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चित्रकूट पहुंचे नागरिक उड्डयन मंत्री नंद गोपाल नंदी, कहा- कम्युनिटी किचन से हो रही गरीबों के खाने की व्यवस्था

उत्तर प्रदेश के चित्रकूट जिले में प्रभारी मंत्री एवं नागरिक उड्डयन मंत्री नंद गोपाल नंदी ने कोरोना महामारी के मद्देनजर अस्पतालों का निरीक्षण किया.

चित्रकूट
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Published : May 27, 2021, 6:53 AM IST

चित्रकूटः प्रभारी मंत्री एवं नागरिक उड्डयन मंत्री नंद गोपाल नंदी ने आज (बुधवार) जिले में निगरानी समिति से मुलाकात कर जिला अस्पताल का निरीक्षण किया. साथ ही कलेक्ट्रेट सभागार में अधिकारियों से बैठक कर प्रेसवार्ता के दौरान सरकार द्वारा कोविड-19 से लड़ने के लिए किए गए कार्यों को गिनाया.

चित्रकूट की खबर

सरकार के आंकड़े दिखाए बेहतर
प्रेसवार्ता के दौरान प्रभारी मंत्री ने दावा किया कि रेहड़ी-पटरी वालों को सरकारी घोषणा के अनुसार एक हजार रुपये की मदद दी जा रही है. कम्युनिटी किचन से खाने की व्यवस्था की जा रही है. हालांकि तमाम पत्रकारों ने क्षेत्र में रही समस्या बताईं लेकिन प्रभारी मंत्री गोलमोल जवाब देकर टाल गए.

इसे भी पढ़ेंः नीम के पेड़ के नीचे मूर्ति स्थापित करने का किया विरोध तो भड़की 'आग', जाने फिर क्या हुआ..

राशन वितरण
प्रभारी मंत्री से ग्रामीणों के मनरेगा व अन्य जरूरतों के संबंध में पूछा गया तो प्रभारी मंत्री ने कहा कि लगातार शासन ऐसे गरीबों को राशन वितरण करवा रहा है. वहीं, जब पूछा गया कि 5 किलो अनाज से क्या एक माह का गुजर बसर हो सकता है, ऐसे में प्रभारी मंत्री ने कहा कि रेहड़ी पटरी वालों को सरकार प्रतिमा 1000 रुपये देने के आदेश दे चुकी है वहीं, कम्युनिटी किचन से भोजन की व्यवस्था की जा रही है.

उठे सवाल
प्रभारी मंत्री कोरोना काल में गरीबों की मदद के तमाम सरकारी प्रयासों के दावे करते रहे, वहीं उनके दावों पर सवाल भी उठ रहे हैं. प्रभारी मंत्री ने कम्युनिटी किचन से खाना मिलने का दावा किया लेकिन स्थानीय लोगों का कहना है कि ग्रामीण इलाकों में किसी भी तरह का कम्युनिटी किचन संचालित नहीं है. साथ ही ग्रामीणों का यह भी कहना है कि मनरेगा का काम पूरी तरह बंद है. आर्थिक स्थिति खराब है और सरकारी मदद के दावे भी पूरी तरह सत्य नहीं हैं.

चित्रकूटः प्रभारी मंत्री एवं नागरिक उड्डयन मंत्री नंद गोपाल नंदी ने आज (बुधवार) जिले में निगरानी समिति से मुलाकात कर जिला अस्पताल का निरीक्षण किया. साथ ही कलेक्ट्रेट सभागार में अधिकारियों से बैठक कर प्रेसवार्ता के दौरान सरकार द्वारा कोविड-19 से लड़ने के लिए किए गए कार्यों को गिनाया.

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सरकार के आंकड़े दिखाए बेहतर
प्रेसवार्ता के दौरान प्रभारी मंत्री ने दावा किया कि रेहड़ी-पटरी वालों को सरकारी घोषणा के अनुसार एक हजार रुपये की मदद दी जा रही है. कम्युनिटी किचन से खाने की व्यवस्था की जा रही है. हालांकि तमाम पत्रकारों ने क्षेत्र में रही समस्या बताईं लेकिन प्रभारी मंत्री गोलमोल जवाब देकर टाल गए.

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प्रभारी मंत्री से ग्रामीणों के मनरेगा व अन्य जरूरतों के संबंध में पूछा गया तो प्रभारी मंत्री ने कहा कि लगातार शासन ऐसे गरीबों को राशन वितरण करवा रहा है. वहीं, जब पूछा गया कि 5 किलो अनाज से क्या एक माह का गुजर बसर हो सकता है, ऐसे में प्रभारी मंत्री ने कहा कि रेहड़ी पटरी वालों को सरकार प्रतिमा 1000 रुपये देने के आदेश दे चुकी है वहीं, कम्युनिटी किचन से भोजन की व्यवस्था की जा रही है.

उठे सवाल
प्रभारी मंत्री कोरोना काल में गरीबों की मदद के तमाम सरकारी प्रयासों के दावे करते रहे, वहीं उनके दावों पर सवाल भी उठ रहे हैं. प्रभारी मंत्री ने कम्युनिटी किचन से खाना मिलने का दावा किया लेकिन स्थानीय लोगों का कहना है कि ग्रामीण इलाकों में किसी भी तरह का कम्युनिटी किचन संचालित नहीं है. साथ ही ग्रामीणों का यह भी कहना है कि मनरेगा का काम पूरी तरह बंद है. आर्थिक स्थिति खराब है और सरकारी मदद के दावे भी पूरी तरह सत्य नहीं हैं.

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