एटा: देश के सबसे बड़े सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ के आदेश के बाद जनवरी माह में जिला प्रशासन ने अस्थाई रूप से गोवंश आश्रय स्थलों का निर्माण तो करा दिया, लेकिन इन आश्रय स्थलों पर सुविधाओं के नाम पर महज खानापूर्ति ही की गई है.
धूप में रहने को मजबूर गोवंश
- जिले के सबसे बड़े गोवंश आश्रय स्थलों में से एक मलावन थाना क्षेत्र में पड़ने वाले आश्रय स्थल पर करीब 90 गोवंश को लाकर रखा गया है.
- यहां खुले आसमान के नीचे चिलचिलाती धूप में गोवंश रहने को मजबूर हैं, जिससे यह गोवंश तड़पते हुए देखे जा सकते हैं.
- पूरे आश्रय स्थल पर न तो छप्पर की व्यवस्था है और न ही कोई टीन शेड ही दिखाई पड़ता है.
- इतना ही नहीं, यहां पानी के लिए लगाया गया नल भी सूखा ही पड़ा रहता है.
- इसके अलावा आश्रय स्थल पर गोवंश के खाने की भी कोई व्यवस्था दिखाई नहीं पड़ती है.
सुविधाओं का अभाव
- मुख्यमंत्री की गोवंशों तथा किसानों की फसलों की सुरक्षा की मंशा सरकारी उदासीनता की भेंट चढ़ती जा रही है.
- यहां गोवंशो के लिए खाने की कोई व्यवस्था नहीं है.
- नाद खाली पड़ी हुई है, उसमें भूसे का एक दाना भी दिखाई नहीं पड़ता है.
- नल सूखा रहता है, जिससे करीब 90 गोवंशो को खाने के लिए आस-पास खाली पड़े खेतों व पानी के लिए दूर छोटे से तालाब का ही सहारा है.
- गोवंश आश्रय स्थल की देखभाल करने वाले कन्हैया लाल बीते 4 महीने से इन गोवंश की देखभाल कर रहे हैं, इसके बदले उन्हें मेहनताने के रूप में अब तक पांच हजार रुपये ही मिले हैं.
गोवंशो को मैं दिन भर इधर-उधर लेकर चराता रहता हूं. गोवंश आश्रय स्थल पर अव्यवस्थाओं की जानकारी अधिकारियों को भी है और वह इसे जल्द से जल्द ठीक कराने की बात कहते हैं.
-कन्हैया लाल, गोवंश आश्रय स्थल की देखभाल करने वाला