चित्रकूट: जिले में लॉकडाउन के बीच सरकार ने कुछ रियायत दी हैं. जिसमें मनरेगा के कार्य भी शामिल है. मनरेगा का कार्य समाजिक दूरी बनाकर किए जाने के निर्देश के बाद, बाहरी जनपदों से अपने गृह जनपद में आए मजदूरों को भी कार्य मिल सकेगा. इसी के चलते मानिकपुर विकासखंड के सभागार में बैठक हुई. जिसमें सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ती नजर आयी. एक छोटे के हॉल में कर्मचारी और अधिकारी पास-पास बैठे हुए नजर आए.
जनपद चित्रकूट का विकासखंड मानिकपुर में 62 ग्राम सभा है. गुरुवार को उपायुक्त श्रम एवं रोजगार व जिला पंचायत राज अधिकारी ने बैठक ली. जिसमें विकासखंड के सभी 6 में से 5 तकनीकी सहायक और 14 ग्राम विकास पंचायत अधिकारी, 50 पंचायत मित्र, सहायक खण्ड विकास अधिकारी, खण्ड विकास अधिकारी व मनरेगा से संबंधित कार्यालय के समस्त कर्मचारियों के साथ बैठक हुई. जिसमें सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ती नजर आयी.
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नए जॉब कार्ड बनाए जाएंंगे
उपायुक्त श्रम उपायुक्त श्रम एवं रोजगार दयाराम यादव ने बताया कि जनपद में 72,500 श्रमिक हैं, जो मनरेगा से संबंधित हैं. वहीं बाहरी जनपदों में काम कर रहे ऐसे मजदूर, जो लॉकडाउन के बाद अपने गृह जनपद में वापस लौटे हैं. उनको ध्यान में रखकर अगर उनके परिवार में किसी का जॉब कार्ड बना है, तो उस पर ही उन्हें समायोजित किया जाएगा. साथ ही अगर उनके पास कोई भी मनरेगा का जॉब कार्ड नहीं है, तो उन्हें नया जॉब कार्ड उपलब्ध कराकर मनरेगा का कार्य दिए जाएगा.
मजदूरी 182 से बढ़ाकर 201 रुपए की गई
वहीं उपायुक्त श्रम एवं रोजगार ने बताया कि जनपद की 335 ग्राम सभा के 316 ग्रामसभाओं में मनरेगा के कार्य किया जा रहा है, जिसमें 20582 मनरेगा मजदूर कार्य कर रहे हैं. साथ ही इनकी दैनिक मजदूरी भी 1 अप्रैल से 182 रुपए से बढ़ा कर 201 कर दी गई है. वहीं मजदूरों को 52 हजार मास्क वितरित किए जा रहे हैं.