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गमगीन माहौल में निकला मुहर्रम का जुलूस, सुरक्षा के रहे कड़े इंतजाम - ghaziabad latest news

यूपी के शहरों में बड़े धूमधाम से ताजिये का जुलूस निकाला गया और इस मौके पर कलाकारों ने जमकर करतब दिखाए. वहीं मुहर्रम को लेकर प्रदेश भर में सुरक्षा के कड़े इंतजाम रहे.

गमगीन माहौल में निकला मुहर्रम का जुलूस
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Published : Sep 11, 2019, 2:27 PM IST

एटा: जिले के अलीगंज में बड़े धूमधाम से ताजिये का जुलूस निकाला गया और इस मौके पर कलाकारों ने जमकर करतब दिखाए. वहीं मुहर्रम को लेकर शहर में सुरक्षा व्यावस्था के भी पुख्ता इंतजाम किए गए. वहीं ताजियों को देखने कई जिलों के लोग आए हुए थे.

गमगीन माहौल में निकला दसवीं मुहर्रम का जुलूस

जिले में धूमधाम से निकाला गया ताजिये का जुलूस
जिले के अलीगंज क्षेत्र में मुहर्रम का जुलूस बड़े ही धूमधाम से निकाला गया. इस मौके पर शहर में कड़ी का सुरक्षा के इंतजाम किए थे.वहीं ताजियों के जानकार लड्डन मियां ने बताया यह जुलूस हजरत इमाम हुसैन की याद में निकाला जाता है जिन्होंने अल्लाह की रजा के लिए अपने अजीजो अपने घरवालों और अपने दोस्तों को कुर्बान कर दिया था.

मऊ : जिले में मुहर्रम की अनोखी परंपरा कई वर्षों से चली आ रही है. इस परंपरा के मद्देनजर मंगलवार की देर रात्रि में मोहर्रम पर्व के दौरान संस्कृत पाठशाला पर तीन सीढ़ियों पर ताजिया लेकर चढ़ने की परंपरा को पूरा किया गया . इसी परंपरा को संपन्न कराने के लिए जिले में भारी फोर्स पुलिस बल को तैनात किया गया.

संस्कृत पाठशाला स्थित तीन सीढ़ियों पर ताजिया चढ़ने की है पुरानी परंपरा
नगर क्षेत्र के संस्कृत पाठशाला स्थित तीन सीढ़ियों पर ताजिया चढ़ने की पुरानी परंपरा चली आ रही है. परंपरा के तहत जब ताजिया का जुलूस संस्कृत पाठशाला के पास पहुंचता है तो उसे पाठशाला की तीन सीढ़ियों पर चढ़ाकर उतारा जाता है. इसी वजह से यह स्थान पर काफी संवेदनशील बना रहता है. यहां पर भारी संख्या में पुलिस बल पीएसी और आरएएफ के जवानों की निगरानी में ताजिया को सीढ़ियों पर चढ़ाकर मंगलवार को उतारा गया. वहीं शहर में धूमधाम से मुहर्रम का जुलूस निकाला गया.

गोरखपुर: जिले में शहीद आजम ईमाम हुसैन की यौम ए शाहदत पर मुहर्रम का जुलूस निकाला गया. जनपद के गुलहरिया इलाके के भटहट कस्बे में स्थित अतिसंवेदनशील कर्बला पर सैकडों गांवों का ताजिया जुलूस सकुशल अपने अखारी पढाव पर पहूंचा तो जिले के आलाधिकारियों ने राहत भरी सांसें ली. वही समय समय पर पुलिस के आलाधिकारी भटहट कर्बला का जायजा लेते रहे. बताते चले ईमाम हुसैन की शहादत दसवीं मुहर्रम 61 हिजरी में हुआ था. तभी मुस्लिम समुदाय गमगीन हो कर इस त्योहार को मनाते है.

मुहर्रम के जुलूस के मौके पर आलाधिकारी रहे मौजूद
दसवीं मुहर्रम का ताजिया जुलूस अपने परंपरागत रास्तों से होते हुए गुलहरिया के भटहट स्थित कर्बला पर देर शाम पहुंचा. बता दें कि पिछले वर्ष इसी मोहर्रम के दिन ताजिया जुलूस में शामिल डीजे पर बैठा एक व्यक्ति हाई वोल्टेज करंट की चपेट में आने से बुरी तरह से झुलस गया था. इससे नाराज भीड़ में शामिल लोगों ने जमकर उत्पात मचाया था. तोड़फोड़ के साथ पुलिस की सरकारी जीप को आग के हवाले कर दिया था. उस घटना को ध्यान में रखते हुऐ पुलिस प्रशासन इस बार चौकन्ना थी. चप्पे चप्पे पर निगरानी रखने के साथ समय-समय पर पुलिस प्रशासन के आला अधिकारी जैसे एसपी नार्थ अरविंद कुमार पाण्डेय, सीओ चौरीचौरा सुमित शुक्ला, नायब तहसीलदार सदर राधेश्याम गुप्ता गुलरिया थाना प्रभारी निरीक्षक मनोज कुमार राय आदि लोगों ने जायजा लिया.

