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पहले दिन 1759 बूथों पर बच्चों को दी गई 'दो बूंद जिंदगी की'

देवरिया में सीडीओ ने रविवार को पल्स पोलियो अभियान की शुरुआत की. जनपद में पहले दिन 1759 बूथों पर बच्चों को पोलियो ड्रॉप पिलाई गई. उन्होंने कहा कि जिले में करीब 5 लाख बच्चों को पोलियो ड्रॉप पिलाने का लक्ष्य रखा गया है.

बच्चों को दी गई ‘दो बूंद जिंदगी की’
बच्चों को दी गई ‘दो बूंद जिंदगी की’
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Published : Jan 31, 2021, 2:21 PM IST

देवरिया: जिले में सीडीओ (चीफ डेवलेपमेंट ऑफिसर) शिव शरणपप्पा जीएन ने रविवार को सीएमओ कार्यालय में फीता काटकर और बच्चों को पोलियो ड्रॉप पिलाकर पल्स पोलियो अभियान का शुरुआत किया. पहले दिन जिले भर में बनाए गए 1759 बूथों पर बच्चों को 'दो बूंद जिंदगी की' दी जाएगी. स्वास्थ्य विभाग की टीम एक फरवरी से घर-घर जाकर पांच साल तक के बच्चों को दवा पिलाएगी. अभियान के दौरान कुल करीब पांच लाख बच्चों को दवा पिलाने का लक्ष्य रखा गया है.

पोलियो उन्मूलन के प्रति गंभीर शासन
सीडीओ शिव शरणप्पा जीएन ने कहा कि भारत में पोलियो का आखिरी मामला 13 जनवरी 2011 को कोलकता में पाया गया था. इसके बाद से पोलियो का एक भी केस सामने नहीं आया. कारण यह है कि लगातार पल्स पोलियो अभियान चलाकर पूर्ण प्रतिरक्षण कराया जा रहा है. जब तक पड़ोसी देशों में पोलियो का पूरी तरह से उन्मूलन नहीं हो जाता है, तब तक इस अभियान के प्रति सभी को गंभीर रहना होगा.

944 टीमें अभियान में शामिल
कार्यक्रम में मौजूद सीएमओ डॉ. आलोक पाण्डेय ने कहा कि बूथ दिवस के बाद दूसरे दिन से कुल 944 टीम क्षेत्र में भ्रमण कर बच्चों को पोलियो की खुराक देगी. इस बार 4,80,991 बच्चों को पोलियो ड्रॉप पिलाने का लक्ष्य रखा गया है. जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. सुरेंद्र सिंह ने कहा कि पोलियो से शत-प्रतिशत प्रतिरक्षण पाना ही हमारा लक्ष्य है. जिले में पोलियो का कोई केस नहीं है, फिर भी एहतियात रखना होगा.

उन्होंने बताया कि अभियान में विश्व स्वास्थ्य संगठन, यूनीसेफ और यूएनडीपी संस्थाएं विशेष तौर पर सहयोग कर रहे हैं. यह अभियान 31 जनवरी से तीन फरवरी और छह व सात फरवरी को चलेगा. चार व पांच फरवरी को कोविड वैक्सीनेशन के कारण इस दिन अभियान नहीं चलाया जायेगा. शेष रह गए बच्चों को दवा पिलाने के लिए बी टीम 9 फरवरी को क्षेत्र में निकलेगी.

कोविड प्रोटोकॉल का होगा पालन
सीएमओ डॉ. आलोक पाण्डेय ने कहा कि इस बार का कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करते हुए अभियान चलाया जाएगा. महिला एवं बाल विकास विभाग (आईसीडीएस) भी अभियान में सक्रिय सहयोग करेगा.

