चित्रकूट: जिले में महाशिवरात्रि पर शिवालयों में शिव भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती दिखी. बताया जाता है कि धर्म की नगरी चित्रकूट में स्वयं ब्रह्मा जी ने यज्ञ कर शिवलिंग की स्थापना की थी. यहां शिव को महाराजाधिराज मतगयेन्द्र के नाम से जाना जाता है. इस मंदिर में चार शिवलिंग स्थापित हैं. मान्यता है कि एक शिवलिंग ब्रह्मा जी ने स्थापित किया था दूसरे की स्थापना श्री रामचंद्र जी ने की थी तो वहीं दो और शिवलिंग की स्थापना अगस्त ऋषि और अत्री ऋषि ने की थी.
मध्यप्रदेश भिंड से आईं शिव भक्त रेखा दुबे ने बताया कि यहां के शिव मंदिर की महिमा अपार है. मैं शिव की शादी में सम्मिलित होने आई हूं और यहां चित्रकूट में ही रामचंद्र जी ने साढ़े 11 साल बिताए थे.
वहीं दर्शन के लिए आए शिवभक्त रवि पांडेय का कहना है कि धर्मनगरी चित्रकूट में शिव की महिमा अपरमपार है. महाशिवरात्रि पर कई लाख श्रद्धालुओं का जमावड़ा लगता है, जहां शिव और पार्वती का विवाह संपन्न होने के बाद रात्रि जागरण के साथ ही चार पहर की आरती होती है
यहां चार शिवलिंग हैं, पहले शिवलिंग की स्थापना स्वयं ब्रह्मा जी ने की थी. दूसरे शिवलिंग की स्थापना श्री रामचंद्र ने और तीसरे और चौथे की स्थापना अगस्त ऋषि और अत्री ऋषि ने की थी. इन चारों शिवलिंग का अलग-अलग महत्व है, जो धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष को दर्शाता है.
छोटू महाराज, महंत, मतगयेन्द्र मंदिर