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चित्रकूट: रानीपुर वन्य जीव विहार में दुर्लभ वन्य जीवों की मौत

रानीपुर वन्य जीव विहार में दुर्लभ वन्य जीवों की मौत का मामला सामने आया है. जिसके बाद अधिकारियों का कहना है कि जानवरों की मौत आकस्मिक रूप से हुई है, मामले की जांच में लापरवाही सामने आने पर कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

रानीपुर वन्य जीव विहार
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Published : Mar 25, 2019, 8:00 PM IST

चित्रकूट: रानीपुर वन्य जीव विहार में तेंदुआ और भालू समेत चार संरक्षित वन्य जीवों की मौत का मामला सामने आया है. सूचना मिलते ही आला अफसर रानीपुर वन्य जीव विहार पहुंचे. मामले में अधिकारियों का कहना है कि जांच में लापरवाही सामने आने पर संलिप्त कर्मचारियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

दुर्लभ वन्य जीवों की मौत

मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश की सीमा से सटा रानीपुर वन्य जीव विहार में शाकाहारी और मांसाहारी समेत लगभग हजारों की संख्या में दुर्लभ प्रजाति के जीवों को संरक्षित कर रखा गया है. कर्मचारियों द्वारा इन जीवों की समय-समय पर गिनतियां की जाती है. चित्रकूट से लगभग 45 किलोमीटर दूर वन्य जीव अभ्यारण में जीवों की मौत से कहीं न कहीं कार्यरत कर्मचारियों की कार्यप्रणाली पर सवाल उठने लगा है.
बता दें कि, 1982 में रानीपुर वन्य जीव विहार की स्थापना की गई थी. इसका मुख्य उद्देश्य यहां पर दुर्लभ प्रजाति के जीवों को संरक्षित कर रखना था. अधिकारियों के अनुसार इन जानवरों की मौत आकस्मिक रूप से हुई है, जांच में लापरवाही सामने आने पर ड्यूटी पर तैनात कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

चित्रकूट: रानीपुर वन्य जीव विहार में तेंदुआ और भालू समेत चार संरक्षित वन्य जीवों की मौत का मामला सामने आया है. सूचना मिलते ही आला अफसर रानीपुर वन्य जीव विहार पहुंचे. मामले में अधिकारियों का कहना है कि जांच में लापरवाही सामने आने पर संलिप्त कर्मचारियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

दुर्लभ वन्य जीवों की मौत

मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश की सीमा से सटा रानीपुर वन्य जीव विहार में शाकाहारी और मांसाहारी समेत लगभग हजारों की संख्या में दुर्लभ प्रजाति के जीवों को संरक्षित कर रखा गया है. कर्मचारियों द्वारा इन जीवों की समय-समय पर गिनतियां की जाती है. चित्रकूट से लगभग 45 किलोमीटर दूर वन्य जीव अभ्यारण में जीवों की मौत से कहीं न कहीं कार्यरत कर्मचारियों की कार्यप्रणाली पर सवाल उठने लगा है.
बता दें कि, 1982 में रानीपुर वन्य जीव विहार की स्थापना की गई थी. इसका मुख्य उद्देश्य यहां पर दुर्लभ प्रजाति के जीवों को संरक्षित कर रखना था. अधिकारियों के अनुसार इन जानवरों की मौत आकस्मिक रूप से हुई है, जांच में लापरवाही सामने आने पर ड्यूटी पर तैनात कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
Intro:एंकर- चित्रकूट के रानीपुर वन्य जीव विहार में आज तेंदुआ और भालू समेत 4 संरक्षित वन्य जीवो के मौत का मामला सामने आया है सूचना मिलने के बाद से ही आला अफसरों का जमावड़ा रानीपुर वन्य जीव विहार के जंगल में लगातार जारी है चित्रकूट से लगभग 45 किलोमीटर दूर वन्य जीव अभ्यारण में जीवो की मौत से कहीं ना कहीं वन्य जीव अभ्यारण में कार्यरत कर्मचारियों के कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिन्ह लगा है


Body:वीओ--चित्रकूट के मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश की सीमा से सटा रानीपुर वन्य जीव विहार में शाकाहारी और मांसाहारी समेत लगभग हजारों की संख्या में दुर्लभ प्रजाति के जीवो को संरक्षित कर के रखा गया इनकी जान की सलामती के लिए यहां पर कई कर्मचारी नियमित रूप से इनका ध्यान रखते हैं जो कि इनके खाने और पीने की व्यवस्था भी समय-समय पर यही कर्मचारी द्वारा की जाती रही है इन कर्मचारियों द्वारा इन जीवो की समय-समय पर गिनतियां भी की जाती रही पर कल जानकारी में 4 दुर्लभ जिओ की आकस्मिक मौत की खबर से कहीं ना कहीं इनके कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिन्ह लगा है बताते चलें 1982 के बाद से यहां पर रानीपुर वन्य जीव विहार की स्थापना की गई थी इसका मुख्य उद्देश्य यहां पर दुर्लभ प्रजाति के जीवो को संरक्षित कर के रखना था चुकी जंगल से लगे हुए गांव में खेती और जानवरों की चारागाह की वजह से कई बार इन दुर्लभ प्रजाति के जानवरों का सामना भी इंसानों से हो जाता रहा है जिसके चलते भी कई बार इंसानों ने इनको अपना शिकार बनाया है पर एक हफ्ता पहले हुई इन जीवो की मौतों ने यहां पर देखभाल करने वाले कर्मचारियों की कार्यप्रणाली पर जरूर प्रश्न चिन्ह लगाया है की एक हफ्ता से जंगल में पड़े हुए शवों को आखिर इन कर्मचारियों ने क्यों नहीं देखा

वीओ 2-अधिकारियों की माने तो इन जानवरों की मौत आकस्मिक रूप से हुई है इसमें अगर किसी की भी जांच के समय भूल चूक साबित हुई तो इन कर्मचारियों और अधिकारियों को कठोर से कठोर दंड दिया जाएगा क्योंकि वन्य जीव अभ्यारण का उद्देश जीवो को संरक्षित करना है


Conclusion:बाइट- सुनील पांडेय( मुख्य वन जीव संरक्षक लखनऊ)
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