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चित्रकूट: किसान ने फांसी लगाकर की आत्महत्या, फाइनेंस कंपनी ने छीना था ट्रैक्टर

उत्तर प्रदेश के चित्रकूट जिले में एक फाइनेंस कंपनी के दबाव के चलते किसान ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. बताया जा रहा है कि फाइनेंस कंपनी की किश्त जमा नहीं कर पाने के चलते कंपनी उस पर दबाव बना रही थी.

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Published : Jul 21, 2020, 9:27 PM IST

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किसान ने फांसी लगाकर की आत्महत्या.

चित्रकूट: जिले के मानिकपुर थाना क्षेत्र के सिमर्दाहा गांव में एक फाइनेंस कंपनी के दबाव के चलते किसान ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. लॉकडाउन में कमाई नहीं हो पाने से किसान ट्रैक्टर की किश्त नहीं दे पा रहा था. जिसके बाद कंपनी ने उसपर किश्त जमा करने का दबाव बनाने लगी. वहीं विवश होकर किसान ने टैक्टर जमा कर दिया और उसने खेत में लगे पेड़ के सहारे आत्महत्या कर ली. वहीं सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और मामले की जांच में जुट गई है.

लॉकडाउन में काम था बंद
लॉकडाउन में कमाई नहीं होने के चलते किसान ट्रैक्टर फाइनेंस कंपनी को चार महीने से किश्त नहीं दे पाया था. इसी वजह से किसान ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. फाइनेंस कंपनी किश्त जमा करने को लेकर किसान पर दबाव बना रही थी. वहीं दबाव के चलते किसान ने कंपनी को टैक्टर वापस लौटा दिया, जिसके बाद से किसान काफी निराश था और उसने आत्महत्या का कदम उठाया.

कंपनी बना रही थी दबाव
मृतक किसान दुर्गेश मिश्रा ने एक निजी कंपनी से ट्रैक्टर फाइनेंस कराया था. लॉकडाउन में कमाई नहीं हो पाने से वह टैक्टर की 4 महीने की किश्त नहीं जमा कर पा रहा था और कंपनी द्वारा लगातार किश्त भरने का दबाव बनाया जा रहा था. किसान कंपनी के लगाए गए ब्याज को कम करने की लगातार प्रार्थना कर रहा था पर कंपनी लगातार उसे ट्रैक्टर वापस करने का दबाव बना रही थी. किसान के छोटे भाई ने कंपनी को ट्रैक्टर वापस कर दिया. इसके बाद इन सब बातों से परेशान किसान ने अपने खेत पर लगे पीपल के पेड़ से लटक कर आत्महत्या कर ली.

चित्रकूट: जिले के मानिकपुर थाना क्षेत्र के सिमर्दाहा गांव में एक फाइनेंस कंपनी के दबाव के चलते किसान ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. लॉकडाउन में कमाई नहीं हो पाने से किसान ट्रैक्टर की किश्त नहीं दे पा रहा था. जिसके बाद कंपनी ने उसपर किश्त जमा करने का दबाव बनाने लगी. वहीं विवश होकर किसान ने टैक्टर जमा कर दिया और उसने खेत में लगे पेड़ के सहारे आत्महत्या कर ली. वहीं सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और मामले की जांच में जुट गई है.

लॉकडाउन में काम था बंद
लॉकडाउन में कमाई नहीं होने के चलते किसान ट्रैक्टर फाइनेंस कंपनी को चार महीने से किश्त नहीं दे पाया था. इसी वजह से किसान ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. फाइनेंस कंपनी किश्त जमा करने को लेकर किसान पर दबाव बना रही थी. वहीं दबाव के चलते किसान ने कंपनी को टैक्टर वापस लौटा दिया, जिसके बाद से किसान काफी निराश था और उसने आत्महत्या का कदम उठाया.

कंपनी बना रही थी दबाव
मृतक किसान दुर्गेश मिश्रा ने एक निजी कंपनी से ट्रैक्टर फाइनेंस कराया था. लॉकडाउन में कमाई नहीं हो पाने से वह टैक्टर की 4 महीने की किश्त नहीं जमा कर पा रहा था और कंपनी द्वारा लगातार किश्त भरने का दबाव बनाया जा रहा था. किसान कंपनी के लगाए गए ब्याज को कम करने की लगातार प्रार्थना कर रहा था पर कंपनी लगातार उसे ट्रैक्टर वापस करने का दबाव बना रही थी. किसान के छोटे भाई ने कंपनी को ट्रैक्टर वापस कर दिया. इसके बाद इन सब बातों से परेशान किसान ने अपने खेत पर लगे पीपल के पेड़ से लटक कर आत्महत्या कर ली.

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