चित्रकूट : जिला अस्पताल की बदहाली और लचर व्यवस्था यहां सरकारी दावों की पोल खोलती नजर आ रही है. लाखों रुपयों का बजट मिलने के बाद भी हालत यह है कि मरीज के तिमारदारों को ही वार्ड बॉय का काम करना पड़ रहा है. स्टाफ नर्स अस्पताल पहुंचकर महज खाना पूर्ति कर रही हैं और डॉक्टर दिन में एक बार बस चेहरा दिखाने आते हैं. अस्पताल में मरीज कम और आवारा कुत्ते ज्यादा हैं, जिसके चलते हर वक्त यहां मरीजों और नवजातों के लिए खतरा बना रहता है.
चित्रकूट जिला अस्पताल की स्थिति बद से बदतर होती जा रही है. बात सफाई की करें तो मरीजों को शौच क्रिया के लिए अस्पताल के बाहर जाना पड़ता है, क्योंकि अस्पताल के सारे शौचालय गन्दे हैं. इससे पूरे अस्पताल में बदबू फैल रही है और यह बात सीएमएस भी मान रहे हैं. अस्पताल में बने जच्चा-बच्चा वार्ड और केंद्र के इर्द-गिर्द कुत्तों की भरमार है, जो नवजातों को कभी भी नुकसान पहुंचा सकते हैं. वहीं इस गंदगी से नवजातों को कई बीमारियों का भी खतरा बना रहता है.
इसे लेकर सीएमएस एसएनमिश्रा मानते हैं कि अस्पताल में कुत्तों से गंदगी फैल रही है. साथ ही अस्पताल में बने शौचालय भी पूरी तरह खराब होकर अस्पताल में गंदगी फैला रहे हैं. वहीं वार्ड बॉय का बचाव करते हुए सीएमएस ने कहा कि हमारे पास स्टाफ है और वो मरीजों का ध्यान भी रखते हैं. स्ट्रेचर ले जाते समय तीमारदार कभी उनकी मदद कर बोतल पकड़ लेते हैं, तो इसमें बुराई ही क्या है.