ETV Bharat / state

व्यापारियों का 'रंग' फीका कर रहा ऑनलाइन बाजार

त्योहारों के समय अक्सर ही बाजारों में लोगों की भारी भीड़ देखी जाती है, लेकिन इस बार होली के त्योहार और शादीयों का मौसम होने के बाद भी लोग बाजार में नहीं दिख रहे. वहीं व्यापारी ऑनलाइन शॉपिंग को इसका कारण बता रहे हैं.

author img

By

Published : Mar 19, 2019, 10:57 AM IST

up holi

एटा : होली के त्योहार के बाद भी बाजारों में रौनक नजर नहीं आ रही है. सबसे बुरा हाल रेडीमेड कपड़ों का व्यापार करने वाले व्यापारियों का है. व्यापारियों पर यह मार ऑनलाइन खरीदारी के चलते पड़ी है. वहीं त्योहारों और सहालकों के समय चुनाव की तारीखों का पड़ना भी व्यापार पर असर डाल रहा है. बताया जा रहा है कि पिछली बार की अपेक्षा इस बार रेडीमेड कपड़ों की 50 प्रतिशत बिक्री भी नहीं हुई है.

ऑनलाइन शॉपिंग का बाजार पर पड़े असर के बारे में बताते दुकानदार.


त्योहारों और शादियों के मौसम में दुकानों पर सन्नाटा पसरा है. हालात यह है कि ग्राहकों के इंतजार में ही अब दुकानदारों का समय बीत रहा है. सबसे ज्यादा समस्या रेडीमेड कपड़ों का व्यापार करने वाले दुकानदारों के सामने खड़ी दिखाई पड़ रही है .त्योहारों के मौसम में भी बाजार में पसरे सन्नाटे के पीछे की मुख्य वजह लोगों में ऑनलाइन खरीदारी का बढ़ता क्रेज माना जा रहा है.


लोग कपड़ों की खरीदारी बाजारों की अपेक्षा ऑनलाइन करना ज्यादा पसंद कर रहे हैं. बाबूगंज में साड़ी की दुकान चलाने वाले प्रवीण बताते हैं कि ऑनलाइन खरीदारी से व्यापार में गिरावट आई है. पिछली बार की अपेक्षा इस बार आधे से भी कम दुकानदारी हुई है. बाजार में ग्राहकी ही नहीं है. जो चीज दुकानों पर 100 रुपए में मिलती है. वह ऑनलाइन 80 रुपये में ही मिल जाती है. ऑनलाइन का बाजार डोर टू डोर चल रहा है.


रेडीमेड कपड़ों का व्यापार करने वाले तनवीर के मुताबिक ऑनलाइन खरीदारी से सबसे ज्यादा मार छोटे दुकानदारों पर पड़ी है. कस्टमर ऑनलाइन खरीदारी कर रहा है. मार्केट की रंगत इसीलिए जा रही है. ऑनलाइन मार्केटिंग का प्रचलन बढ़ने से मार्केट के अंदर ग्राहकों की गिरावट आई है. इसके अलावा चुनाव की तारीखों से भी व्यापार पर असर पड़ा है. क्योंकि इस बीच में शादियों की तारीख भी पड़ती थी. लेकिन चुनाव की तारीख तय हो जाने के बाद लोगों ने कार्यक्रमों की तारीखें बदल दी हैं.

एटा : होली के त्योहार के बाद भी बाजारों में रौनक नजर नहीं आ रही है. सबसे बुरा हाल रेडीमेड कपड़ों का व्यापार करने वाले व्यापारियों का है. व्यापारियों पर यह मार ऑनलाइन खरीदारी के चलते पड़ी है. वहीं त्योहारों और सहालकों के समय चुनाव की तारीखों का पड़ना भी व्यापार पर असर डाल रहा है. बताया जा रहा है कि पिछली बार की अपेक्षा इस बार रेडीमेड कपड़ों की 50 प्रतिशत बिक्री भी नहीं हुई है.

ऑनलाइन शॉपिंग का बाजार पर पड़े असर के बारे में बताते दुकानदार.


त्योहारों और शादियों के मौसम में दुकानों पर सन्नाटा पसरा है. हालात यह है कि ग्राहकों के इंतजार में ही अब दुकानदारों का समय बीत रहा है. सबसे ज्यादा समस्या रेडीमेड कपड़ों का व्यापार करने वाले दुकानदारों के सामने खड़ी दिखाई पड़ रही है .त्योहारों के मौसम में भी बाजार में पसरे सन्नाटे के पीछे की मुख्य वजह लोगों में ऑनलाइन खरीदारी का बढ़ता क्रेज माना जा रहा है.


