गर्भवती महिला के तीन-तीन ऑपरेशन
एक अन्य उदाहरण है, इटावा रेलवे स्टेशन के पास स्थित रघुकुल हॉस्पिटल का. इस प्राइवेट नर्सिंग होम में एक गर्भवती महिला की हालत बिगड़ने पर उसके परिजनों ने भर्ती करा दिया. परिजनों का कहना है कि इस नर्सिंग होम के डॉक्टर ने गर्भवती महिला के तीन-तीन ऑपरेशन कर दिए, जिससे उसकी हालत काफी गंभीर हो गई. जब इस रघुकुल हॉस्पिटल के डॉक्टर ने मामला बिगड़ते देखा, तो सीरियस हालत में पहुंच चुकी गर्भवती महिला को बिना उसके परिजनों को जानकारी दिए ही सैफई मेडिकल यूनिवर्सिटी में भर्ती करवा दिया, जहां गर्भवती महिला जिंदगी और मौत से जूझ रही है.

वहीं जब इन दोनों मामलों को लेकर जनपद के सीएमओ से बात की गई तो वह जांच कर कार्रवाई करने की बात कह रहे हैं.

एक माह में चार मामले
बीते एक माह में ऐसे चार मामले सामने आए हैं, जो सभी प्राइवेट नर्सिंग होम से जुड़े हैं. इन चारों मामलों में प्राइवेट नर्सिंग होम के संचालक डॉक्टरों ने धन उगाही के लालच में गर्भवती महिलाओं को अपने यहां भर्ती किया. बाद में जिनमें से दो मरीजों समेत एक नवजात की मौत हो गई. जबकि एक गर्भवती महिला सैफई मेडिकल यूनिवर्सिटी में जिंदगी और मौत से जूझ रही है. ऐसे मामलों की सच्चाई यह है कि शहर के नर्सिंग होम में डॉक्टर सिर्फ धन कमाने के लालच में इलाज की जगह मरीजों को मौत बांट रहे हैं.

Intro:एंकर-सूबे में प्राइवेट नर्सिंग होम का बेहद बुरा हाल है।इटावा शहर के नर्सिंग होम मरीजों के लिए मौत का घर व धन उगाही का केंद्र बन गए हैं।पहली दास्तां हम सुनाते हैं,इटावा शहर के पक्का बाग हाइवे स्थित चांदनी केयर हॉस्पिटल की।इस प्राइवेट नर्सिंग होम में एक पति अपनी गर्भवती पत्नी को इलाज के लिये भर्ती करवाता है।गर्भवती महिला बेहद सीरियस थी,इस नर्सिंग होम के डॉक्टर उसका इलाज कर पाने में सक्षम नहीं थे।फिर इस चांदनी केयर हॉस्पिटल के संचालक डॉक्टर ने सिर्फ धन उगाही के लालच में अपने नर्सिंग होम में उस गर्भवती महिला को भर्ती कर लिया।जिसकी बाद में मौत हो गयी।गर्भवती महिला की मौत होते ही इस नर्सिंग होम के डॉक्टर ने महिला के शव को अपने नर्सिंग के बाहर रखवा दिया और अपने नर्सिंग होम में ताला डालकर फरार हो गया।
वाइट-शैलेन्द्र(मृतक गभर्वती महिला का पीड़ित पति)


Body:वीओ(1)-अब कुछ इसी तरह की दास्तां है इटावा रेलवे स्टेशन पर स्थित रघुकुल हॉस्पिटल की।इस प्राइवेट नर्सिंग होम में एक गर्भवती महिला की हालत बिगड़ने पर उसके परिजनों ने भर्ती करा दिया।परिजनों का कहना है कि इस नर्सिंग होम के डॉक्टर ने गर्भवतीमहिला के तीन तीन ऑपरेशन कर दिए,जिससे उसकी हालत काफी सीरियस हो गयी।जब इस रघुकुल हॉस्पिटल के डॉक्टर ने मामला बिगड़ते देखा, तो सीरियस हालत में पहुंची गर्भवती महिला को उसके परिजन को बिना जानकारी दिए बिना ही सैफ़ई मेडिकल यूनिवर्सिटी में भर्ती करवा दिया।जहां वह गर्भवती जिंदगी व मौत से जूझ रही है।
वाइट-कमल(पीड़ित,मरीज)
वीओ(2)-इन दोनों ही मामलों में इटावा सीएमओ जांच कर कार्रवाही करने की बात कह रहे हैं।
वाइट-रविन्द्र यादव(सीएमओ,इटावा)


Conclusion:वीओ(3)-इस एक माह में ऐसे चार मामले हुए हैं और चारो ही मामले प्राइवेट नर्सिंग होम से जुड़े हैं।इन चारों मामलों में प्राइवेट नर्सिंग होम के संचालक डॉक्टरों ने धन उगाही के लालच में गर्भवती महिलाओं को अपने यहां भर्ती किया।बाद में जिनमे दो मरीजों समेत एक नवजात शिशु की मौत हो गयी है।जबकि एक गर्भवती महिला सैफ़ई मेडिकल यूनिवर्सिटी में जिंदगी व मौत से जूझ रही है।ऐसे मामलों की सच्चाई यह है कि इटावा शहर के नर्सिंग होम में डॉक्टर की जगह यमराज तैनात हैं।जो सिर्फ धन कमाने के लालच में इलाज की जगह मरीजो को मौत बांट रहे हैं।
Last Updated : Sep 4, 2020, 12:24 PM IST
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