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आवारा पशुओं ने बढ़ाई किसानों की मुश्किलें, बर्बाद हो रही फसलें - farmers disappointed in deoria

देवरिया में आवारा पशुओं के बढ़ते तादात से किसान परेशान हैं. आलय ये है कि आवारा पशुओं से किसानों की गेहूं, सरसो, चने और सब्जियों की फसल बर्बाद हो रही है. जिससे किसानों में नाराजगी है.

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आवारा पशुओं से किसान परेशान
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Published : Jan 23, 2021, 4:16 PM IST

देवरियाः क्षेत्र में आवारा पशुओं के बढ़ते तादात से किसानों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है. आवारा पशु किसानों के गेंहू, सरसो, चने और सब्जियों की फसल को बर्वाद कर रहे हैं. लेकिन प्रशासन इन आवारा पशुओं को पकड़ने का कोई प्रयास नहीं कर रहा. जिससे किसानों में नाराजगी बढ़ रही है. आलम ये है कि किसान दिन-रात अपने खेतों के आस-पास पहरा दे रहा हैं, ताकि आवारा पशुओं से फसलों के नुकसान को रोका जा सके.

आवारा पशु फसलों का कर रहे नुकसान

आवारा पशुओं से किसान परेशान
भलुअनी थाना क्षेत्र के दर्जनों गांव के किसान अभय, रामप्रसाद, अमित ने बताया कि आवारा पशु उनकी सरसों, गेहूं, चने और सब्जी की फसलों को भारी नुकसान पहुंचा रहे हैं. आसपास क्षेत्रों में आवारा पशुओं की भारी तादाद है. जो फसलों को बर्बाद कर रहे हैं. किसानों का कहना है कि कड़े पहरे के बावजूद भी खेती बर्बाद हो रही है. किसानों ने कहा कि महंगे खाद, बीज से उन्होंने हजारों रुपये खर्च कर खेतों में रबी फसलों की बुआई की है. ठंड में सिंचाई कर किसान अपनी आजीविका के लिए खेती के कार्य में जुटे हैं. लेकिन क्षेत्र में सैकड़ों की संख्या में घूम रहे आवारा पशुओं का झुंड उनकी खेती बर्बाद कर रहे हैं. जिससे किसानों की पूरी मेहनत पर पानी फिर गया है.

आवारा पशुओं से बढ़ी सड़क दुर्घटनाएं
क्षेत्र में लगातार बढ़ रहे आवारा पशुओं के कारण हादसों की संख्या में भी लगातार इजाफा हो रहा है. गलियों और सड़कों के किनारे घूम रहे आवारा पशु अचानक भागकर सड़कों पर आ जाते हैं. जिससे दोपहिया चार-पहिया वाहन चालक चोटिल हो जाते हैं. वहीं बड़े वाहन की चपेट में आने से कई बार पशु भी गंभीर रूप से जख्मी हो जाते हैं.

प्रशासन नहीं कर रहा कोई प्रयास
जिले में लगभग दर्जनों स्थाई और अस्थाई गोशाला संचालित हैं. लेकिन विभागीय अधिकारियों और कर्मचारियों के उदासीनता के कारण यह आवारा पशु खुले में घूम रहे हैं. जिससे किसानों की फसलें बर्बाद हो रही हैं. अगर विभाग इन आवारा पशुओं को पकड़ कर गौशालाओ में भेज दे. तो किसानों की फसल बच सकती है.

आवारा पशुओं से मिले निजात
क्षेत्र की विभिन्न सामाजिक संस्थाओं का कहना है कि आवारा पशुओं से आम-जन को निजात दिलाने के लिए प्रशासन ठोस कदम उठाए. गोवंश को भी संरक्षण की जरूरत है. इन्हें गौशाला इत्यादि में पहुंचाने की व्यवस्था की जानी चाहिए. इन पशुओं की बढ़ रही संख्या आम-जन के काबू से बाहर है. इसलिए प्रशासन को इस बारे में कदम उठाते हुए आवारा पशुओं से निजात दिलाने में किसानों की मदद करनी चाहिए.

जिले में कहां-कहां हैं गोशालाएं
मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी विकास साठे का कहना है कि प्रदेश सरकार की महत्वकांक्षी योजना गौ संरक्षण है. जिले के 9 ब्लॉकों में गो आश्रय संचालित हैं. कुछ गोशालाएं नगर पंचायत में भी हैं. टोटल जिले में 19 गोशाला आश्रय हैं. देवरिया जिले में लगभग 1649 गोवंश संरक्षित किए गए हैं. इसके साथ ही जिले में कुछ प्राइवेट गौशाला में भी हैं. जो राज्य सरकार की तरफ से पंजीकृत हैं. इसके साथ ही जिले में चार बृहद गोशाला संरक्षण केंद्र हैं. नगर पंचायत के तरफ से बरहज में और एक गौरी बाजार के अलावा एक देवरिया के पिपरा चंद्रभान में गोशाला संचालित हैं. मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी ने बताया जिले में 2883 गोवंश घूम रहे हैं.

