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एटा: अव्यवस्थाओं के बीच चल रहा गोवंश आश्रय स्थल, सुविधाओं के नाम पर महज खानापूर्ति - lack of facilities at malvana cattle shelter in etah

जिले के सबसे बड़े गोवंश आश्रय स्थलों में से एक मलावन थाना क्षेत्र में पड़ने वाले आश्रय स्थल पर करीब 90 गोवंश को लाकर रखा गया है. यह गोवंश चिलचिलाती धूप में रहने को मजबूर हैं. इतना ही नहीं, यहां गोवंश के खाने की भी कोई व्यवस्था दिखाई नहीं पड़ती है.

गोवंश आश्रय स्थल में सुविधाओं का है अभाव.
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Published : May 13, 2019, 3:01 PM IST

एटा: देश के सबसे बड़े सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ के आदेश के बाद जनवरी माह में जिला प्रशासन ने अस्थाई रूप से गोवंश आश्रय स्थलों का निर्माण तो करा दिया, लेकिन इन आश्रय स्थलों पर सुविधाओं के नाम पर महज खानापूर्ति ही की गई है.

गोवंश आश्रय स्थल में सुविधाओं का है अभाव.

धूप में रहने को मजबूर गोवंश

  • जिले के सबसे बड़े गोवंश आश्रय स्थलों में से एक मलावन थाना क्षेत्र में पड़ने वाले आश्रय स्थल पर करीब 90 गोवंश को लाकर रखा गया है.
  • यहां खुले आसमान के नीचे चिलचिलाती धूप में गोवंश रहने को मजबूर हैं, जिससे यह गोवंश तड़पते हुए देखे जा सकते हैं.
  • पूरे आश्रय स्थल पर न तो छप्पर की व्यवस्था है और न ही कोई टीन शेड ही दिखाई पड़ता है.
  • इतना ही नहीं, यहां पानी के लिए लगाया गया नल भी सूखा ही पड़ा रहता है.
  • इसके अलावा आश्रय स्थल पर गोवंश के खाने की भी कोई व्यवस्था दिखाई नहीं पड़ती है.

सुविधाओं का अभाव

  • मुख्यमंत्री की गोवंशों तथा किसानों की फसलों की सुरक्षा की मंशा सरकारी उदासीनता की भेंट चढ़ती जा रही है.
  • यहां गोवंशो के लिए खाने की कोई व्यवस्था नहीं है.
  • नाद खाली पड़ी हुई है, उसमें भूसे का एक दाना भी दिखाई नहीं पड़ता है.
  • नल सूखा रहता है, जिससे करीब 90 गोवंशो को खाने के लिए आस-पास खाली पड़े खेतों व पानी के लिए दूर छोटे से तालाब का ही सहारा है.
  • गोवंश आश्रय स्थल की देखभाल करने वाले कन्हैया लाल बीते 4 महीने से इन गोवंश की देखभाल कर रहे हैं, इसके बदले उन्हें मेहनताने के रूप में अब तक पांच हजार रुपये ही मिले हैं.

गोवंशो को मैं दिन भर इधर-उधर लेकर चराता रहता हूं. गोवंश आश्रय स्थल पर अव्यवस्थाओं की जानकारी अधिकारियों को भी है और वह इसे जल्द से जल्द ठीक कराने की बात कहते हैं.
-कन्हैया लाल, गोवंश आश्रय स्थल की देखभाल करने वाला

एटा: देश के सबसे बड़े सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ के आदेश के बाद जनवरी माह में जिला प्रशासन ने अस्थाई रूप से गोवंश आश्रय स्थलों का निर्माण तो करा दिया, लेकिन इन आश्रय स्थलों पर सुविधाओं के नाम पर महज खानापूर्ति ही की गई है.

गोवंश आश्रय स्थल में सुविधाओं का है अभाव.

धूप में रहने को मजबूर गोवंश

  • जिले के सबसे बड़े गोवंश आश्रय स्थलों में से एक मलावन थाना क्षेत्र में पड़ने वाले आश्रय स्थल पर करीब 90 गोवंश को लाकर रखा गया है.
  • यहां खुले आसमान के नीचे चिलचिलाती धूप में गोवंश रहने को मजबूर हैं, जिससे यह गोवंश तड़पते हुए देखे जा सकते हैं.
  • पूरे आश्रय स्थल पर न तो छप्पर की व्यवस्था है और न ही कोई टीन शेड ही दिखाई पड़ता है.
  • इतना ही नहीं, यहां पानी के लिए लगाया गया नल भी सूखा ही पड़ा रहता है.
  • इसके अलावा आश्रय स्थल पर गोवंश के खाने की भी कोई व्यवस्था दिखाई नहीं पड़ती है.