गाजियाबाद : गाजियाबाद में मंगलवार को मातम के माहौल में मुहर्रम मनाया गया. मुहर्रम को लेकर जिले के विभिन्न इलाकों में ताजिया निकाली गई. साथ ही इस्लाम धर्म के अनुयायी ताजियों के साथ-साथ मातम भी मनाते दिखे.

मुहर्रम का इतिहास :
मुहर्रम की नवें और दसवें को रोजा रखने और दान करने की परंपरा है. यह शहादत का पर्व इसलिए मनाया जाता है क्योंकि 1400 साल पहले आज ही के दिन मुसलमानों के आखिरी पैगंबर हजरत मोहम्मद साहब के नवासे इमाम हसन और हुसैन को कर्बला के मैदान में हक की लड़ाई लड़ते-लड़ते यजीद ने कत्ल कर दिया था. इस अवसर पर जो ताजिया निकालने की परंपरा है, वह देश में उस समय से लागू है जब तैमूर लंग ने देश पर शासन करना शुरू किया था.

एटा: जिले के अलीगंज में बड़े धूमधाम से ताजिये का जुलूस निकाला गया और इस मौके पर कलाकारों ने जमकर करतब दिखाए. वहीं मुहर्रम को लेकर शहर में सुरक्षा व्यावस्था के भी पुख्ता इंतजाम किए गए. वहीं ताजियों को देखने कई जिलों के लोग आए हुए थे.

गमगीन माहौल में निकला दसवीं मुहर्रम का जुलूस

जिले में धूमधाम से निकाला गया ताजिये का जुलूस
जिले के अलीगंज क्षेत्र में मुहर्रम का जुलूस बड़े ही धूमधाम से निकाला गया. इस मौके पर शहर में कड़ी का सुरक्षा के इंतजाम किए थे.वहीं ताजियों के जानकार लड्डन मियां ने बताया यह जुलूस हजरत इमाम हुसैन की याद में निकाला जाता है जिन्होंने अल्लाह की रजा के लिए अपने अजीजो अपने घरवालों और अपने दोस्तों को कुर्बान कर दिया था.

मऊ : जिले में मुहर्रम की अनोखी परंपरा कई वर्षों से चली आ रही है. इस परंपरा के मद्देनजर मंगलवार की देर रात्रि में मोहर्रम पर्व के दौरान संस्कृत पाठशाला पर तीन सीढ़ियों पर ताजिया लेकर चढ़ने की परंपरा को पूरा किया गया . इसी परंपरा को संपन्न कराने के लिए जिले में भारी फोर्स पुलिस बल को तैनात किया गया.

संस्कृत पाठशाला स्थित तीन सीढ़ियों पर ताजिया चढ़ने की है पुरानी परंपरा
नगर क्षेत्र के संस्कृत पाठशाला स्थित तीन सीढ़ियों पर ताजिया चढ़ने की पुरानी परंपरा चली आ रही है. परंपरा के तहत जब ताजिया का जुलूस संस्कृत पाठशाला के पास पहुंचता है तो उसे पाठशाला की तीन सीढ़ियों पर चढ़ाकर उतारा जाता है. इसी वजह से यह स्थान पर काफी संवेदनशील बना रहता है. यहां पर भारी संख्या में पुलिस बल पीएसी और आरएएफ के जवानों की निगरानी में ताजिया को सीढ़ियों पर चढ़ाकर मंगलवार को उतारा गया. वहीं शहर में धूमधाम से मुहर्रम का जुलूस निकाला गया.

