चित्रकूट: जिले में शांतिपूर्ण ढंग से मुहर्रम का जुलूस निकाला गया. मुस्लिम समाज द्वारा ढोल और नगाड़ों के बीच पूरे शहर में धार सवारी के साथ ताजिया मारकुंडी चौराहे की कर्बला की ओर रवाना किया गया. मुस्लिम रवायत के मुताबिक हिजरी सन के पाक महीना की शुरुआत के साथ ही हजरत मोहम्मद के नवासे हजरत हसन की शहादत को याद कर मुहर्रम मनाया जाता है.
ढोल-नगाड़ों के बीच निकाला गया मुहर्रम का जुलूस
- जिले के मारकुंडी चौराहे पर शिया मुसलमान इकट्ठे हुए और जुलूस निकाला.
- मुहर्रम के जुलूस के लिए काफी संख्या में पुलिस फोर्स तैनात की गई थी.
- मुहर्रम इस्लामी वर्ष यानी हिजरी सन का पहला महीना है.
- हिजरी सन का आगाज इसी महीने से होता है.
- इस माह को इस्लाम के 4 पवित्र महीनों में शुमार किया गया है और इस माह को अल्लाह का महीना भी कहा जाता है.
- मुस्लिम मान्यता के अनुसार यह कहा जाता है कि इस दिन अल्लाह के नबी हजरत नूह की कश्ती को किनारा मिला था.
12वीं शताब्दी में गुलाम वंश के पहले शासक कुतुबुद्दीन ऐबक के समय से ही दिल्ली में एक मौके पर ताजिया मुहर्रम का जुलूस निकाले जाते रहे हैं. इस दिन शिया मुसलमान कर्बला जाकर मातम मनाते हैं और ताजिया निकालते हैं.
बताया जाता है कि मुहर्रम में ताजिया निकालने की शुरुआत बरसों पहले तैमूर लंग बादशाह ने की थी, जिसका ताल्लुक शिया संप्रदाय से था.