इटावा: जिले के थाना बसरेहर के अंतर्गत एक गांव में 82 वर्षीय बुजुर्ग जगदीश सिंह दवा के लिए परेशान थे. उन्होंने इसके लिए दिल्ली मुख्यालय फोन करके अपनी परेशानी बताई, जिसके बाद तुरंत ही थाने में इसकी सूचना दी गई. थाने की पुलिस ने उनकी मदद करते हुए उन्हें एडीएम से पास बनवा कर ग्वालियर दवा लेने के लिए भेजा और सकुशल उनके घर पहुंचाया.
अकेले रह रहे हैं जगदीश सिंह
चौंकाने वाला मामला यह है कि यह इनके चार बेटे और चारों सरकारी नौकरी में पदस्थ हैं, जिसमें से दो इटावा रहते हैं. इसके बावजूद भी कोई इनकी मदद करने को न आता है न ही उनसे मिलने आ रहा है और यह जीवन के अंतिम दिन अकेले ही बिता रहे हैं. चार बेटे होने के बावजूद भी कोई पिता किस तरह एक लाचारी का जीवन व्यतीत कर सकता, इसका जीता जाता उदाहरण है.
चार बेटे सरकारी नौकरी में हैं
इटावा के बसरेहर थाना क्षेत्र के अंतर्गत बसगवा गांव के 82 वर्षीय जगदीश सिंह यादव फौज से सूबेदार के पद से रिटायर्ड हैं. जगदीश सिंह के चार बेटे हैं और सभी सरकारी नौकरी में है, लेकिन जीवन के इस पड़ाव में चारों ने उनका साथ छोड़ दिया है. अकेले ही वह गांव में अपना जीवन व्यतीत करने को मजबूर हैं.
सीओ ने की ग्वालियर जाने की व्यवस्था
रविवार को एकाएक जगदीश की तबीयत खराब हो गई. उन्होंने इसकी सूचना दिल्ली मुख्यालय में की, जिसके बाद तुरंत ही वहां से इसकी सूचना बसरेहर थाने की पुलिस को पहुंची. तुरंत एसओ और सीओ ने पहुंचकर उनका हालचाल लिया और उन्हें तुरंत दवा लाने के लिए गाड़ी करवा कर ग्वालियर भेजा और वहां से दवा लाने ले बाद उन्हें उनके घर पहुंचाया.
सीओ ने समस्या पर पुलिस को फोन करने को कहा
इस संबंध में सीओ ने बताया कि उन्हें दिल्ली से सूचना आई थी कि गांव में कोई बुजुर्ग बीमार है, उसे दवा लाने के लिए जाना है. हम लोग तुरंत मौके पहुंचे और उनको दवा लेने के लिए भेजा. हम लोगों ने बुजुर्ग से कहा कि वह परेशान न हो उन्हें कोई भी दिक्कत हो नि:संकोच अपना बेटा समझ किसी भी पुलिसकर्मी को फोन कर सकते हैं. वह उनकी मदद करने तुरंत पहुंचेगा.
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