गोरखपुर: जिले में शहीद आजम ईमाम हुसैन की यौम ए शाहदत पर मुहर्रम का जुलूस निकाला गया. जनपद के गुलहरिया इलाके के भटहट कस्बे में स्थित अतिसंवेदनशील कर्बला पर सैकडों गांवों का ताजिया जुलूस सकुशल अपने अखारी पढाव पर पहूंचा तो जिले के आलाधिकारियों ने राहत भरी सांसें ली. वही समय समय पर पुलिस के आलाधिकारी भटहट कर्बला का जायजा लेते रहे. बताते चले ईमाम हुसैन की शहादत दसवीं मुहर्रम 61 हिजरी में हुआ था. तभी मुस्लिम समुदाय गमगीन हो कर इस त्योहार को मनाते है.

मुहर्रम के जुलूस के मौके पर आलाधिकारी रहे मौजूद
दसवीं मुहर्रम का ताजिया जुलूस अपने परंपरागत रास्तों से होते हुए गुलहरिया के भटहट स्थित कर्बला पर देर शाम पहुंचा. बता दें कि पिछले वर्ष इसी मोहर्रम के दिन ताजिया जुलूस में शामिल डीजे पर बैठा एक व्यक्ति हाई वोल्टेज करंट की चपेट में आने से बुरी तरह से झुलस गया था. इससे नाराज भीड़ में शामिल लोगों ने जमकर उत्पात मचाया था. तोड़फोड़ के साथ पुलिस की सरकारी जीप को आग के हवाले कर दिया था. उस घटना को ध्यान में रखते हुऐ पुलिस प्रशासन इस बार चौकन्ना थी. चप्पे चप्पे पर निगरानी रखने के साथ समय-समय पर पुलिस प्रशासन के आला अधिकारी जैसे एसपी नार्थ अरविंद कुमार पाण्डेय, सीओ चौरीचौरा सुमित शुक्ला, नायब तहसीलदार सदर राधेश्याम गुप्ता गुलरिया थाना प्रभारी निरीक्षक मनोज कुमार राय आदि लोगों ने जायजा लिया.

गाजियाबाद : गाजियाबाद में मंगलवार को मातम के माहौल में मुहर्रम मनाया गया. मुहर्रम को लेकर जिले के विभिन्न इलाकों में ताजिया निकाली गई. साथ ही इस्लाम धर्म के अनुयायी ताजियों के साथ-साथ मातम भी मनाते दिखे.

मुहर्रम का इतिहास :
मुहर्रम की नवें और दसवें को रोजा रखने और दान करने की परंपरा है. यह शहादत का पर्व इसलिए मनाया जाता है क्योंकि 1400 साल पहले आज ही के दिन मुसलमानों के आखिरी पैगंबर हजरत मोहम्मद साहब के नवासे इमाम हसन और हुसैन को कर्बला के मैदान में हक की लड़ाई लड़ते-लड़ते यजीद ने कत्ल कर दिया था. इस अवसर पर जो ताजिया निकालने की परंपरा है, वह देश में उस समय से लागू है जब तैमूर लंग ने देश पर शासन करना शुरू किया था.

Intro:गोरखपुर में शहीद आजम ईमाम हुसैन की यौम ए शाहदत पर निकाला गया ताजिया जुलूस सकुशल समपन्न हुआ. जनपद के गुलहरिया इलाके के भटहट कस्बे में स्थित अतिसंवेदनशील कर्बला पर सैकडों गांवों का ताजिया जुलूस सकुशल अपने आखारी पढाव पर पहूंचा तो जिले के आलाधिकारियों ने राहत भरी सांसें लिया. वही समय समय पर पुलिस के आलाधिकारी भटहट कर्बला का जायजा लेते रहे. बताते चले ईमाम हुसैन की शहादत दसवीं मुहर्रम 61 हिजरी में हुआ था. तभी मुस्लिम समुदाय गमगीन हो कर इस त्योहार को मनाते है.

