एटाः भाजपा से राज्यसभा सांसद हरनाथ सिंह यादव ने कोरोना महामारी के इस दौर में मैनपुरी जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर चिंता जताई. साथ ही इसके लिए उदासीन अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराया. साथ ही पूरे देश में श्रमिकों की दयनीय स्थिति पर ईटीवी भारत से खास बातचीत की है.
राज्यसभा सांसद हरनाथ सिंह यादव ने देश के औद्योगिक घरानों पर निशाना साधते हुए कहा है कि कोरोना संकट इस घड़ी में उद्योगपतियों ने श्रमिकों के साथ विश्वासघात किया है. उन्होंने कहा कि औद्योगिक घरानों को जो भी मिला है. वह श्रमिकों के मेहनत का नतीजा है, लेकिन जब संकट की घड़ी आई तो उद्योगपतियों ने उन्हें मरने के लिए छोड़ दिया. उद्योगपतियों ने श्रमिकों के साथ जघन्य अपराध किया गया है.
राज्यसभा सांसद हरनाथ सिंह यादव ने कहा है कि देश को आजाद हुए 70 साल हो गए, लेकिन मैनपुरी का यह दुर्भाग्य रहा कि वहां की स्वास्थ्य सेवाएं दयनीय स्थिति में हैं. लंबे अरसे तक मुलायम सिंह यादव, अखिलेश यादव या फिर उनके ही परिवार का कोई सदस्य मैनपुरी का प्रतिनिधित्व करता रहा, लेकिन स्वास्थ्य सेवाओं की कभी चिंता नहीं की. उन्होंने कहा कि इन्हीं सब स्थितियों को देखते हुए कोरोना महामारी के इस दौर में मैनपुरी के जिला अस्पताल में वेंटिलेटर की जरूरत महसूस हुई.
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हरनाथ सिंह यादव ने कहा कि यह देखते हुए सांसद निधि से 25 लाख रुपए मैनपुरी जिला प्रशासन को दिए गए. जिससे वेंटीलेटर्स लगाए जा सकें, लेकिन वहां के कुछ अधिकारियों ने इसे गंभीरता से नहीं लिया. इसके कारण सांसद निधि का दिया गया पैसा अन्य विकास कार्यों के लिए वापस ले लिया गया. सरकार इसका संज्ञान जरूर लेगी.