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एटा: दहेज हत्या मामले में तीन लोगों को आजीवन कारावास, 21 हजार रुपये जुर्माना

उत्तर प्रदेश के एटा जिले निवासी नरेंद्र पर उनके ससुरालीजनों ने दहेज हत्या का मामला दर्ज कराया था. मामले में जनपद न्यायालय ने विवेचना के बाद गुरुवार को जनपद न्यायाधीश रेणु अग्रवाल ने आरोपी नरेंद्र, उसकी मां सूरजमुखी और पिता रामवीर को दहेज हत्या का दोषी पाते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई, साथ ही कोर्ट ने 21-21 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया.

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Published : Jan 10, 2020, 1:06 PM IST

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जिला न्यायालय एटा.

एटा: मैनपुरी जिले के बिछुआ थाना क्षेत्र निवासी रामस्वरूप ने एटा जिले निवासी नरेंद्र पर दहेज हत्या का आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज कराई थी. मामले में गुरुवार को जिला न्यायाधीश ने दहेज हत्या के मामले में मृतका के पति समेत तीन लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाते हुए 21 हजार का जुर्माना भी लगाया है.

दहेज हत्या मामले में तीन लोगों को आजीवन कारावास.

24 मार्च 2017 को कोतवाली नगर में मैनपुरी जिले के बिछुआ थाना क्षेत्र के गांव संतोषपुर निवासी रामस्वरूप ने तहरीर देते हुए एफआईआर दर्ज कराई थी. रामस्वरूप ने एफआईआर दर्ज कराते हुए बताया कि उसने अपनी बेटी आरती की शादी 17 जनवरी 2017 को एटा जिले के पीपल अड्डा निवासी नरेंद्र के साथ की थी.

जानें मृतका के पिता ने क्या बताया
मृतका के पिता रामस्वरूप के मुताबिक इस विवाह में उसने नरेंद्र और उसके परिजनों को दहेज में 4 लाख और सारा सामान दिया था, लेकिन आरती के ससुराल वाले फिर भी दहेज की मांग कर रहे थे. वह आरती पर दो लाख और अल्टो कार के लिए लगातार दबाव बनाते थे और प्रताड़ित करते थे.

इसे भी पढ़ें- 10 जनवरी का इतिहास : विश्व हिन्दी दिवस मनाने की घोषणा

रामस्वरूप का आरोप था कि 24 मार्च 2017 को आरोपी नरेंद्र उसके पिता, मां, देवर, ननंद और नंदोई ने उनकी बेटी आरती को फांसी पर लटका कर मार डाला. विवेचना के दौरान ननंद और नंदोई पर आरोप न पाते हुए पुलिस ने उनके खिलाफ आरोप पत्र प्रस्तुत नहीं किया जबकि आरोपी धर्मेंद्र की मुकदमे के दौरान मौत हो गई.

गुरुवार को जनपद न्यायाधीश रेणु अग्रवाल ने आरोपी नरेंद्र, उसकी मां सूरजमुखी और पिता रामवीर को दहेज हत्या का दोषी पाते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई और 21-21 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया.

एटा: मैनपुरी जिले के बिछुआ थाना क्षेत्र निवासी रामस्वरूप ने एटा जिले निवासी नरेंद्र पर दहेज हत्या का आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज कराई थी. मामले में गुरुवार को जिला न्यायाधीश ने दहेज हत्या के मामले में मृतका के पति समेत तीन लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाते हुए 21 हजार का जुर्माना भी लगाया है.

दहेज हत्या मामले में तीन लोगों को आजीवन कारावास.

24 मार्च 2017 को कोतवाली नगर में मैनपुरी जिले के बिछुआ थाना क्षेत्र के गांव संतोषपुर निवासी रामस्वरूप ने तहरीर देते हुए एफआईआर दर्ज कराई थी. रामस्वरूप ने एफआईआर दर्ज कराते हुए बताया कि उसने अपनी बेटी आरती की शादी 17 जनवरी 2017 को एटा जिले के पीपल अड्डा निवासी नरेंद्र के साथ की थी.

जानें मृतका के पिता ने क्या बताया
मृतका के पिता रामस्वरूप के मुताबिक इस विवाह में उसने नरेंद्र और उसके परिजनों को दहेज में 4 लाख और सारा सामान दिया था, लेकिन आरती के ससुराल वाले फिर भी दहेज की मांग कर रहे थे. वह आरती पर दो लाख और अल्टो कार के लिए लगातार दबाव बनाते थे और प्रताड़ित करते थे.

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रामस्वरूप का आरोप था कि 24 मार्च 2017 को आरोपी नरेंद्र उसके पिता, मां, देवर, ननंद और नंदोई ने उनकी बेटी आरती को फांसी पर लटका कर मार डाला. विवेचना के दौरान ननंद और नंदोई पर आरोप न पाते हुए पुलिस ने उनके खिलाफ आरोप पत्र प्रस्तुत नहीं किया जबकि आरोपी धर्मेंद्र की मुकदमे के दौरान मौत हो गई.

गुरुवार को जनपद न्यायाधीश रेणु अग्रवाल ने आरोपी नरेंद्र, उसकी मां सूरजमुखी और पिता रामवीर को दहेज हत्या का दोषी पाते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई और 21-21 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया.

Intro:एटा। जिला न्यायाधीश ने गुरुवार को दहेज हत्या के एक मामले में मृतका के पति समेत तीन लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाते हुए 21 हजार का जुर्माना भी लगाया है।



Body:दरअसल 24 मार्च 2017 को कोतवाली नगर में मैनपुरी जिले के बिछुआ थाना क्षेत्र के गांव संतोषपुर निवासी रामस्वरूप ने तहरीर देते हुए एफ आई आर दर्ज कराई। रामस्वरूप ने एफ आई आर दर्ज कराते हुए बताया कि उसने अपनी बेटी आरती की शादी 17 जनवरी 2017 को एटा जिले के पीपल अड्डा निवासी नरेंद्र के साथ की थी। रामस्वरूप के मुताबिक इस विवाह में उसने नरेंद्र व उसके परिजनों को दहेज में 4 लाख व सारा सामान दिया था। लेकिन आरती के ससुराल वाले फिर भी दहेज की मांग कर रहे थे। वह आरती पर दो लाख व अल्टो कार के लिए लगातार दबाव बनाते थे और प्रताड़ित करते थे । रामस्वरूप का आरोप था कि 24 मार्च 2017 को आरोपित नरेंद्र उसके पिता रामबीर मा सूरजमुखी देवर धर्मेंद्र, ननंद और नंदोई ने उनकी बेटी आरती को फांसी पर लटका कर मार डाला। विवेचना के दौरान ननंद व नंदोई पर आरोप ना पाते हुए पुलिस ने उनके खिलाफ आरोप पत्र प्रस्तुत नहीं किया। जबकि आरोपित धर्मेंद्र की मुकदमे के दौरान मौत हो गई ।


Conclusion:गुरुवार को जनपद न्यायाधीश रेणु अग्रवाल ने आरोपित नरेंद्र उसकी मां सूरजमुखी व पिता रामबीर को इस दहेज हत्या का दोषी पाते हुए पति समेत सास व श्वसुर को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। साथ ही 21- 21 हजार जुर्माने से भी दंडित किया है।
बाइट: रेशपाल सिंह राठौर ( जिला शासकीय अधिवक्ता, एटा न्यायालय)
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