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चित्रकूट: आदिवासी बच्चों के लिए चित्रकूट पुलिस ने लगाई 'पाठा की पाठशाला'​​​​​​​

चित्रकूट पुलिस ने 'पाठा की पाठशाला' नाम से मुहिम की शुरूआत की है. इसके तहत आदिवासी बच्चों को किताबें देकर शिक्षा के लिए स्कूल जाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है. चित्रकूट पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार झा के नेतृत्व में 'पाठा की पाठशाला' का आयोजन किया गया.

चित्रकूट पुलिस ने चलाया पाठा की पाठशाला अभियान
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Published : Jul 2, 2019, 6:55 PM IST

चित्रकूट: पाठा पानी की किल्लत और दस्यु समस्या के लिए जाना जाता है. यहाँ निवास करने वाले आदिवासी तबके के लोग डकैतों और पुलिस की उत्पीड़न का जमकर शिकार होते रहे हैं. इसके कारण यहां यूपी पुलिस की छवि लोगों के अंदर खलनायकों जैसी ही बनी हुई है. मौजूदा पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार झा के 'पाठा की पाठशाला' अभियान से शिक्षा के प्रति जागरूक करने के साथ ही पुलिस अपनी भी छवि बदलने का प्रयास कर रही है.

चित्रकूट पुलिस ने चलाया पाठा की पाठशाला अभियान

क्या है, 'पाठा की पाठशाला'-

  • पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार झा के नेतृत्व में 'पाठा की पाठशाला' का आयोजन किया गया.
  • इसका आयोजन मारकुंडी थाना क्षेत्र के किहुनिया कोलान में किया गया.
  • 'पाठा की पाठशाला' मुहिम निही गांव से प्रारंभ होकर मारकुंडी तक पहुंची.
  • पुलिस अधीक्षक ने उपस्थित बच्चों को ब्लैक बोर्ड पर पढ़ाते हुए सामान्य ज्ञान की जानकारी दी.
  • इसके अंर्तगत बच्चों को मेहनत करने साथ ही अच्छे जीवन जीने के बारे में भी बताया गया.
  • पुलिस अधीक्षक ने बच्चों के अभिभावकों को बच्चों से स्कूल भेजने के लिए भी कहा.

यहां बच्चे स्कूल नहीं जाते हैं.अगर बच्चें स्कूल पढ़ने के लिए जाएंगे तो इस जगह के समस्याओं का समाधान अपने आप हो जाएगा.
-मनोज कुमार झा, पुलिस अधीक्षक

चित्रकूट: पाठा पानी की किल्लत और दस्यु समस्या के लिए जाना जाता है. यहाँ निवास करने वाले आदिवासी तबके के लोग डकैतों और पुलिस की उत्पीड़न का जमकर शिकार होते रहे हैं. इसके कारण यहां यूपी पुलिस की छवि लोगों के अंदर खलनायकों जैसी ही बनी हुई है. मौजूदा पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार झा के 'पाठा की पाठशाला' अभियान से शिक्षा के प्रति जागरूक करने के साथ ही पुलिस अपनी भी छवि बदलने का प्रयास कर रही है.

चित्रकूट पुलिस ने चलाया पाठा की पाठशाला अभियान

क्या है, 'पाठा की पाठशाला'-

  • पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार झा के नेतृत्व में 'पाठा की पाठशाला' का आयोजन किया गया.
  • इसका आयोजन मारकुंडी थाना क्षेत्र के किहुनिया कोलान में किया गया.
  • 'पाठा की पाठशाला' मुहिम निही गांव से प्रारंभ होकर मारकुंडी तक पहुंची.
  • पुलिस अधीक्षक ने उपस्थित बच्चों को ब्लैक बोर्ड पर पढ़ाते हुए सामान्य ज्ञान की जानकारी दी.
  • इसके अंर्तगत बच्चों को मेहनत करने साथ ही अच्छे जीवन जीने के बारे में भी बताया गया.
  • पुलिस अधीक्षक ने बच्चों के अभिभावकों को बच्चों से स्कूल भेजने के लिए भी कहा.

