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वाह रे यूपी पुलिस! लावारिस शवों के अंतिम संस्कार के पैसों में भी बंदरबांट

जिले में लावारिश शव पोस्टमार्टम हाउस से श्मशान घाट तक रिक्शे से पहुंचाई जा रही है. आपको बता दें कि प्रशासन की तरफ से लावारिस शवों के अंतिम संस्कार के लिए 2300 रुपये दिए जाते हैं, लेकिन इटावा पुलिस अंतिम संस्कार में चंद रुपये ही खर्च करती है.

अंतिम संस्कार के पैसों में भी बंदरबांट.
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Published : Jul 5, 2019, 9:31 AM IST

Updated : Sep 4, 2020, 12:24 PM IST

इटावा: उत्तर प्रदेश के इटावा जिले में लावारिस शवों के अंतिम संस्कार के पैसों में बंदरबांट हो रहा है. जिला प्रशासन लावारिस शवों को श्मशान घाट तक पहुंचाने के लिए शव वाहन तक उपलब्ध नहीं करवाता है. इसके चलते लावारिस शव पोस्टमार्टम हाउस से श्मशान घाट तक रिक्शे से पहुंचाई जा रही हैं.

अंतिम संस्कार के पैसों में भी बंदरबांट.

50 किलो लकड़ी में हो रहा अंतिम संस्कार:

  • प्रशासन के नियमानुसार लावारिस शवों को घटनास्थल से पोस्टमार्टम हाउस तक एम्बुलेंस से पहुंचाया जाता हैं.
  • साथ ही पोस्टमार्टम के बाद लावारिस शवों को वाहन से अंतिम संस्कार के लिए श्मशान घाट पहुंचाई जाती हैं.
  • बावजूद इसके इटावा में लावारिस शवों को रिक्शे से शमशान घाट तक पहुंचाया जा रहा है.
  • इसके साथ ही लावारिस शवों के अंतिम संस्कार में एक कुंतल लकड़ी लगाने का प्रावधान है.
  • वहीं इटावा में लावारिस शवों का अंतिम संस्कार कुल 50 किलो लकड़ी से ही कर दिया जाता है.

शासन की तरफ से लावारिस शवों के अंतिम संस्कार के लिए 2300 रुपये दिए जाते हैं, लेकिन इटावा पुलिस अंतिम संस्कार में चंद रुपये खर्च करके बाकी रुपये अपनी जेबों के हवाले कर लेती है. हालांकि इस मामले में इटावा के डीएम एसएसपी चुप्पी साधे बैठे हैं.

इटावा: उत्तर प्रदेश के इटावा जिले में लावारिस शवों के अंतिम संस्कार के पैसों में बंदरबांट हो रहा है. जिला प्रशासन लावारिस शवों को श्मशान घाट तक पहुंचाने के लिए शव वाहन तक उपलब्ध नहीं करवाता है. इसके चलते लावारिस शव पोस्टमार्टम हाउस से श्मशान घाट तक रिक्शे से पहुंचाई जा रही हैं.

अंतिम संस्कार के पैसों में भी बंदरबांट.

50 किलो लकड़ी में हो रहा अंतिम संस्कार:

  • प्रशासन के नियमानुसार लावारिस शवों को घटनास्थल से पोस्टमार्टम हाउस तक एम्बुलेंस से पहुंचाया जाता हैं.
  • साथ ही पोस्टमार्टम के बाद लावारिस शवों को वाहन से अंतिम संस्कार के लिए श्मशान घाट पहुंचाई जाती हैं.
  • बावजूद इसके इटावा में लावारिस शवों को रिक्शे से शमशान घाट तक पहुंचाया जा रहा है.
  • इसके साथ ही लावारिस शवों के अंतिम संस्कार में एक कुंतल लकड़ी लगाने का प्रावधान है.
  • वहीं इटावा में लावारिस शवों का अंतिम संस्कार कुल 50 किलो लकड़ी से ही कर दिया जाता है.

शासन की तरफ से लावारिस शवों के अंतिम संस्कार के लिए 2300 रुपये दिए जाते हैं, लेकिन इटावा पुलिस अंतिम संस्कार में चंद रुपये खर्च करके बाकी रुपये अपनी जेबों के हवाले कर लेती है. हालांकि इस मामले में इटावा के डीएम एसएसपी चुप्पी साधे बैठे हैं.

Intro:एंकर-इटावा में लावारिस लाशों के श्मशान घाट तक पहुंचाने के लिये जिला प्रशासन शव वाहन तक उपलब्ध नही करवाता है।इसका जीता जागता उदाहरण आज गुरुवार को शहर की सड़कों पर देखने को मिला है।रिक्सा चालक इस लावारिस लाश को बड़े ही बेतरतीब तरीके से अपने रिक्से के पायदान पर लाद कर पोस्टमार्टम हाउस से श्मसान घाट पर पुलिस की कस्टडी में ले गया।Body:वीओ(1)-जबकि नियम यह है कि घटना स्थल से पोस्टमार्टम हाउस तक लावारिस लाशें एम्बुलेंस से लाई जातीं हैं और फिर पोस्टमार्टम हाउस से लावारिस लाशें शव वाहन से अंतिम संस्कार के लिए श्मशान घाट पहुंचाई जाती हैं,लेकिन इटावा में लावारिस बेहद बदतर स्थिति में श्मशान घाट तक लायी जातीं हैं।इतना ही नहीं लावारिस लाश के अंतिम संस्कार के लिए नियमानुसार एक कुंतल लकड़ी चाहिए होती है,लेकिन इटावा में लावारिस लाशों के अंतिम संस्कार कुल 50 किलो लकड़ी से ही कर दिया जाता है।शासन की तरफ से लावारिस लाशों के अंतिम संस्कार के लिए 2300 रुपये दिए जाते हैं, लेकिन इटावा पुलिस चंद रुपये खर्च कर लाशों के अंतिम संस्कार करके बाकी का धन अपनी जेबों के हवाले कर लेती है।हालांकि इस मामले में इटावा के डीएम एसएसपी चुप्पी साधे बैठे हैं।

वाइट-अवनीश कुमार(लावारिस लाशों का अंतिम संस्कार करने वाला पुलिस कर्मी)Conclusion:सन्दीप मिश्र की रिपोर्ट इटावा
मोब न0 8445980843।
Last Updated : Sep 4, 2020, 12:24 PM IST
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