पिपराइच गोरखपुर: दसवीं मुहर्रम का ताजिया जुलूस अपने परंपरागत रास्तों से होते हुए गुलहरिया के भटहट स्थित कर्बला पर देर शाम पहुंचा. बता दें कि पिछले वर्ष इसी मोहर्रम के दिन ताजिया जुलूस में शामिल डीजे पर बैठा एक व्यक्ति हाई वोल्टेज करंट की चपेट में आने से बुरी तरह से झुलस गया था इससे नाराज भीड़ में शामिल लोगों ने जमकर उत्पात मचाया था. तोड़फोड़ के साथ पुलिस की सरकारी जीप को आग के हवाले कर दिया था. उस घटना को ध्यान में रखते हुऐ पुलिस प्रशासन इस बार चौकन्ना था. चप्पे चप्पे पर निगरानी रखने के साथ समय-समय पर पुलिस प्रशासन के आला अधिकारी जैसे एसपी नार्थ अरविंद कुमार पाण्डेय, सीओ चौरीचौरा सुमित शुक्ला, नायब तहसिलदार सदर राधेश्याम गुप्ता गुलरिया थाना प्रभारी निरीक्षक मनोज कुमार राय आदि लोगों ने जायजा लिया. ताजिया जुलूस सकुशल कर्बला पर पहुंचा तब अधिकारियों ने राहत की सांसें ली
Body:
&दो जिले के दर्जनों गांव का ताजिया भटहट में होता है दफन&
बताते चलें की पढोसी जनपद महराजगंज के श्यामदेउरवा तथा गोरखपुर के गुलरिहा एवं पिपराइच थाना क्षेत्र के दर्जनों गांव के ताजियादार ताजिया जुलूस लेकर भटहट स्थित कर्बला पर अकीदत के साथ जाते है। अदबो एहतराम के साथ दफन करने के साथ मेला देखते है और घर लौट जाते है.

&इस्लाम की अजमज पर कुर्बान हुए शहीद ए आजम&

कत्ले हुसैन अलस में मरगे यजीद है, इस्लाम जिन्दा होता है हर कर्बला के बाद किसी सायर की ये पंक्तियां इस्लाम की अजत पर जान देने वाले हुसैन की शहादत को व्यक्त करता है. जब जब हिजरी का पहला महीना मोहर्रम आता है. यादे हुसैन से इस्लाम की रुहानियत तरोताजा हो जाती है. दसवीं मोहर्रम मंगलवार का दिन ईमाम हुसैन की यादों में गुजरा. फिजाओं में हर तरफ या हुसैन या हुसैन का नाम गूंज रहा था. बताते चलें कि ईमाम हुसैन अव्वल व आखिर पैगम्बर मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहिवसल्लम की साहबजाती खातून ए जन्नत फातमा जोहरा के लाल है. नवास ए रसूल दोनो जहां के मालिको मुख्तार नबी ए करीम के लख्ते जिगर है. शहीद ए आजम ईमाम हुसैन अपने नाना जान की उम्मत के खातिर, सर जमीने कर्बला में तीन दिनो के भूखे प्यासे रहने के बावजूद यजीद के जुल्मों सितम के आगे नही झुके.Conclusion:
&प्यासे 6 माह के नन्हे अलीअसगर पर यजीदी फौज ने बरसाये तीर &

कर्बला के मैदान में ईमाम हुसैन और जालिम यजीद के बीच हक और बातिल की जंग जारी है. दस मोहर्रम 61हिजरी को दोपहर में ईमाम हुसैन शोर सुन कर जब खेमें में पहूंचे तो देखा कि उनका बेटा 6 माह का अलीअसगर तड़प रहे थे उन्होंने अली असर को हाथों लेकर जंग के मैदान में पहूंचे और यजीद के फौज से बोले तुम्हारी दुश्मनी हमसे है इस नन्हें असगर से नही. अली असगर प्यासे है पानी पीला दो इतने में यजीदी फौजियों ने तीरों की बारिश कर दिया एक तीर अलीअसगर के गले में लगा. अलीअसगर की प्यासी सांसें थम गई शहादत का जाम पी लिए. इसके बाद सिर्फ ईमाम हुसैन रह गए बाकी अहले बैत के सभी लोग शहीद हो गए थे. शहीद ए आजम ईमाम हुसैन कर्बला की तमतमाती रेत पर रब की रजा के खातिर सिर को सजदे में रख कर, शहादत का जाम पी लिया और इस्लाम को ताजगी दे गये और ताजगी भी इस कदर दे गये कि उनका नाम लेते ही ईमान तरोताजा हो जाता है. जब जब मुहर्रम आता है तो यकीदत मंद यही कहते है कि इस्लाम जिन्दा होता है कर्बला के बाद.


&घरों नहीं जलते है चुल्हा&

मुस्लिम समुदाय के घरों में दसवीं मुहर्रम की सुबह चूल्हा तक नही जलाता. हर अकीदतमंद रोजा रख कर हुसैन याद ताजा शाम को सबसे पहले फातेहाखानी के होने के बाद सभी लोग उपवास का पारन करते है.

बाइट- मौलाना आस मोहम्मद (धर्म गुरु)

नोट- नेटवर्क खराब होने के कारण कल रात आठ बजे से खबर नही जा रहा था किसी तरह भेजें है.

रफिउल्लाह अन्सारी 8318103822
भारत पिपराइच गोरखपुर
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