यहां बच्चे स्कूल नहीं जाते हैं.अगर बच्चें स्कूल पढ़ने के लिए जाएंगे तो इस जगह के समस्याओं का समाधान अपने आप हो जाएगा.
-मनोज कुमार झा, पुलिस अधीक्षक

Intro:

एंकर--- चित्रकूट पुलिस ने शुरू की पाठा की पाठशाला नाम से मुहिम , जिसके तहत आदिवासियों के बच्चो को स्कूल जाने के लिए प्रेरित करती नजर आ रही है चित्रकूट की पुलिस। स्कूल न जाने वाले बच्चों को किताबे देकर शिक्षा के प्रति प्रेरित कर रही पुलिस की लोगो ने किया प्रसंसा। पुलिस अधीक्षक खुद बच्चो को पढ़ाते हुए दिखे। इस दौरान मानिकपुर प्रभारी निरीक्षक केपी दुबे ने कार्यक्रम का संचलन किया और कार्यक्रम के आयोजक के तौर पर थानाध्यक्ष मोहम्मद अकरम मारकुंडी पुलिस बल मौजूद।
नरेशन- चित्रकूट का पाठा पानी की किल्लत और दस्यु समस्या के लिए जाना जाता है और यहाँ निवास करने वाले आदिवासी तबके के लोग डकैतो और पुलिस की उत्पीड़न का जमकर शिकार होते रहे हैं। जिसके कारण यहां यूपी पुलिस की छवि लोगो के अंदर खलनायको जैसी ही बनी है किंतु अब चित्रकूट पुलिस अधिक्षक मनोज कुमार झा के प्रयास और पाठा की पाठशाला मुहिम से शिक्षा के प्रति जागरूक करने के साथ ही अपनी पुलिस की भी छवि बदलने का प्रयास किया जा रहा है।

Body:वी/ओ- पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार झा के नेतृत्व मे मारकुंडी थाना क्षेत्र के किहुनिया कोलान में पाठा की पाठशाला का आयोजन किया गया। पुलिस की "पाठा की पाठशाला" मुहिम निही गांव से प्रारंभ होकर "पाठा की पाठशाला" मुहिम मारकुंडी पहुंच चुकी है। पाठशाला मे पुलिस अधीक्षक ने ब्लैकबोर्ड पर कलम पकड़ क्लास पर उपस्थित बच्चों को पढाते हुए सामान्य ज्ञान की जानकारी दी और बच्चों को मेहनत करने के लिए कहा। पुलिस अधीक्षक ने उपस्थिति अभिभावकों को शिक्षा का महत्व बताते हुए बच्चों को स्कूल भेजने की अपील भी किया। साथ ही कहा कि सभी अभिभावक अपने बच्चे के प्रति हो जागरूक और सरकार के द्वारा चलाई जा रही योजनाओं का लाभ उठाये। एसपी ने पढेगा पाठा तो बढेगा पाठा को आदर्श वाक्य के रूप मे नारा लगाते हुए अपराध की दुनिया से दूर रहने के लिए भी कहा।




Conclusion:
एफवी/ओ- वैसे तो आपने यूपी पुलिस को ज्यादातर खाखी का रौब गांठते ही देखे होंगे किन्तु इस बार चित्रकूट में पुलिस एक नए अंदाज में दिख रही है। दस्यु प्रभावित इलाके में जहां आदिवासियों को यातनाएं छोड़ कुछ भी नही मिलता है वहा पुलिस ने अब अलग तरीके से लोगो के बीच सामंजस बनाते दिख रही है। पाठा की पाठशाला मुहिम के तहत लोगो को शिक्षा का महत्व बता कर पुलिस अपनी छवि बदलने का प्रयास कर रही है।अब देखना होगा कि पुलिस की पाठा की पाठशाला मुहिम कितना कारगर साबित होती है।
बाइट-मनोज कुमार झा (पुलिस अधीक्षक चित्रकूट)
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