एटा: 7 अगस्त को नेम सिंह नाम के एक शख्स की मौत हो जाती है. परिजनों के मुताबिक नेम सिंह को कुछ दिन पहले कुत्ते ने काटा था. जिसके बाद उनकी शुक्रवार को तबीयत खराब हुई और वहां इलाज के लिए जिला अस्पताल पहुंचे. बताया यह जा रहा है कि जिला अस्पताल में मौजूद किसी अनजान शख्स ने परिजनों को कोरोना वायरस जांच कराने को निर्देश दिया. परिजनों का आरोप है कि वह शख्स उन लोगों को आगरा रोड स्थित एक निजी अस्पताल में ले गया.
परिजनों के मुताबिक निजी अस्पताल में कोरोना वायरस जांच के लिए उनसे 2 हजार रुपये लिए गए, लेकिन सरकारी अस्पताल के पर्चे पर ही कोरोना वायरस की जांच लिखकर दे दी गई. इतना ही नहीं 12 घंटे से ज्यादा का समय बीत जाने के बाद भी शव का पोस्टमार्टम नहीं हो सका.
निजी अस्पताल के चिकित्सक ने सरकारी अस्पताल के पर्चे पर कोविड-19 निगेटिव लिख दिया. शनिवार को मृतक के शव का पोस्टमार्टम हो रहा है. परिजनों का कहना है कि वह पढ़े-लिखे नहीं हैं, उनसे जिसने जो कहा, उन्होंने वह किया. कोई भी सरकारी कर्मचारी इस पर बोलने को तैयार नहीं है.
सीएमओ डॉ. अरविंद कुमार गर्ग ने कहा है कि मामला संज्ञान में नहीं है. जब तक शिकायत आएगी, तब जांच कराई जाएगी. आवागढ़ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के डॉ. राठौर के मुताबिक पर्चा तो उनके अस्पताल का है, लेकिन नेम सिंह नाम के किसी भी व्यक्ति की जांच नहीं की गई. इतना ही नहीं पर्चे पर जो रजिस्ट्रेशन नंबर डाला गया है, वह भी अस्पताल का नहीं है.