चित्रकूट: देश भर में पैर पसार चुके कोरोनावायरस के मद्देनजर जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मानिकपुर में मजदूरों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया. सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में 53 मजदूरों का स्वास्थ्यकर्मियों ने स्वास्थ्य परीक्षण किया. सभी मजदूर गैर जनपद व प्रदेशों में मजदूरी कर अपना व अपने परिवार का भरण पोषण करते थे.
डॉक्टरी स्वास्थ्य परीक्षण में सभी 53 मजदूरों को स्वास्थ्य कर्मियों ने स्वस्थ बताया है. स्वास्थ्य कर्मियों ने मजदूरों को हिदायत दी है कि यह सभी मजदूर एक दूसरे से सोशल डिस्टेंसिंग में रहें और अपने घरों के अंदर जाने के पूर्व अपने साथ लाए सामानों को 12 घंटे तक घर के बाहर ही रखें. साथ ही अपने कपड़ों को उतार कर ही घर में प्रवेश करें.
वैश्विक महामारी माने जाने वाली कोरोनावायरस संक्रमण के भारत में प्रवेश करने के बाद पूरे भारत को लॉक डाउन कर दिया गया है. ऐसे में जबकि पूरा भारत में आवागमन के बन्द करने के कारण जिले के कई रेहड़ी पटरी से संबंधित कामगार व दिहाड़ी मजदूरों का काम ठप्प होने से उनके जीवन यापन की समस्या खड़ी हो गई है. मजदूर अपने गृह जनपदों में वापस पलायन करना कि एक मात्र उपाय मानकर गृहजनपद आने का फैसला किया.
मजदूरों ने पैदल ही वहां से चलना चालू कर दिया. ऐसे में पैदल आ रहे मजदूरों को उनके गृह जनपदों तक पहुंचाने के लिए प्रशासन द्वारा रोडवेज बसों को आदेशित किया कि इन मजदूरों को उनके गृह जनपद तक छोड़ा जाए. जिसमें से जनपद लौटे 54 मजदूरों का मानिकपुर स्वास्थ्य सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में स्वास्थ्य परीक्षण करवाया गया. मजदूरों का कहना है कि यूं तो हम सरकारी बसों में सफर कर रहे थे पर हम लोगों से रोडवेज की बसों ने मनमाने तरीके से पैसा वसूला है. मजबूरी के चलते बचे हुए पैसे को हम लोगों ने रोडवेज बसों को ही दे दिया.
चित्रकूट लौटे 53 मजदूरों का किया गया स्वास्थ्य परीक्षण
चित्रकूट जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में 53 मजदूरों का स्वास्थ्य परीक्षण कराया गया. साथ ही स्वास्थ्यकर्मियों द्वारा मजदूरों को कोरोनावायरस को लेकर जागरुकर भी किया गया.
चित्रकूट: देश भर में पैर पसार चुके कोरोनावायरस के मद्देनजर जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मानिकपुर में मजदूरों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया. सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में 53 मजदूरों का स्वास्थ्यकर्मियों ने स्वास्थ्य परीक्षण किया. सभी मजदूर गैर जनपद व प्रदेशों में मजदूरी कर अपना व अपने परिवार का भरण पोषण करते थे.
डॉक्टरी स्वास्थ्य परीक्षण में सभी 53 मजदूरों को स्वास्थ्य कर्मियों ने स्वस्थ बताया है. स्वास्थ्य कर्मियों ने मजदूरों को हिदायत दी है कि यह सभी मजदूर एक दूसरे से सोशल डिस्टेंसिंग में रहें और अपने घरों के अंदर जाने के पूर्व अपने साथ लाए सामानों को 12 घंटे तक घर के बाहर ही रखें. साथ ही अपने कपड़ों को उतार कर ही घर में प्रवेश करें.
वैश्विक महामारी माने जाने वाली कोरोनावायरस संक्रमण के भारत में प्रवेश करने के बाद पूरे भारत को लॉक डाउन कर दिया गया है. ऐसे में जबकि पूरा भारत में आवागमन के बन्द करने के कारण जिले के कई रेहड़ी पटरी से संबंधित कामगार व दिहाड़ी मजदूरों का काम ठप्प होने से उनके जीवन यापन की समस्या खड़ी हो गई है. मजदूर अपने गृह जनपदों में वापस पलायन करना कि एक मात्र उपाय मानकर गृहजनपद आने का फैसला किया.
मजदूरों ने पैदल ही वहां से चलना चालू कर दिया. ऐसे में पैदल आ रहे मजदूरों को उनके गृह जनपदों तक पहुंचाने के लिए प्रशासन द्वारा रोडवेज बसों को आदेशित किया कि इन मजदूरों को उनके गृह जनपद तक छोड़ा जाए. जिसमें से जनपद लौटे 54 मजदूरों का मानिकपुर स्वास्थ्य सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में स्वास्थ्य परीक्षण करवाया गया. मजदूरों का कहना है कि यूं तो हम सरकारी बसों में सफर कर रहे थे पर हम लोगों से रोडवेज की बसों ने मनमाने तरीके से पैसा वसूला है. मजबूरी के चलते बचे हुए पैसे को हम लोगों ने रोडवेज बसों को ही दे दिया.