चित्रकूट: महाराष्ट्र से गृह जनपद पहुंचे प्रवासी श्रमिकों ने अपने गांव पहुंचकर खुशी जाहिर की. वहीं जिला प्रशासन के आदेश के बाद गांव के परिषदीय विद्यालयों में क्वारंटाइन श्रमिकों को रविवार को घर भेजा गया. इसके पूर्व बाहर से आ रहे श्रमिकों को ग्राम निगरानी समिति परिषदीय विद्यालयों में ही 14 दिनों के लिए क्वारंटाइन किया करती थी.
वैश्विक महामारी कोरोना वायरस में हुई लॉकडाउन के बाद प्रवासी मजदूरों का पलायन जारी है. शनिवार को चित्रकूट के गांव अमचूर निरवा पहुंचे 52 श्रमिकों ने बताया कि वह महाराष्ट्र में अंगूर और केले के बागों में मजदूरी का काम करते थे. लॉकडाउन के बाद सरकार द्वारा चलाई गई श्रमिक स्पेशल ट्रेन के सहारे वह पहले महाराष्ट्र से गोरखपुर और अब बस के सहारे चित्रकूट और फिर अपने गांव अमचूर निरवा पहुंचे हैं.
श्रमिकों ने बताया कि बेरोजगारी हमें बाहरी प्रदेशों तक लेकर गई थी. अगर हमारे स्वयं के जनपद में रोजगार होता तो हमें बाहर के जनपदों की खाक नहीं छाननी पड़ती. हम लोग अपने जनपद में पहुंचकर बेहद खुश हैं. वहीं परिषदीय विद्यालय में 27 श्रमिक पहले से ही क्वारंटाइन थे, जिनको जिला प्रशासन के आदेश के बाद सभी श्रमिक, मजदूरों को उनके घर जाने दिया गया.
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जिला प्रशासन ने आदेश दिया है कि अब से कोई भी क्वारंटाइन मजदूर सरकारी भवनों में नहीं रहेगा, बल्कि वह अपने निजी आवास में जाकर होम क्वारंटाइन रहेंगे, जिसकी निगरानी समय-समय पर 13 सदस्यीय ग्राम निगरानी समिति करेगी.
कल्ली,ग्राम प्रधान