सुविधाओं का अभाव

  • मुख्यमंत्री की गोवंशों तथा किसानों की फसलों की सुरक्षा की मंशा सरकारी उदासीनता की भेंट चढ़ती जा रही है.
  • यहां गोवंशो के लिए खाने की कोई व्यवस्था नहीं है.
  • नाद खाली पड़ी हुई है, उसमें भूसे का एक दाना भी दिखाई नहीं पड़ता है.
  • नल सूखा रहता है, जिससे करीब 90 गोवंशो को खाने के लिए आस-पास खाली पड़े खेतों व पानी के लिए दूर छोटे से तालाब का ही सहारा है.
  • गोवंश आश्रय स्थल की देखभाल करने वाले कन्हैया लाल बीते 4 महीने से इन गोवंश की देखभाल कर रहे हैं, इसके बदले उन्हें मेहनताने के रूप में अब तक पांच हजार रुपये ही मिले हैं.

गोवंशो को मैं दिन भर इधर-उधर लेकर चराता रहता हूं. गोवंश आश्रय स्थल पर अव्यवस्थाओं की जानकारी अधिकारियों को भी है और वह इसे जल्द से जल्द ठीक कराने की बात कहते हैं.
-कन्हैया लाल, गोवंश आश्रय स्थल की देखभाल करने वाला

Intro:एंकर

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश के बाद बीते जनवरी माह में एटा जिला प्रशासन ने मुस्तैदी दिखाते हुए अस्थाई रूप से गौवंश आश्रय स्थलों का निर्माण तो करा दिया। लेकिन इन आश्रय स्थलों सुविधाओं के नाम पर महज खानापूर्ति ही की गई है। जिले के सबसे बड़े गौवंश आश्रय स्थलों में से एक मलावन थाना क्षेत्र में पड़ने वाले आश्रय स्थल पर करीब 90 गोवंश को को ला कर रखा गया है। लेकिन गर्मी के लिहाज से गौवंशो के लिए कोई व्यवस्था सुनिश्चित नहीं की गई है। यहां खुले आसमान के नीचे चिलचिलाती धूप में गोवंश रहने को मजबूर है। पूरे आश्रय स्थल पर ना तो छप्पर की व्यवस्था है और ना ही कोई टीन शेड ही दिखाई पड़ रहा है। इन गौवंशो की रात तो आसानी से कट जाती है। लेकिन कड़ी धूप में छांव ना मिलने के चलते यह गौवंश तड़पते हुए देखे जा सकते हैं। इतना ही नहीं यहां पानी के लिए लगाया गया नल भी सूखा ही पड़ा रहता है। इसके अलावा आश्रय स्थल पर गौवंश के खाने की भी कोई व्यवस्था दिखाई नहीं पड़ती है। ऐसे में मुख्यमंत्री की गौवंशो तथा किसानों की फसलों की सुरक्षा की मंशा सरकारी उदासीनता की भेंट चढ़ती जा रही है। हालांकि इन सबके बीच गौवंशो की देखरेख करने वाला व्यक्ति मुस्तैद दिखाई पड़ता है।


Body:वीओ- मलावन थाना क्षेत्र स्थित गौवंश आश्रय स्थल पर अव्यवस्थाओं का अंबार है । यहां गौवंशो के लिए खाने की कोई व्यवस्था नहीं है। नाद खाली पड़ी हुई है । उसमे भूसे का एक दाना दिखाई नहीं पड़ता है। नल सुखा रहता है। ऐसे में करीब 90 गौवंशो को खाने के लिए आस-पास खाली पड़े खेतों व पानी के लिए दूर छोटे से तालाब का ही सहारा है। ऐसे में गोवंश आश्रय स्थल का कोई फायदा होता नहीं दिख रहा है । गोवंश आश्रय स्थल की देखभाल करने वाले कन्हैयालाल बीते 4 महीने से इन गोवंश की देखभाल कर रहे हैं। इसके बदले उन्हें मेहनताने के रूप में अब तक 5 हजार रुपये भी मिले हैं। कन्हैया लाल बताते हैं कि गौवंशो को वह दिन भर इधर-उधर लेकर चराते रहते हैं। आश्रय स्थल पर गोवंशो की खाने की व्यवस्था पर सवाल पूछे जाने पर जानकारी ना होने की बात बताते हैं। गोवंश आश्रय स्थल पर अव्यवस्थाओं की जानकारी अधिकारियों को भी है और वह इसे जल्द से जल्द ठीक कराने की बात कहते हैं।
बाइट: कन्हैया लाल ( गौवंश आश्रय स्थल की देखभाल करने वाला)
पीटूसी


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