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बुलंदशहर हिंसा: शहीद इंस्पेक्टर सुबोध सिंह की याद में सम्मान समारोह का आयोजन

बुलंदशहर में एक साल पहले हुए हिंसा में इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह शहीद हो गए थे. बुधवार को शहीद की याद में एटा में पुलिसकर्मियों के लिए सम्मान समारोह का आयोजन किया गया. वहीं समारोह में शहीद की पत्नी ने कहा कि पुलिस ने अपना काम अधूरा किया है.

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Published : Dec 4, 2019, 1:58 PM IST

Updated : Dec 4, 2019, 3:56 PM IST

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पुलिसकर्मियों के लिए सम्मान समारोह का आयोजन

एटा: बुलंदशहर हिंसा में 1 साल पहले 3 दिसंबर को इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह अपनी ड्यूटी निभाते हुए शहीद हो गए थे. शहीद की पुण्यतिथि पर एटा में उनके पैतृक गांव तरीगवां में वीर कर्मठ पुलिसकर्मियों को सम्मानित करने के लिए सम्मान समारोह का आयोजन किया गया. इस दौरान शहीद की पत्नी रजनी सिंह ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा कि पुलिस का काम अभी अधूरा है.

पुलिसकर्मियों के लिए सम्मान समारोह का आयोजन.

पुलिसकर्मियों के लिए सम्मान समारोह का आयोजन
शहीद सुबोध कुमार सिंह की पत्नी रजनी सिंह ने श्री बांके बिहारी चैरिटेबल ट्रस्ट के माध्यम से अपने पति की याद में पुरस्कार देने की शुरुआत की है. शहीद की पत्नी की कोशिश है कि शहीद सुबोध कुमार सिंह की याद में हर साल ईमानदारी से अपना कर्तव्य निभाने वाले पुलिसकर्मियों को वीर कर्मठ नाम के पुरस्कार से सम्मानित किया जाए.

एसपी को किया गया सम्मानित
इसी के तहत मंगलवार को शहीद सुबोध कुमार सिंह की पुण्यतिथि पर सम्मान समारोह कार्यक्रम का आयोजन कर एडीशनल एसपी और अन्य पुलिसकर्मियों को सम्मानित किया गया. इस दौरान शहीद सुबोध कुमार सिंह की पत्नी ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा कि आज तक उनके पति की पिस्टल और मोबाइल परिजनों को नहीं दिया गया. आरोपी इतने बड़े भी नहीं हैं कि इन्हें पकड़ा न जा सके. पुलिस का काम अभी अधूरा है.

दोषियों को हो जेल
वहीं शहीद सुबोध कुमार सिंह के बेटे श्रेय का कहना था कि सरकार ने तो काफी वादे किए थे, लेकिन वह अभी तक पूरा नहीं हुआ है. हमारी प्रमुख मांग थी कि हिंसा के दोषियों को जेल भेजा जाना चाहिए, लेकिन उन्हें भी छोड़ दिया गया. इससे समाज में गलत संदेश जाएगा. साथ ही इस तरह का दंगा फसाद करने वाले को छूट मिल जाएगी.

इसे भी पढ़ें:- बुलंदशहर हिंसा का एक साल: आरोपी शिखर अग्रवाल ने बताई पूरी कहानी

एटा: बुलंदशहर हिंसा में 1 साल पहले 3 दिसंबर को इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह अपनी ड्यूटी निभाते हुए शहीद हो गए थे. शहीद की पुण्यतिथि पर एटा में उनके पैतृक गांव तरीगवां में वीर कर्मठ पुलिसकर्मियों को सम्मानित करने के लिए सम्मान समारोह का आयोजन किया गया. इस दौरान शहीद की पत्नी रजनी सिंह ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा कि पुलिस का काम अभी अधूरा है.

पुलिसकर्मियों के लिए सम्मान समारोह का आयोजन.

पुलिसकर्मियों के लिए सम्मान समारोह का आयोजन
शहीद सुबोध कुमार सिंह की पत्नी रजनी सिंह ने श्री बांके बिहारी चैरिटेबल ट्रस्ट के माध्यम से अपने पति की याद में पुरस्कार देने की शुरुआत की है. शहीद की पत्नी की कोशिश है कि शहीद सुबोध कुमार सिंह की याद में हर साल ईमानदारी से अपना कर्तव्य निभाने वाले पुलिसकर्मियों को वीर कर्मठ नाम के पुरस्कार से सम्मानित किया जाए.

