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लावारिस शवों के लिए मसीहा संजय पाठक

यूपी के देवरिया में संजय पाठक जरूरतमंदों की मदद के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं. इतना ही नहीं संजय लावारिस शवों का अंतिम संस्कार करने का बीड़ा उठाए हुए हैं.

मुक्तिधाम देवरिया.
मुक्तिधाम देवरिया.
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Published : Jan 29, 2021, 2:45 PM IST

देवरियाः जाति धर्म से ऊपर उठकर जिले के संजय पाठक तीन दशकों से समाज सेवा में जुटे हुए हैं. इतना ही नहीं लावारिस शवों का संजय पाठक सम्मान के साथ दाह संस्कार करते हैं. अब तक 500 से अधिक शवों का विधि-विधान के अनुसार अंतिम संस्कार कर चुके हैं. संजय पाठक की रग-रग में समाज सेवा का रक्त दौड़ रहा है. इसिलए स्थानीय लोग संजय पाठक को शवों का मसीहा भी कहते हैं.

लावारिस शवों के लिए मसीहा संजय पाठक.

पुलिस को उपलब्ध कराया शव बैग
पोस्टमार्टम हाउस से घंटी बजते ही संजय तत्काल पोस्टमार्टम हाउस पहुंचकर अपने ठेले पर रखकर लावारिस शव को श्मशान घाट तक ले जाते हैं. यहां उनके रीति रिवाज के अनुसार अंतिम संस्कार करते हैं. लावारिस शवों की दुर्दशा को लेकर चिंतित संजय पाठक ने उनके सम्मान के साथ अंतिम संस्कार के लिए पुलिस को 500 बैग उपलब्ध कराया है. लावारिस शवों को इसी बैग में रखकर पुलिस पोस्टमार्टम हाउस तक लाती है. कफन, लकड़ी आदि खरीदने में संजय पाठक का लोग बढ़चढ़ कर सहयोग करते हैं.

जरूतमंदों की करते हैं मदद
इसके अलावा संजय प्रतिदिन सड़क से लेकर अस्पताल तक ऐसे लोगों को खोजते हैं जिनका कोई नहीं है. ऐसे जरूरतमंद लोग से बातचीत कर संजय उनकी मदद करते हैं. जरूरतंद लोगों को संजय कपड़ा सहित अन्य जरूरत की वस्तुएं उपलब्ध कराते हैं.


संजय पाठक अस्पताल में प्रतिदिन सुबह-शाम आते हैं और असहाय लोगों को कपड़ा व अन्य जरूरत की चीजें उपलब्ध कराते हैं. अस्पताल प्रशासन भी लावारिस मरीजों की सूचना संजय को देता है, जिससे उनकी मदद होती है.
-डॉक्टर ए.एम. वर्मा, सीएमएस, जिला अस्पताल

देवरियाः जाति धर्म से ऊपर उठकर जिले के संजय पाठक तीन दशकों से समाज सेवा में जुटे हुए हैं. इतना ही नहीं लावारिस शवों का संजय पाठक सम्मान के साथ दाह संस्कार करते हैं. अब तक 500 से अधिक शवों का विधि-विधान के अनुसार अंतिम संस्कार कर चुके हैं. संजय पाठक की रग-रग में समाज सेवा का रक्त दौड़ रहा है. इसिलए स्थानीय लोग संजय पाठक को शवों का मसीहा भी कहते हैं.

लावारिस शवों के लिए मसीहा संजय पाठक.

पुलिस को उपलब्ध कराया शव बैग
पोस्टमार्टम हाउस से घंटी बजते ही संजय तत्काल पोस्टमार्टम हाउस पहुंचकर अपने ठेले पर रखकर लावारिस शव को श्मशान घाट तक ले जाते हैं. यहां उनके रीति रिवाज के अनुसार अंतिम संस्कार करते हैं. लावारिस शवों की दुर्दशा को लेकर चिंतित संजय पाठक ने उनके सम्मान के साथ अंतिम संस्कार के लिए पुलिस को 500 बैग उपलब्ध कराया है. लावारिस शवों को इसी बैग में रखकर पुलिस पोस्टमार्टम हाउस तक लाती है. कफन, लकड़ी आदि खरीदने में संजय पाठक का लोग बढ़चढ़ कर सहयोग करते हैं.

जरूतमंदों की करते हैं मदद
इसके अलावा संजय प्रतिदिन सड़क से लेकर अस्पताल तक ऐसे लोगों को खोजते हैं जिनका कोई नहीं है. ऐसे जरूरतमंद लोग से बातचीत कर संजय उनकी मदद करते हैं. जरूरतंद लोगों को संजय कपड़ा सहित अन्य जरूरत की वस्तुएं उपलब्ध कराते हैं.


संजय पाठक अस्पताल में प्रतिदिन सुबह-शाम आते हैं और असहाय लोगों को कपड़ा व अन्य जरूरत की चीजें उपलब्ध कराते हैं. अस्पताल प्रशासन भी लावारिस मरीजों की सूचना संजय को देता है, जिससे उनकी मदद होती है.
-डॉक्टर ए.एम. वर्मा, सीएमएस, जिला अस्पताल

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