देवरिया: आमतौर पर किसान परंपरागत खेती ही करते रहते हैं. नए सिरे से बागबानी करने या सब्जियों की खेती करने के रिस्क से डरते रहते हैं. मगर कुछ किसान ऐसे हैं जो अब परंपरागत खेती का मोह छोड़कर दूसरे विकल्प ढूंढ रहे हैं. ऐसे ही एक किसान देवरिया जिले के सिधुआं में भी हैं. किसान पारस नाथ सिंह ने आमदनी बढ़ाने के लिए स्ट्रॉबेरी लगाने का कार्य शुरू किया. इसके साथ वह 2004 से जिले में मशरूम की भी खेती कर रहे हैं. उनकी मशरूम यूपी के कई जिलों में बिकती हैं. जिससे वो कम लागत में लाखों की कमाई कर रहे हैं. वहीं उनकी स्ट्रॉबेरी की खेती के बारे में पूरे जिले में चर्चा है. देखिए इस खास रिपोर्ट में.
बीएचयू से केमिस्ट्री ऑनर्स की छोड़ी पढ़ाई
सिधुआं गांव निवासी पारसनाथ सिंह ने ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान बताया कि वह बीएचयू से केमिस्ट्री ऑनर्स के छात्र रहे हैं. उन्हें नेशनल स्कॉलरशिप भी मिलता था. वह बताते हैं कि उस समय घर की माली हालत ठीक नहीं थी. इसी दौरान पिताजी की देहांत हो गया, जिसके बाद पढ़ाई अधूरी रह गई. बीएचयू से मैं गांव चला आया और गांव में ही रह कर कुछ उद्योग के बारे में सोचने लगा. घर की हालत भी ठीक नहीं थी. परिवार में भी समस्याएं थी. लेकिन उसके बाद भी हमने कुछ सिलेक्टेड काम शुरू किया और धीरे-धीरे हमारा मशरूम की तरफ रुझान हुआ. हमें बताया गया कि मशरूम ही एक ऐसा फसल है जो घर के अंदर किया जा सकता है और इसमें बाहर का कोई नुकसान नहीं है. जैसे कि कोई जानवरों का या प्रकृति की मार इस पर कम पड़ती है.
![आमदनी बढ़ाने के लिए शुरू की स्ट्रॉबेरी की खेती.](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/up-deo-01-afarmer-wholeft-chemistry-studies-frombhu-andearned-millionsby-cultivatingstrawberries-andmushrooms-inthe-village_15022021140018_1502f_1613377818_320.jpg)
मशरूम के बारे में हमने सोचा और फिर खेतों में पैसे की आमदनी कैसे बढ़ाई जाए. इसके लिए हमने स्ट्रॉबेरी की खेती की. स्ट्रॉबेरी का हमने एक प्रयोग शुरू किया और मशरूम की खेती हम 2004 से ही कर रहे थे. स्ट्रॉबेरी की खेती अभी इसी साल हमने शुरू की है और हमने साढ़े तीन कट्टे के खेत में साढ़े पांच सौ स्ट्रॉबेरी के पौधे लगाए हैं. जो दस रुपये पर पौधे के हिसाब से हमें मिला और यह पूरा पांच रुपये का पड़ा था. इसमें ढाई हजार रुपए का ऑर्गेनिक खाद लगा था, जिसमें कुल मेरे आठ हजार रुपये खर्च हुए हैं. इस रकबे में 2 से ढाई क्विंटल स्ट्रॉबेरी पैदा कर लेंगे और इस समय होलसेल जो स्ट्रॉबेरी का बाजार है वह लगभग 400 रुपए प्रति किलो है. इसके हिसाब से 2 क्विंटल में 80 हजार रुपये आ जाएंगे, तो इस तरह से एक अच्छी आमदनी है.
ढाई हजार लोगों को कर चुके है प्रशिक्षित
वहीं पारस नाथ सिंह ने बताया कि मशरूम की खेती के लिए अभी तक हम लगभग ढाई हजार लोगों को प्रशिक्षित कर चुके हैं. जो मशरूम की खेती कर रहे हैं. इसमें एक देवरिया, महाराजगंज और पश्चिमी बिहार के लोग सीधे तौर पर हमारे ऑर्गनाइजेशन के साथ जुड़े हुए हैं. उनको ट्रेनिंग भी देते हैं और उनको उचित दाम पर मटेरियल भी देते हैं.
![स्ट्रॉबेरी](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/up-deo-01-afarmer-wholeft-chemistry-studies-frombhu-andearned-millionsby-cultivatingstrawberries-andmushrooms-inthe-village_15022021140018_1502f_1613377818_588.jpg)
बनारस, जौनपुर, मिर्जापुर के किसान ले रहे ट्रेनिंग
पारस नाथ ने बताया कि उनके पास दूर-दूर से लोग आ रहे हैं. जिसमें वाराणसी, जौनपुर, मिर्जापुर के लोग उनके पास आ कर ट्रेनिंग ले रहे हैं.
तीन वैरायटी की तैयार करते हैं मशरूम
पारस नाथ ने बताया कि मशरूम की तीन वेराइटी तैयार होती है. जिसमें पहला आयस्टर मशरूम है. इसकी खेती में 12 से 15 घण्टे का समय लगता है. इसकी तैयारी करने के लिये ऑर्गेनिक तरीका होता है और जिसमें चुना पानी गेहूं के भूसे को उबालकर के उसमें बीज मिला कर के हम मशरूम घर में डालते हैं. यह ऑर्गेनिक तरीका थोड़ा सा आसान होता है. सेम तरीका मिल्की मशरूम और बटर मशरूम में भी किया जाता है, लेकिन उसमें 15 से 30 दिन का समय लगता है.
![2004 से कर रहे मशरूम की खेती.](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/up-deo-01-afarmer-wholeft-chemistry-studies-frombhu-andearned-millionsby-cultivatingstrawberries-andmushrooms-inthe-village_15022021140018_1502f_1613377818_683.jpg)
तीन महीने में लागत का चार गुना होता है फायदा
प्रोडक्शन के हिसाब से बटन मशरूम का प्रोडक्शन नॉर्मल ही 30 प्रतिशत से लेकर 45 प्रतिशत तक होता है. आयस्टर मशरूम का प्रोडक्शन 70 प्रतिशत से 100 प्रतिशत तक उत्पादन होता है. मिल्की मशरूम का 60 प्रतिशत से लेकर 120 प्रतिशत तक उत्पादन कर लेते हैं. आयस्टर मशरूम का नॉरमल रेट 100 रुपये से नीचे नहीं आता है. 100 रुपये से लेकर 200 रुपये तक बिकता है. डिमांड के आधार पर बटर मशरूम का भी रेट 80 से लेकर के 100 तक बिकता है.