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चित्रकूट: 4 माह से नहीं मिला वेतन, धरने पर बैठे ग्राम विकास अधिकारी

उत्तर प्रदेश के चित्रकूट में सरकार के रवैये से परेशान ग्राम विकास अधिकारियों ने विरोध जताते हुए धरना प्रदर्शन किया. नाराज अधिकारियों का आरोप है कि सरकार कुछ प्रमुख मांगे नहीं पूरी कर रही है, जिसके विरोध में वह धरने पर बैठे हैं.

स्थायीकरण और वेतन न मिलने से नाराज ग्राम विकास अधिकारी धरने पर बैठे.
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Published : Nov 1, 2019, 1:13 PM IST

चित्रकूट: जिले के ग्राम विकास अधिकारी अपनी मांगें पूरी न होने पर बुधवार को धरने पर बैठ गए थे. सरकार के रवैये से खफा अधिकारी दूसरे दिन गुरुवार को भी अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ रहे. दरअसल, इन ग्राम विकास अधिकारियों का कहना है कि उन्हें पिछले चार माह से वेतन नहीं मिला. इसके अलावा हड़ताल पर बैठे अधिकारियों का कहना है कि जिले में गोशालाओं का संचालन भी अधिकारी अपने पैसों से करा रहे हैं, लेकिन सरकार ने उनको सरकारी धन अभी तक उपलब्ध नहीं कराया, जिसके विरोध में वह अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हैं.

स्थायीकरण और वेतन न मिलने से नाराज ग्राम विकास अधिकारी धरने पर बैठे.
ग्राम विकास अधिकारियों ने बताया कि वह चार महीने से समन्वय समिति की तरफ से जिलाधिकारी एवं जिला विकास अधिकारी महोदय को ज्ञापन दे रहे हैं, लेकिन आज तक हमारी समस्याओं पर कोई ध्यान नहीं दिया गया. उनका कहना है उन्हें समय से वेतन, एरियर, बोनस, एसीपी का लाभ नहीं मिलता. साथ ही उनका स्थायीकरण नहीं किया जा रहा है.

ग्राम विकास अधिकारियों का कहना है कि वह तीन माह से गोशाला संचालन करा रहे हैं, जिसमें प्रशासन द्वारा आज तक उन्हें धन मुहैया नहीं कराया गया. इसके अलावा प्रशासनिक अधिकारियों ने गोशाला संचालन सहित गोसंरक्षण की भी जिम्मेदारी अपने रुपये से करने का आदेश दिया है.

अधिकारियों के धरने से आम आदमी परेशान
अधिकारियों के धरने पर बैठने की वजह से आमजन को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. ग्रामीण चुन्नी लाल ने बताया वह बेटी की शादी सम्मेलन से करना चाहते हैं, लिहाजा वह रजिस्ट्रेशन का फार्म लेकर दो दिनों से ग्राम विकास कार्यालय के चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन यहां कोई अधिकारी नहीं मिल रहा है. जिस कारण उन्हें खासी दिक्कत हो रही है.

उच्च अधिकारियों ने अपना वेतन निकाल लिया और दीपावली के समय भी हमें वेतन नहीं दिया गया. अगर हम कार्य बहिष्कार कर देंगे तो जिले भर के पूरे विकास कार्य रुक जाएंगे, जिससे अधिकारियों की भी प्रगति बाधित होगी.
-अमरीश त्रिपाठी, अध्यक्ष समन्यवय समिति

चित्रकूट: जिले के ग्राम विकास अधिकारी अपनी मांगें पूरी न होने पर बुधवार को धरने पर बैठ गए थे. सरकार के रवैये से खफा अधिकारी दूसरे दिन गुरुवार को भी अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ रहे. दरअसल, इन ग्राम विकास अधिकारियों का कहना है कि उन्हें पिछले चार माह से वेतन नहीं मिला. इसके अलावा हड़ताल पर बैठे अधिकारियों का कहना है कि जिले में गोशालाओं का संचालन भी अधिकारी अपने पैसों से करा रहे हैं, लेकिन सरकार ने उनको सरकारी धन अभी तक उपलब्ध नहीं कराया, जिसके विरोध में वह अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हैं.

स्थायीकरण और वेतन न मिलने से नाराज ग्राम विकास अधिकारी धरने पर बैठे.
ग्राम विकास अधिकारियों ने बताया कि वह चार महीने से समन्वय समिति की तरफ से जिलाधिकारी एवं जिला विकास अधिकारी महोदय को ज्ञापन दे रहे हैं, लेकिन आज तक हमारी समस्याओं पर कोई ध्यान नहीं दिया गया. उनका कहना है उन्हें समय से वेतन, एरियर, बोनस, एसीपी का लाभ नहीं मिलता. साथ ही उनका स्थायीकरण नहीं किया जा रहा है.

