चित्रकूट: मानिकपुर थाना क्षेत्र के हरदिया जंगल में अधजला मानव कंकाल मिलने से हड़कंप मच गया. मौके पर पुलिस बल के साथ पहुंचे एसपी ने कहा कि पोस्टमार्टम के बाद ही पहचान संभव है. 20 फरवरी से गुमशुदा एक युवक के परिजनों ने टूटे पड़े मोबाइल को देख कर कंकाल की पहचान जगत कुशवाहा के रूप में की है.
ये है पूरा मामला
चित्रकूट के मानिकपुर थाना में 20 फरवरी को रानीपुर निवासी जगत कुशवाहा की गुमशुदगी लिखवाई गई थी. बाद में गुमशुदा व्यक्ति के अपहरण की बात प्रकाश में आई थी. अपहरण में परिजनों ने मुख्य आरोपी गुमशुदा युवक के मित्रों को ही बताया था. इसके बाद से पुलिस और परिजन गुमशुदा युवक की तलाश संबंधित परिजनों के यहां और जंगलों में कर रहे थे. एक माह से ज्यादा का समय बीत जाने पर भी उसका सुराग नहीं लगा था. एक दिन परिजनों को जंगल में पशु चराने गए लोगों ने सूचना दी कि एक व्यक्ति का कंकाल हरदिया के जंगल में पड़ा है.
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मौके पर पहुंचे एसपी
मौके पर पहुंचे परिजनों ने पुलिस को इस बात की सूचना दी. सूचना पर मौके पर पहुंचे एसपी अंकित मित्तल ने सघन जांच पड़ताल की.
प्रभारी निरीक्षक पर परिजनों ने लगाए आरोप
हरदिया जंगल की मुख्य सड़क की पुलिया से लगभग 30 मीटर की दूरी पर छोटे नाले में एक आधा जला नर कंकाल पड़ा था. उसके पास ही टूटे एंड्राइड मोबाइल और अधजला बटुआ भी मिला. इन्हें देखकर परिजनों ने कंकाल की पहचान 20 फरवरी से गुमशुदा जगत कुशवाहा के रूप में की. परिजनों ने मानिकपुर थाना प्रभारी निरीक्षक पर आरोप लगाया कि समय रहते अगर उनके द्वारा कोशिश की जाती तो मेरा लड़का बच सकता था. परिजनों ने प्रभारी निरीक्षक पर आरोपियों से सांठ-गांठ का आरोप भी लगाया है.
पुलिस अधीक्षक अंकित मित्तल ने कहा कि मानिकपुर थाना क्षेत्र के हरदिया जंगल के पास एक कंकाल मिला है. कंकाल के पास से मोबाइल मिला है. वैज्ञानिक परीक्षण और पोस्टमार्टम के बाद ही शव की पहचान हो सकेगी.