चित्रकूट: जिले के विद्युत विभाग का ऐसा मामला सामने आया है. जहां बारह माफी के ग्रामीणों को मोदी सरकार की सौभाग्य योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है. क्योंकि लगभग तीन सालों से विद्युत पोल की खराबी और ट्रांसफॉर्मर का न होना बड़ी वजह है. वहीं जब ग्रामीणों ने इसकी शिकायत तहसील के संपूर्ण समाधान दिवस में की, तो अधिकारियों ने ऑफिस में ही बैठकर समस्या का समाधान कागजों में ही कर दिया. वहीं ग्रामीणों का आरोप है कि कागजों में नहीं बल्कि जमीन में खम्भे गाड़ और घरों में विद्युत पहुंचा कर समस्या का निस्तारण करें.
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ग्रामीण अंधेरे में जीवन जीने को मजबूर
बाराह माफी गांव में 2012 में विद्युतीकरण हुआ था. ग्रामीणों में बेहद खुशी थी कि विद्युतीकरण हो जाने के बाद अब उनके बच्चे की जिंदगी में भी रोशनी आएगी. वह पढ़-लिखकर अपना और अपने मां-बाप का नाम रोशन करेंगे, पर यह खुशियां चंद दिनों तक ही रहीं. एक आंधी ने खुशियों पर पानी फेर दिया और विद्युत विभाग द्वारा लगाए गए पोल ताश के पत्तों के समान भरभरा कर ढह गए. 3 साल पूर्व आई आंधी ने ग्रामीणों की जिंदगी में अंधेरा कर दिया.
विद्युत विभाग की शिकायत ग्रामीणों ने तहसील समाधान दिवस में की
ग्रामीणों की मानें तो विद्युत पोल टूटने के बाद विद्युत विभाग के कर्मचारियों ने लगे ट्रांसफॉर्मर को भी खोल कर अपने हैंडओवर कर लिया. इसके बाद से उन्होंने इस गांव का रुख ही नहीं किया. कई बार अधिकारियों से इस संबंध में शिकायतें की गईं पर कोई भी अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा. थक हार कर इसकी शिकायत तहसील में संपन्न हुए संपूर्ण समाधान दिवस में की गई.
ग्रामीणों ने ईटीवी भारत से बातचीत में ये कहा
हमारे बच्चों को पढ़ने लिखने में बेहद तकलीफ होती है. शाम 6 बजे के बाद ही इन्हें सो जाना पड़ता है, क्योंकि बरसात के समय कीड़ों-मकोड़ों का डर लगा रहता है. वहीं अंधेरा हो जाने से कई बार यह बच्चे गिर भी पड़ते हैं. खाद्य आपूर्ति विभाग से दिए जा रहे मिट्टी का तेल भी नाकाफी है और एक लीटर मिट्टी के तेल से या तो हम लोग अपने घर का चूल्हा जला सकते हैं या फिर रोशनी घरों में कर सकते हैं. ऐसे में हमारा यहां पर रहना दूभर हो गया है. हम लोग समाज से कटते जा रहे हैं क्योंकि अब मोबाइल भी चार्ज नहीं कर सकते.
वही इसी गांव में सरकार द्वारा चलाई जा रही सौभाग्य विद्युत योजना के तहत इस गांव के कई घरों में विद्युत फिटिंग और मीटर तो लग गए किन्तु आज तक विद्युत पोल और ट्रांसफॉर्मर भी नहीं लगा है.
निस्तारित किया गया है, तो इसकी जांच की जाएगी. अगर गांव में बिजली पोल और ट्रांसफॉर्मर नहीं है तो वो लगवाएं जाएंगे और जिनके घरों में बिजली नहीं पहुंची है तो उनका बिल माफ किया जाएगा.
-हरीबरण, अधिशाषी अभियंता