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एटा: उदासीनता का शिकार सरकारी विभाग, नहीं है जल संचयन की व्यवस्था

उत्तर प्रदेश के एटा जिले में सरकारी विभाग जल संचयन को लेकर उदासीन बनी हुई है. अभी तक कलेक्ट्रेट, विकास भवन, पुलिस लाइन समेत कई जगहों पर रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम तक नहीं बनाया गया. अधिकारी इसके पीछे की वजह बजट बता रहे हैं.

सरकारी विभागों में नहीं है जल संचयन की व्यवस्था.
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Published : Nov 23, 2019, 12:39 PM IST

एटा: जिले में डीएम कार्यालय से लेकर विकास भवन तक कहीं पर भी जल संचयन की व्यवस्था नहीं है. इसके पीछे का कारण बजट बताया जा रहा है. जल संचयन के लिए कोई अलग से बजट न होने के चलते कलेक्ट्रेट, डीएम आवास, विकास भवन, पुलिस लाइन जैसे तमाम जगहों पर आज तक रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम नहीं बनाया गया. न ही कोई जल संचयन की व्यवस्था की गई. हालांकि जलेसर विधानसभा में जल संचयन के लिए तालाबों के जीर्णोद्धार की बात की जा रही है.

सरकारी विभागों में नहीं है जल संचयन की व्यवस्था.

जलेसर क्षेत्र को जल संचयन के लिए चिन्हित
दरअसल, भारत सरकार द्वारा एटा जिले के जलेसर क्षेत्र को जल संचयन के लिए विशेष तौर पर चिन्हित किया गया है. इसी के चलते यहां पर तालाब, रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम व जगह-जगह नालियों का निर्माण कराने की बात की जा रही है. मौजूदा समय में जलेसर नगर पंचायत क्षेत्र में एक बड़े तालाब का निर्माण कराया जा रहा है, जिसका मौजूदा बजट चार करोड़ बताया जा रहा है.

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सरकारी विभागों स्थिति दयनीय
इसके अलावा जिले के अन्य विधानसभाओं में अभी तक जल संचयन के लिए किए गए कार्य बहुत ही कम दिखाई पड़ते हैं. सबसे बुरी स्थिति जिले के सरकारी विभागों की है. यहां पर अभी तक रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम तक नहीं बनाया गया है.

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क्या बोले जिम्मेदार
जिले के मुख्य विकास अधिकारी मदन वर्मा की माने तो जिला मुख्यालय पर जो बड़े विभाग हैं. उन्होंने रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम के लिए प्रपोजल भेजा है. बजट मिलते ही काम शुरू कर दिया जाएगा.

एटा: जिले में डीएम कार्यालय से लेकर विकास भवन तक कहीं पर भी जल संचयन की व्यवस्था नहीं है. इसके पीछे का कारण बजट बताया जा रहा है. जल संचयन के लिए कोई अलग से बजट न होने के चलते कलेक्ट्रेट, डीएम आवास, विकास भवन, पुलिस लाइन जैसे तमाम जगहों पर आज तक रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम नहीं बनाया गया. न ही कोई जल संचयन की व्यवस्था की गई. हालांकि जलेसर विधानसभा में जल संचयन के लिए तालाबों के जीर्णोद्धार की बात की जा रही है.

सरकारी विभागों में नहीं है जल संचयन की व्यवस्था.

जलेसर क्षेत्र को जल संचयन के लिए चिन्हित
दरअसल, भारत सरकार द्वारा एटा जिले के जलेसर क्षेत्र को जल संचयन के लिए विशेष तौर पर चिन्हित किया गया है. इसी के चलते यहां पर तालाब, रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम व जगह-जगह नालियों का निर्माण कराने की बात की जा रही है. मौजूदा समय में जलेसर नगर पंचायत क्षेत्र में एक बड़े तालाब का निर्माण कराया जा रहा है, जिसका मौजूदा बजट चार करोड़ बताया जा रहा है.

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सरकारी विभागों स्थिति दयनीय
इसके अलावा जिले के अन्य विधानसभाओं में अभी तक जल संचयन के लिए किए गए कार्य बहुत ही कम दिखाई पड़ते हैं. सबसे बुरी स्थिति जिले के सरकारी विभागों की है. यहां पर अभी तक रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम तक नहीं बनाया गया है.

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क्या बोले जिम्मेदार
जिले के मुख्य विकास अधिकारी मदन वर्मा की माने तो जिला मुख्यालय पर जो बड़े विभाग हैं. उन्होंने रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम के लिए प्रपोजल भेजा है. बजट मिलते ही काम शुरू कर दिया जाएगा.

Intro:एटा जिले के डीएम कार्यालय से लेकर विकास भवन तक कहीं पर भी जल संचयन की व्यवस्था नहीं है। इसके पीछे का कारण बजट बताया जा रहा है। जल संचयन के लिए कोई अलग से बजट ना होने के चलते कलेक्ट्रेट ,डीएम आवास, विकास भवन पुलिस लाइन, इन तमाम जगहों पर आज तक रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम नहीं बनाया गया और ना ही कोई जल संचयन की व्यवस्था की गई। हालाकी जिले के डार्क जोन कहे जाने वाले जलेसर विधानसभा में जल संचयन के लिए तालाबों के जीर्णोद्धार की बात की जा रही है। जो नगर व ग्राम पंचायतों की बजट से कराया जा रहा है। बाकी बचे जिले की 3 विधानसभाओं में अभी तक इस तरीके का कोई भी कार्य शुरू नहीं हुआ है। ऐसे में जब लगातार घट रहे जलस्तर को सरकार सवारने की बात कर रही है। वहीं जिले की किसी भी सरकारी भवन में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम का ना होना अधिकारियों को सवालों के घेरे में खड़ा करता है।


Body:दरअसल भारत सरकार द्वारा एटा जिले के जलेसर क्षेत्र को जल संचयन के लिए विशेष तौर पर चिन्हित किया गया है। इसी के चलते यहां पर तालाब ,रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम तथा जगह-जगह नालियों का निर्माण कराने की बात की जा रही है। मौजूदा समय में जलेसर नगर पंचायत क्षेत्र में एक बड़े तालाब का निर्माण कराया जा रहा है। जिसका मौजूदा बजट चार करोड़ बताया जा रहा है। इसके अलावा जिले के अन्य विधानसभाओं में अभी तक जल संचयन के लिए किए गए कार्य बहुत ही कम दिखाई पड़ते हैं। सबसे बुरी स्थिति जिले के सरकारी विभागों की हैं । यहां पर अभी तक रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम तक नहीं बनाया गया है।


Conclusion:जिले के मुख्य विकास अधिकारी मदन वर्मा की माने तो जिला मुख्यालय पर जो बड़े विभाग है। उन्होंने रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम के लिए प्रपोजल भेजा है। बजट मिलते ही काम शुरू कर दिया जाएगा।
बाइट: मदन वर्मा (मुख्य विकास अधिकारी, एटा)
पीटूसी: वीरेंद्र
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