एटा: जिले में स्वास्थ्य विभाग की घोर लापरवाही के चलते कोविड की एक्सपायर दवाई बांट दी गई. कोविड के मामले में स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों की यूपी में यह दूसरी लापरवाही सामने आई है. इससे पहले सिद्धार्थनगर जिले के बढ़नी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर 20 लोगों को पहली खुराक में कोविशील्ड और दूसरी खुराक में कोवैक्सीन लगा दी गई थी.
मरीज ने जिलाधिकारी से की शिकायत
उत्तर प्रदेश के एटा जिले में स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों की घोर लापरवाही के चलते जिले का स्वास्थ्य महकमा सवालों के घेरे में आ खड़ा हुआ है. जिले में कोविड-19 के संक्रमित मरीजों के उपचार और संक्रमण की रोकथाम के लिए सरकार द्वारा बांटी जाने वाली दवाओं में एक दवा ऐसी बांटी गई, जो जनवरी में ही एक्सपायर हो गयी थी. मरीज ने इसकी शिकायत जिले की जिलाधिकारी डॉ. विभा चलह से की. इसके बाद डीएम ने एक्सपायर दवा वितरित किए जाने के मामले में मुख्य चिकित्साधिकारी उमेश त्रिपाठी को कारण बताओ नोटिस जारी किया है.
कारण बताओ नोटिस जारी
मुख्य चिकित्साधिकारी उमेश त्रिपाठी ने बताया कि कोविड-19 के मरीजों को उपचार के लिए मिलने वाली दवाओं की किट में एक दवा वितरित किये जाने की जिलाधिकारी से शिकायत की गयी थी, जो जनवरी में ही एक्सपायर हो चुकी थी. जब शिकायत की जांच कर जानकारी की गई, तो शिकायत सही पायी गयी. इसके बाद दवाओं की पैकिंग करने वाले कर्मचारी अमृत सिंह स्वास्थ्य पर्यवेक्षक, गजेंद्र सिंह मलेरिया निरीक्षक, श्यामसुन्दर व दीपक कुमार मलेरिया निरीक्षक, श्रीपाल एवं उमेश कुमार को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है. उन्होंने बताया कि इसके साथ ही दवा औषधि कॉर्पोरेशन के प्रभारी राम सिंह को भी नोटिस जारी किया गया है, जहां से यह जनवरी में एक्सपायर हुई दवा मरीजों को बांटने के लिये वितरित की गई. उन्होंने कहा कि शीघ्र ही इसकी जांच कराके दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी.
प्रदेश में यह दूसरी लापरवाही
आपको बता दें कि कोविड के मामले में स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों की यूपी में यह दूसरी लापरवाही सामने आयी है. इससे पहले सिद्धार्थनगर जिले के बढ़नी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर 20 लोगों को पहली खुराक में कोविशील्ड और दूसरी खुराक में कोवैक्सीन लगा दी गई थी.
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