इस अवसर पर एसीएमओ बीपी सिंह, एसीएमओ संजय चंद, एसीएमओ राजेंद्र प्रसाद, यूनिसेफ के डॉ. हसन फईम, डब्ल्यूएचओ के एसएमओ डॉ. अंकुर, यूएनडीपी के वीसीसीएम भुनेश्वर शर्मा, अपर शोध अधिकारी राकेश चंद्र , प्रमोद यादव, विश्वनाथ मल्ल, अखिलेश, मुकेश मिश्रा, एएनएम अर्चना सहित अन्य लोग मौजूद रहे.

देवरिया: जिले में सीडीओ (चीफ डेवलेपमेंट ऑफिसर) शिव शरणपप्पा जीएन ने रविवार को सीएमओ कार्यालय में फीता काटकर और बच्चों को पोलियो ड्रॉप पिलाकर पल्स पोलियो अभियान का शुरुआत किया. पहले दिन जिले भर में बनाए गए 1759 बूथों पर बच्चों को 'दो बूंद जिंदगी की' दी जाएगी. स्वास्थ्य विभाग की टीम एक फरवरी से घर-घर जाकर पांच साल तक के बच्चों को दवा पिलाएगी. अभियान के दौरान कुल करीब पांच लाख बच्चों को दवा पिलाने का लक्ष्य रखा गया है.

पोलियो उन्मूलन के प्रति गंभीर शासन
सीडीओ शिव शरणप्पा जीएन ने कहा कि भारत में पोलियो का आखिरी मामला 13 जनवरी 2011 को कोलकता में पाया गया था. इसके बाद से पोलियो का एक भी केस सामने नहीं आया. कारण यह है कि लगातार पल्स पोलियो अभियान चलाकर पूर्ण प्रतिरक्षण कराया जा रहा है. जब तक पड़ोसी देशों में पोलियो का पूरी तरह से उन्मूलन नहीं हो जाता है, तब तक इस अभियान के प्रति सभी को गंभीर रहना होगा.

944 टीमें अभियान में शामिल
कार्यक्रम में मौजूद सीएमओ डॉ. आलोक पाण्डेय ने कहा कि बूथ दिवस के बाद दूसरे दिन से कुल 944 टीम क्षेत्र में भ्रमण कर बच्चों को पोलियो की खुराक देगी. इस बार 4,80,991 बच्चों को पोलियो ड्रॉप पिलाने का लक्ष्य रखा गया है. जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. सुरेंद्र सिंह ने कहा कि पोलियो से शत-प्रतिशत प्रतिरक्षण पाना ही हमारा लक्ष्य है. जिले में पोलियो का कोई केस नहीं है, फिर भी एहतियात रखना होगा.

उन्होंने बताया कि अभियान में विश्व स्वास्थ्य संगठन, यूनीसेफ और यूएनडीपी संस्थाएं विशेष तौर पर सहयोग कर रहे हैं. यह अभियान 31 जनवरी से तीन फरवरी और छह व सात फरवरी को चलेगा. चार व पांच फरवरी को कोविड वैक्सीनेशन के कारण इस दिन अभियान नहीं चलाया जायेगा. शेष रह गए बच्चों को दवा पिलाने के लिए बी टीम 9 फरवरी को क्षेत्र में निकलेगी.

कोविड प्रोटोकॉल का होगा पालन
सीएमओ डॉ. आलोक पाण्डेय ने कहा कि इस बार का कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करते हुए अभियान चलाया जाएगा. महिला एवं बाल विकास विभाग (आईसीडीएस) भी अभियान में सक्रिय सहयोग करेगा.

इस अवसर पर एसीएमओ बीपी सिंह, एसीएमओ संजय चंद, एसीएमओ राजेंद्र प्रसाद, यूनिसेफ के डॉ. हसन फईम, डब्ल्यूएचओ के एसएमओ डॉ. अंकुर, यूएनडीपी के वीसीसीएम भुनेश्वर शर्मा, अपर शोध अधिकारी राकेश चंद्र , प्रमोद यादव, विश्वनाथ मल्ल, अखिलेश, मुकेश मिश्रा, एएनएम अर्चना सहित अन्य लोग मौजूद रहे.

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