देवरियाः क्षेत्र में आवारा पशुओं के बढ़ते तादात से किसानों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है. आवारा पशु किसानों के गेंहू, सरसो, चने और सब्जियों की फसल को बर्वाद कर रहे हैं. लेकिन प्रशासन इन आवारा पशुओं को पकड़ने का कोई प्रयास नहीं कर रहा. जिससे किसानों में नाराजगी बढ़ रही है. आलम ये है कि किसान दिन-रात अपने खेतों के आस-पास पहरा दे रहा हैं, ताकि आवारा पशुओं से फसलों के नुकसान को रोका जा सके.

आवारा पशु फसलों का कर रहे नुकसान

आवारा पशुओं से किसान परेशान
भलुअनी थाना क्षेत्र के दर्जनों गांव के किसान अभय, रामप्रसाद, अमित ने बताया कि आवारा पशु उनकी सरसों, गेहूं, चने और सब्जी की फसलों को भारी नुकसान पहुंचा रहे हैं. आसपास क्षेत्रों में आवारा पशुओं की भारी तादाद है. जो फसलों को बर्बाद कर रहे हैं. किसानों का कहना है कि कड़े पहरे के बावजूद भी खेती बर्बाद हो रही है. किसानों ने कहा कि महंगे खाद, बीज से उन्होंने हजारों रुपये खर्च कर खेतों में रबी फसलों की बुआई की है. ठंड में सिंचाई कर किसान अपनी आजीविका के लिए खेती के कार्य में जुटे हैं. लेकिन क्षेत्र में सैकड़ों की संख्या में घूम रहे आवारा पशुओं का झुंड उनकी खेती बर्बाद कर रहे हैं. जिससे किसानों की पूरी मेहनत पर पानी फिर गया है.

आवारा पशुओं से बढ़ी सड़क दुर्घटनाएं
क्षेत्र में लगातार बढ़ रहे आवारा पशुओं के कारण हादसों की संख्या में भी लगातार इजाफा हो रहा है. गलियों और सड़कों के किनारे घूम रहे आवारा पशु अचानक भागकर सड़कों पर आ जाते हैं. जिससे दोपहिया चार-पहिया वाहन चालक चोटिल हो जाते हैं. वहीं बड़े वाहन की चपेट में आने से कई बार पशु भी गंभीर रूप से जख्मी हो जाते हैं.

प्रशासन नहीं कर रहा कोई प्रयास
जिले में लगभग दर्जनों स्थाई और अस्थाई गोशाला संचालित हैं. लेकिन विभागीय अधिकारियों और कर्मचारियों के उदासीनता के कारण यह आवारा पशु खुले में घूम रहे हैं. जिससे किसानों की फसलें बर्बाद हो रही हैं. अगर विभाग इन आवारा पशुओं को पकड़ कर गौशालाओ में भेज दे. तो किसानों की फसल बच सकती है.

आवारा पशुओं से मिले निजात
क्षेत्र की विभिन्न सामाजिक संस्थाओं का कहना है कि आवारा पशुओं से आम-जन को निजात दिलाने के लिए प्रशासन ठोस कदम उठाए. गोवंश को भी संरक्षण की जरूरत है. इन्हें गौशाला इत्यादि में पहुंचाने की व्यवस्था की जानी चाहिए. इन पशुओं की बढ़ रही संख्या आम-जन के काबू से बाहर है. इसलिए प्रशासन को इस बारे में कदम उठाते हुए आवारा पशुओं से निजात दिलाने में किसानों की मदद करनी चाहिए.

जिले में कहां-कहां हैं गोशालाएं
मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी विकास साठे का कहना है कि प्रदेश सरकार की महत्वकांक्षी योजना गौ संरक्षण है. जिले के 9 ब्लॉकों में गो आश्रय संचालित हैं. कुछ गोशालाएं नगर पंचायत में भी हैं. टोटल जिले में 19 गोशाला आश्रय हैं. देवरिया जिले में लगभग 1649 गोवंश संरक्षित किए गए हैं. इसके साथ ही जिले में कुछ प्राइवेट गौशाला में भी हैं. जो राज्य सरकार की तरफ से पंजीकृत हैं. इसके साथ ही जिले में चार बृहद गोशाला संरक्षण केंद्र हैं. नगर पंचायत के तरफ से बरहज में और एक गौरी बाजार के अलावा एक देवरिया के पिपरा चंद्रभान में गोशाला संचालित हैं. मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी ने बताया जिले में 2883 गोवंश घूम रहे हैं.

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