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कोरोना वायरस: एटा जेल में बंद भाइयों को राखी नहीं बांध पाएंगी बहनें

एटा जिला कारागार में बंद बंदियों और कैदियों को उनकी बहनें इस बार रक्षाबंधन पर राखी नहीं बांध पाएंगी. कोरोना संक्रमण के कारण बंदियों से मुलाकात पर पाबंदी रहेगी. हालांकि कारागार प्रशासन ने एक कैदियों तक राखी पहुंचाने का एक अनोखा तरीका बताया है.

जिला कारागार.
जिला कारागार.
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Published : Jul 28, 2020, 9:47 AM IST

एटा: कोरोना संक्रमण के इस दौर में पड़ने वाले पर्व-त्योहार महज तारीखों में ही सिमटकर रह गए हैं. इस बार रक्षाबंधन के अवसर पर पहले की तरह जिला कारागार में त्योहार नहीं मनाया जाएगा. हालांकि जिला कारागार प्रशासन ने एक रास्ता निकाला है, जिससे बहनों की राखी जेल में बंद उनके भाइयों तक पहुंचाई जा सकती है.

बताया जा रहा है कि 1 अगस्त तक लिफाफे में राखी रखकर बहनें जेल के गेट पर जमा करा सकती हैं. जिला कारागार प्रशासन यह राखियां जेल में बंद उनके भाइयों तक पहुंचाएगा. कोरोना संक्रमण काल में जिला कारागार में बंद कैदियों से प्रत्यक्ष मुलाकात पर रोक है, जिसका असर सीधे तौर पर रक्षाबंधन पर्व पर भी पड़ रहा है.

जेल में कोरोना वायरस का संक्रमण न फैले इसके लिए बहनों को रक्षाबंधन के दिन उनके भाइयों से मुलाकात नहीं करने दी जाएगी. यही कारण है कि इस दिन बहनें कारागार में बंद अपने भाइयों के माथे पर तिलक कर उन्हें प्रत्यक्ष रूप से राखी नहीं बांध पाएंगी.

जेल अधीक्षक पी पी सिंह ने बताया कि बहनों की उनके भाइयों से जिला कारागार में प्रत्यक्ष रूप से मुलाकात तो नहीं हो सकती. जो बहनें अपने भाइयों को राखी भेजना चाहती हैं, वह एक लिफाफे में राखियों को रखकर 1 अगस्त की शाम तक कारागार के मुख्य द्वार पर जमा करा दें. 2 अगस्त के दिन लिफाफों को सैनिटाइज कराया जाएगा.

जिस लिफाफे पर जिस बंदी का नाम लिखा रहेगा, उसको सौंप दिया जाएगा. लिफाफे में मिठाई प्रतिबंधित रहेगी. बता दें कि जिला कारागार एटा में भी कई बंदी कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं, जिसके बाद एटा जिला कारागार प्रशासन ने यह फैसला लिया है. जेल में किसी भी प्रकार के आवागमन तथा बंदियों को उनके परिजनों से फिलहाल मिलने पर रोक है.

एटा: कोरोना संक्रमण के इस दौर में पड़ने वाले पर्व-त्योहार महज तारीखों में ही सिमटकर रह गए हैं. इस बार रक्षाबंधन के अवसर पर पहले की तरह जिला कारागार में त्योहार नहीं मनाया जाएगा. हालांकि जिला कारागार प्रशासन ने एक रास्ता निकाला है, जिससे बहनों की राखी जेल में बंद उनके भाइयों तक पहुंचाई जा सकती है.

बताया जा रहा है कि 1 अगस्त तक लिफाफे में राखी रखकर बहनें जेल के गेट पर जमा करा सकती हैं. जिला कारागार प्रशासन यह राखियां जेल में बंद उनके भाइयों तक पहुंचाएगा. कोरोना संक्रमण काल में जिला कारागार में बंद कैदियों से प्रत्यक्ष मुलाकात पर रोक है, जिसका असर सीधे तौर पर रक्षाबंधन पर्व पर भी पड़ रहा है.

जेल में कोरोना वायरस का संक्रमण न फैले इसके लिए बहनों को रक्षाबंधन के दिन उनके भाइयों से मुलाकात नहीं करने दी जाएगी. यही कारण है कि इस दिन बहनें कारागार में बंद अपने भाइयों के माथे पर तिलक कर उन्हें प्रत्यक्ष रूप से राखी नहीं बांध पाएंगी.

जेल अधीक्षक पी पी सिंह ने बताया कि बहनों की उनके भाइयों से जिला कारागार में प्रत्यक्ष रूप से मुलाकात तो नहीं हो सकती. जो बहनें अपने भाइयों को राखी भेजना चाहती हैं, वह एक लिफाफे में राखियों को रखकर 1 अगस्त की शाम तक कारागार के मुख्य द्वार पर जमा करा दें. 2 अगस्त के दिन लिफाफों को सैनिटाइज कराया जाएगा.

जिस लिफाफे पर जिस बंदी का नाम लिखा रहेगा, उसको सौंप दिया जाएगा. लिफाफे में मिठाई प्रतिबंधित रहेगी. बता दें कि जिला कारागार एटा में भी कई बंदी कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं, जिसके बाद एटा जिला कारागार प्रशासन ने यह फैसला लिया है. जेल में किसी भी प्रकार के आवागमन तथा बंदियों को उनके परिजनों से फिलहाल मिलने पर रोक है.

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