ग्राम विकास अधिकारियों का कहना है कि वह तीन माह से गोशाला संचालन करा रहे हैं, जिसमें प्रशासन द्वारा आज तक उन्हें धन मुहैया नहीं कराया गया. इसके अलावा प्रशासनिक अधिकारियों ने गोशाला संचालन सहित गोसंरक्षण की भी जिम्मेदारी अपने रुपये से करने का आदेश दिया है.

अधिकारियों के धरने से आम आदमी परेशान
अधिकारियों के धरने पर बैठने की वजह से आमजन को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. ग्रामीण चुन्नी लाल ने बताया वह बेटी की शादी सम्मेलन से करना चाहते हैं, लिहाजा वह रजिस्ट्रेशन का फार्म लेकर दो दिनों से ग्राम विकास कार्यालय के चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन यहां कोई अधिकारी नहीं मिल रहा है. जिस कारण उन्हें खासी दिक्कत हो रही है.

उच्च अधिकारियों ने अपना वेतन निकाल लिया और दीपावली के समय भी हमें वेतन नहीं दिया गया. अगर हम कार्य बहिष्कार कर देंगे तो जिले भर के पूरे विकास कार्य रुक जाएंगे, जिससे अधिकारियों की भी प्रगति बाधित होगी.
-अमरीश त्रिपाठी, अध्यक्ष समन्यवय समिति

Intro:चित्रकूट जिले के ग्राम विकास अधिकारियों ने अपनी मांगे पूरी न होने पर आज दूसरे दिन गुरुवार को भी अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे। ग्राम विकास अधिकारियों ने यह धरना पिछले 4 माह से वेतन न मिलने और गौशाला संचालन में सरकारी धन उपलब्ध न होने के विरोध में अनिश्चितकालीन धरना दिया है।


Body: ग्राम विकास अधिकारियों ने बताया कि हम लोग 4 महीने से लगातार समन्वय समिति की तरफ से जिलाधिकारी एवं जिला विकास अधिकारी महोदय को लगातार ज्ञापन दे रहे हैं। लेकिन आज तक हमारी समस्याओ पर कोई ध्यान नहीं दिया गया।हमारी की मुख्य मांगे समय से वेतन न मिलना ,एरियार न मिलना, बोनस न मिलना, एसीपी का लाभ न मिलना एवं स्थायीकरण मुख्य मांगे हैं । लगातार हम लोगों द्वारा 3 माह से गौशाला संचालन भी किया जा रहा है। जिसमें प्रशासन द्वारा आज तक हमें धन मुहैया नहीं कराया गया ।जबकि प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा यह आदेश दिया जाता रहा है। कि आप लोगों को स्वयं गौशाला संचालन और गौसंरक्षण की व्यवस्था करनी है ।
वही ग्राम विकास अधिकारियों के धरने पर बैठ जाने से ग्राम पंचायत से जुड़े ग्रामीणों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है चूरेह कसेरूवा गांव से आए ग्रामीण चुन्नी लाल ने बताया कि प्रशासन द्वारा विवाह सम्मेलन की बात कही गई थी। जिसका फार्म लेकर मैं पिछले 2 दिनों से चक्कर काट रहा हूं पर अधिकारियों के धरने पर बैठ जाने से मेरा काम नहीं हो पा रहा है।अगर ऐसा ही रहा टॉप मेरी बेटी की शादी निर्धारित समय पर नहीं होगी या फिर शादी भी टूट सकती है। वहीं खंड विकास परिसर में कई लोग इधर-उधर घूमते दिखे। जिन्हें को परिवार रजिस्टर तो कईयों को ग्राम पंचायत से जुड़े लाभ जैसे प्रधानमंत्री आवास शौचालय इत्यादि का लाभ लेने के लिए इधर उधर भटकते नजर आए ।
वहीं जिला समन्वय समिति के अध्यक्ष अमरीश त्रिपाठी ने कहा कि उच्च अधिकारियों ने तो अपना वेतन निकाल लिया पर दीपावली के समय भी हमें वेतन नहीं दिया गया। हम अगर कार्य बहिष्कार कर देती है तो जिले भर के पूरे विकास कार्य रुक जाएंगे जिससे इन अधिकारियों की भी प्रगति बाधित होगी।
बाइट-जयप्रकाश सिंह(ग्रामविकास अधिकारी(
बाइट- चुन्नी लाल(ग्रामीण)
बाइट-अमरीश त्रिपाठी(अध्यक्ष समन्यवय समिति)



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