लोग कपड़ों की खरीदारी बाजारों की अपेक्षा ऑनलाइन करना ज्यादा पसंद कर रहे हैं. बाबूगंज में साड़ी की दुकान चलाने वाले प्रवीण बताते हैं कि ऑनलाइन खरीदारी से व्यापार में गिरावट आई है. पिछली बार की अपेक्षा इस बार आधे से भी कम दुकानदारी हुई है. बाजार में ग्राहकी ही नहीं है. जो चीज दुकानों पर 100 रुपए में मिलती है. वह ऑनलाइन 80 रुपये में ही मिल जाती है. ऑनलाइन का बाजार डोर टू डोर चल रहा है.


रेडीमेड कपड़ों का व्यापार करने वाले तनवीर के मुताबिक ऑनलाइन खरीदारी से सबसे ज्यादा मार छोटे दुकानदारों पर पड़ी है. कस्टमर ऑनलाइन खरीदारी कर रहा है. मार्केट की रंगत इसीलिए जा रही है. ऑनलाइन मार्केटिंग का प्रचलन बढ़ने से मार्केट के अंदर ग्राहकों की गिरावट आई है. इसके अलावा चुनाव की तारीखों से भी व्यापार पर असर पड़ा है. क्योंकि इस बीच में शादियों की तारीख भी पड़ती थी. लेकिन चुनाव की तारीख तय हो जाने के बाद लोगों ने कार्यक्रमों की तारीखें बदल दी हैं.

Intro:एंकर

एक दिन बाद होली का त्यौहार है। लेकिन एटा के बाजारों में रौनक नहीं है। सबसे बुरा हाल रेडीमेड कपड़ों का व्यापार करने वाले व्यापारियों का है। इन व्यापारियों पर सबसे ज्यादा मार ऑनलाइन खरीदारी के चलते पड़ी है। वहीं त्योहारों व सहालको के समय चुनाव की तारीखों का पड़ना भी व्यापार पर असर डाल रहा है । बताया जा रहा है की पिछली बार की अपेक्षा इस बार रेडीमेट कपड़ों की 50 प्रतिशत बिक्री भी नहीं हुई है।


Body:वीओ- त्योहारों व शादियों के मौसम में दुकानों पर पसरा सन्नाटा, व्यापारियों की मायूसी का कारण बन रहा है। पूरा पूरा दिन बीत जाने के बाद भी दो चार ग्राहक ही दुकानों में आते हैं। हालात यह है कि ग्राहकों के इंतजार में ही अब दुकानदारों का समय बीत रहा है। दुकानदार दुकानों में ग्राहकों के आने का इंतजार करते हुए आसानी से देखे जा सकते हैं। सबसे बड़ी समस्या रेडीमेड कपड़ों का व्यापार करने वाले दुकानदारों के सामने खड़ी दिखाई पड़ रही है ।त्योहारों के मौसम में भी बाजार में पसरे सन्नाटे के पीछे की मुख्य वजह लोगों में ऑनलाइन खरीदारी का बढ़ता क्रेज माना जा रहा है। लोग कपड़ों की खरीदारी बाजारों की अपेक्षा ऑनलाइन करना ज्यादा पसंद कर रहे हैं। एटा के बाबूगंज में साड़ी की दुकान चलाने वाले प्रवीण बताते हैं कि ऑनलाइन खरीदारी से व्यापार में गिरावट आई है। पिछली बार की अपेक्षा इस बार आधे से भी कम दुकानदारी हुई है । बाजार में ग्राहकी ही नहीं है । जो चीज दुकानों पर 100 रुपए में मिलती है । वह ऑनलाइन 80 रुपये में ही मिल जाती है। ऑनलाइन का बाजार डोर टू डोर चल रहा है।
रेडीमेड कपड़ों का व्यापार करने वाले तनवीर के मुताबिक ऑनलाइन खरीदारी से सबसे ज्यादा मार छोटे दुकानदारों पर पड़ी है। कस्टमर ऑनलाइन खरीदारी कर रहा है । मार्केट की रंगत इसीलिए जा रही है । ऑनलाइन मार्केटिंग का प्रचलन बढ़ने से मार्केट के अंदर ग्राहकों की गिरावट आई है । इसके अलावा चुनाव की तारीखों से भी व्यापार पर असर पड़ा है । क्योंकि इस बीच में शादियों की तारीख भी पड़ती थी। लेकिन चुनाव की तारीख तय हो जाने के बाद लोगों ने कार्यक्रमों की तारीखें बदल दी है ।
बाइट:प्रवीण (दुकानदार)
बाइट:तनवीर(दुकानदार)


Conclusion:
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.