देवरिया: जिले के बखरा चौराहे पर पांच माह पूर्व हुई मारपीट के मामले में बेवजह गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज करने वाले गौरीबाजार थाने के एसओ गिरिजेश तिवारी को एसपी डॉ. श्रीपति मिश्र ने लाइन हाजिर कर दिया है. आईजी की जांच में दोषी पाए जाने के बाद एसओ गिरिजेश तिवारी के खिलाफ ये कार्रवाई की गई है.
जानें पूरा मामला
जिले के गौरीबाजार थाना क्षेत्र के बखरा चौराहे पर बीते 9 दिसंबर को चार पहिया वाहन को ओवरटेक करने को लेकर चालक के साथ कुछ लोगों की कहासुनी हो गई थी. इस दौरान मामला तूल पकड़ने पर दोनों पक्षों में मारपीट हो गई थी. इसमें एक पक्ष की तरफ से तमंचा लहराने की भी बात सामने आई थी. इस मामले में बैतालपुर के रहने वाले आदित्य अजय प्रताप सिंह की तहरीर पर पुलिस ने बखरा निवासी विरज प्रताप राव पुत्र राणा प्रताप, त्रिपुरा स्टेट राइफल के सिपाही रंधीर प्रताप राव पुत्र भानु प्रताप राव, धीरज प्रताप राव पुत्र राणा प्रताप, गोरखपुर कूड़ाघाट निवासी सीआरपीएफ सिपाही प्रशांत सिंह पुत्र रामप्रकाश व तीन अज्ञात लोगों के खिलाफ धारा 147, 148, 149, 395, 323, 504, 506, 427, 7 सीएलए एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया था. बाद में पुलिस ने इस मामले में गैंगस्टर की धारा भी बढ़ा दी थी.
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आईजी की जांच में दोषी पाए जाने के बाद एसओ पर कार्रवाई
इसके बाद आरोपी पक्ष ने इस मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की थी. जिसके बाद 24 मार्च को आईजी राजेश डी. मोदक खुद गौरीबाजार थाने पहुंचे और पुलिस कर्मियों से पूछताछ की. इसके बाद इस मामले में पूछताछ के लिए आईजी ने पुलिसकर्मियों को कई बार तलब किया. जिसमें एसओ गिरिजेश तिवारी की मनमानी की बात उजागर हुई. इसके साथ ही कई तरह की मौखिक शिकायतें भी थानाध्यक्ष के खिलाफ उच्च अधिकारियों को मिल रही थीं. जिसे गंभीरता से लेते हुए एसपी डॉ. श्रीपति मिश्र ने एसओ गिरिजेश तिवारी को मंगलवार की देर शाम लाइन हाजिर कर दिया. एसपी ने बताया कि एक मुकदमे में आईजी की जांच में एसओ की मनमानी सामने आई थी. जिसके बाद उनके खिलाफ कार्रवाई की गई है.