इटावा: मत्स्य पालक परंपरागत तौर तरीके छोड़कर वैज्ञानिक ढंग से मत्स्य पालन करें, इसमें खर्चा कम आएगा और आमदनी भी अच्छी होगी. साथ ही इस व्यवसाय में नये लोगों को प्रोत्साहित कर इससे जोड़ें. यह बात डीएम श्रुति सिंह ने विश्व मत्स्य दिवस पर विकास भवन के ऑडिटोरियम में आयेाजित गोष्ठी में कही.
मत्स्य पालकों का आर्थिक रुप से मजबूत करने के लिए भारत सरकार ने नवीन प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना प्रारंभ की है. परंपरागत मछुआरों को इस योजना का लाभ मिल रहा है. मत्स्य संपदा योजना के अंतर्गत मनरेगा के माध्यम से तालाबों का सुधार और नये तालाबों का निर्माण कराकर मत्स्य उत्पादन में वृद्धि करना है.
डीएम ने कहा कि यदि मत्स्य पालन के लिए तालाबों के आवंटन में कोई कठिनाई आ रही हो तो विभागीय अधिकारी उनकी समस्या का निस्तारण करें. बैठक में मत्स्य पट्टा धारक अजय कुमार, राधारमन, राकेश कुमार, अवनीश कुमार, विनोद कुमार, दीपक कुमार, वीरभान त्यागी, धर्मेंद्र कुमार, अंजली, राजकुमार, अभय शर्मा, जालिम सिंह आदि को प्रमाण पत्र प्रदान किए. इस अवसर पर सहायक निदेशक मत्स्य टी कुमार, मत्स्य अधिकारी हिमांषु यादव, मत्स्य निरीक्षक सत्येन्द्र सिंह, पट्टा धारक आदि उपस्थित रहे.