एटा : समाजवादी पार्टी में हो रही उपेक्षा से नाराज चल रहे नेता विमल भदौरिया ने आज भाजपा का दामन थाम लिया है. इसके बाद उन्होंने मीडिया को बताया कि पार्टी महासचिव रामगोपाल यादव के कारण ही उन्होंने सपा छोड़ी है. उन्होंने रामगोपाल यादव पर फिरोजाबाद लोकसभा सीट से अपने पुत्र अक्षय यादव को जिताने के लिये लोकतंत्र की धज्जियां उड़ाने का भी आरोप लगाया है.
10 वर्षों से समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता विमल भदौरिया अखिलेश यादव के चचेरे भाई अंशुल यादव के खास माने जाते थे. वह बीते साल 2010 में समाजवादी पार्टी से इटावा सदर विधानसभा का चुनाव भी लड़ चुके हैं. वहीं इस बार के चुनाव में उन्होंने भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया है. भाजपा में शामिल होने के बाद उन्होंने ईटीवी से बात करते हुए कहा कि वे समाजवादी पार्टी नहीं छोड़ना चाहते थे, लेकिन उन्होंने राम गोपाल यादव की वजह से पार्टी छोड़ी है.
उन्होंने आगे कहा कि सपा राष्ट्रीय महासचिव रामगोपाल यादव ने तो समाजवाद की परिभाषा ही बदल दी है. उन्होंने पार्टी पर कब्जा कर लिया है. इटावा से लेकर नोयडा तक उनकी 17 कोठियां हैं. साथ ही फिरोजाबाद लोकसभा चुनाव में रामगोपाल यादव अपने पुत्र को जिताने के लिए अब तक 500 करोड़ रुपया पानी की तरह बहा चुके हैं.
वहीं विमल भदौरिया के आरोपों का जवाब प्रदेश की समाजवादी पार्टी ने भी दिया. पार्टी के प्रदेश महासचिव आदित्य गोविंद यादव ने कहा कि अगर अपने पुत्र के चुनाव में रामगोपाल यादव ने अब तक 500 करोड़ रुपया बहा दिया है तो यह रुपया विमल भदौरिया ही देने गए थे. इसी के साथ ही समाजवादी पार्टी ने कहा कि विमल भदौरिया सपा में शामिल ही एक भाजपा एजेंट के रूप में हुए थे.