एसपी को किया गया सम्मानित
इसी के तहत मंगलवार को शहीद सुबोध कुमार सिंह की पुण्यतिथि पर सम्मान समारोह कार्यक्रम का आयोजन कर एडीशनल एसपी और अन्य पुलिसकर्मियों को सम्मानित किया गया. इस दौरान शहीद सुबोध कुमार सिंह की पत्नी ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा कि आज तक उनके पति की पिस्टल और मोबाइल परिजनों को नहीं दिया गया. आरोपी इतने बड़े भी नहीं हैं कि इन्हें पकड़ा न जा सके. पुलिस का काम अभी अधूरा है.

दोषियों को हो जेल
वहीं शहीद सुबोध कुमार सिंह के बेटे श्रेय का कहना था कि सरकार ने तो काफी वादे किए थे, लेकिन वह अभी तक पूरा नहीं हुआ है. हमारी प्रमुख मांग थी कि हिंसा के दोषियों को जेल भेजा जाना चाहिए, लेकिन उन्हें भी छोड़ दिया गया. इससे समाज में गलत संदेश जाएगा. साथ ही इस तरह का दंगा फसाद करने वाले को छूट मिल जाएगी.

इसे भी पढ़ें:- बुलंदशहर हिंसा का एक साल: आरोपी शिखर अग्रवाल ने बताई पूरी कहानी

Intro:एटा। बुलंदशहर हिंसा में 1 साल पहले आज ही के दिन इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह अपनी ड्यूटी निभाते हुए शहीद हो गए थे। शहीद सुबोध कुमार सिंह की पुण्यतिथि पर मंगलवार को उनके पैतृक गांव तरीगवां में वीर कर्मठ पुलिसकर्मियों को सम्मानित करने के लिए सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। यह आयोजन शहीद सुबोध कुमार सिंह की पत्नी द्वारा बनाए गए ट्रस्ट श्री बांके बिहारी सुबोध सिंह चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा किया गया था। इस दौरान मीडिया से बातचीत करते हुए शहीद सुबोध कुमार सिंह की पत्नी रजनी सिंह ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाया है। वही उनके बेटे श्रेय ने बुलंदशहर हिंसा में आरोपितों के रिहाई पर दुख जताया है।


Body:शहीद सुबोध कुमार सिंह की पत्नी रजनी सिंह ने श्री बांके बिहारी चैरिटेबल ट्रस्ट के माध्यम से एक नई शुरुआत की है। उन्होंने अपने शहीद पति की याद में पुरस्कार की शुरुआत की है। उनकी कोशिश है कि शहीद सुबोध कुमार सिंह की याद में हर साल ईमानदारी से अपना कर्तव्य निभाने वाले पुलिसकर्मियों को वीर कर्मठ नाम के पुरस्कार से सम्मानित किया जाए। इसी के तहत मंगलवार को शहीद सुबोध कुमार सिंह की पुण्यतिथि पर सम्मान समारोह कार्यक्रम का आयोजन कर एडीशनल एसपी व अन्य पुलिसकर्मियों को सम्मानित किया गया। इस दौरान शहीद सुबोध कुमार सिंह की पत्नी ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा कि आज तक उनके पति की पिस्टल और मोबाइल नहीं मिला है। जो लोग इस घटना में शामिल थे और पकड़े गए वह इतने बड़े बदमाश नहीं थे । जिनका पता न लगाया जा सके। उन्होंने कहा कि पुलिस का काम अभी अधूरा है।


Conclusion:इसके अलावा शहीद सुबोध कुमार सिंह के बेटे श्रेय का कहना था कि सरकार ने तो काफी वादे किए थे । लेकिन वह अभी तक पूरा नहीं हुआ है। लेकिन जो हमारी प्रमुख मांग थी कि जो इस हिंसा में दोषी हैं,उन्हें जेल में रहना चाहिए था। उन्हें भी छोड़ दिया गया, जिससे मैं और मेरा परिवार काफी दुखी हैं। श्रेय के मुताबिक बुलंदशहर हिंसा के आरोपियों के जेल से बाहर आने से समाज में गलत संदेश जाएगा। उन्होंने कहा कि कोई भी धंधा करें और 6 महीने बाद जेल से बाहर आ जाए। इस तरह से तो दंगा करने वालों को छूट मिल जाएगी।
बाइट: रजनी सिंह (शहीद सुबोध कुमार सिंह की पत्नी)
बाइट:श्रेय ( शहीद सुबोध कुमार सिंह का बेटा)
Last Updated : Dec 4, 2019, 3:56 PM IST
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