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चित्रकूट: जब विद्यालय का ये हो हाल तब कैसे हो शिक्षा का विस्तार - chitrakoot news

चित्रकूट के राजकीय बालिका विद्यालय इंटर कॉलेज मानिकपुर में 415 छात्राएं शिक्षा ग्रहण कर रही हैं, लेकिन विद्यालय में मात्र 3 कमरे हैं. राजकीय बालिका विद्यालय इंटर कॉलेज मानिकपुर में समस्याओं का अंबार लगा हुआ है.

जब विद्यालय का ये हो हाल तब कैसे हो शिक्षा का विस्तार
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Published : Aug 23, 2019, 11:08 AM IST

चित्रकूट : जिले का राजकीय बालिका विद्यालय इंटर कॉलेज मानिकपुर में समस्याओं का अंबार लगा हुआ है. इस विद्यालय में 415 छात्राएं शिक्षा ग्रहण कर रही हैं पर अधिकारियों के अनदेखी का शिकार इस विद्यालय में मात्र 3 कमरे हैं जिनमें यह छात्राएं शिक्षा ग्रहण करती हैं. इन कमरों में 85 छात्राओं को बैठने की पर्याप्त जगह नहीं है, पानी छत से टपकता है, तो पर्याप्त रोशनी ना होने से पढ़ने में मुश्किलें होती हैं.

एक पंखे के सहारे 85 छात्राएं हवा लेती हैं और जो छात्राएं इन कमरों में नहीं आ पाती उन्हें खुले आसमान के नीचे बैठकर पढ़ना पड़ता है जब इस संबंध में अधिकारियों से बात की गई तो मौके पर पहुंचे डीआईओएस ने कहा यह अस्थाई व्यवस्था है जल्द ही इसे हम दूसरी जगह शिफ्ट करेंगे.

राजकीय बालिका विद्यालय इंटर कॉलेज मानिकपुर में समस्याओं का लगा अंबार

विद्यालय में नहीं है बालिकाओं के बैठने की व्यवस्था-
सरकार के नारे बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ तो दीवारों और पोस्टरों में खूब देखने को मिल जाएगा पर जमीनी हकीकत मैं बेटियों के विद्यालय के लिए सरकारी भवन ही नहीं है. चित्रकूट का राजकीय बालिका इंटर कॉलेज मानिकपुर 1977 -78 से संचालित होने के बावजूद इस विद्यालय की अपना कोई इमारत नहीं है. इमारत न होने के कारण यह विद्यालय मात्र तीन कमरों के सहारे ही संचालित किया जा रहा है. इस विद्यालय में 415 छात्राएं शिक्षा ग्रहण कर रही हैं, इस विद्यालय का भवन जर्जर हो चुके हैं, छतों से अब पानी चुता है तो खिड़की ना होने के कारण पर्याप्त रोशनी भी छात्राओं को नहीं मिल पा रही है.

अनामिका वर्मा, छात्रा गर्मी और उमस होने की स्थिति में मात्र एक पंखा है जिसके सहारे हम 85 छात्राएं बैठती हैं जबकि हम सब पसीने से सराबोर हो जाती हैं हमें टाट पट्टी भी नहीं मिल पाती है हम छात्राओं को घर से ही बोरी लेकर आना पड़ता है.

हमारी विद्यालय की बिल्डिंग पिछले 4 साल से निर्माणाधीन हैं जो कि अभी तक निर्मित नहीं हो सकी है, धनाभाव के कारण इस संबंध में हम लोगों ने उच्चाधिकारियों को भी अवगत करा दिया है. इस विद्यालय का भवन अभी अस्थाई रूप में है. वहीं बच्चियों छात्राओं की समस्या को देखते हुए हम पॉलिटेक्निक में आस्थाई रूप से कमरे ले लेंगे. जल्द ही सितंबर के पहले हफ्ते में छात्राओं का विद्यालय पॉलिटेक्निक के भवन में संचालित किया जाएगा
-बली राज राम, जिला विद्यालय निरीक्षक चित्रकूट

चित्रकूट : जिले का राजकीय बालिका विद्यालय इंटर कॉलेज मानिकपुर में समस्याओं का अंबार लगा हुआ है. इस विद्यालय में 415 छात्राएं शिक्षा ग्रहण कर रही हैं पर अधिकारियों के अनदेखी का शिकार इस विद्यालय में मात्र 3 कमरे हैं जिनमें यह छात्राएं शिक्षा ग्रहण करती हैं. इन कमरों में 85 छात्राओं को बैठने की पर्याप्त जगह नहीं है, पानी छत से टपकता है, तो पर्याप्त रोशनी ना होने से पढ़ने में मुश्किलें होती हैं.

एक पंखे के सहारे 85 छात्राएं हवा लेती हैं और जो छात्राएं इन कमरों में नहीं आ पाती उन्हें खुले आसमान के नीचे बैठकर पढ़ना पड़ता है जब इस संबंध में अधिकारियों से बात की गई तो मौके पर पहुंचे डीआईओएस ने कहा यह अस्थाई व्यवस्था है जल्द ही इसे हम दूसरी जगह शिफ्ट करेंगे.

राजकीय बालिका विद्यालय इंटर कॉलेज मानिकपुर में समस्याओं का लगा अंबार

विद्यालय में नहीं है बालिकाओं के बैठने की व्यवस्था-
सरकार के नारे बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ तो दीवारों और पोस्टरों में खूब देखने को मिल जाएगा पर जमीनी हकीकत मैं बेटियों के विद्यालय के लिए सरकारी भवन ही नहीं है. चित्रकूट का राजकीय बालिका इंटर कॉलेज मानिकपुर 1977 -78 से संचालित होने के बावजूद इस विद्यालय की अपना कोई इमारत नहीं है. इमारत न होने के कारण यह विद्यालय मात्र तीन कमरों के सहारे ही संचालित किया जा रहा है. इस विद्यालय में 415 छात्राएं शिक्षा ग्रहण कर रही हैं, इस विद्यालय का भवन जर्जर हो चुके हैं, छतों से अब पानी चुता है तो खिड़की ना होने के कारण पर्याप्त रोशनी भी छात्राओं को नहीं मिल पा रही है.

अनामिका वर्मा, छात्रा गर्मी और उमस होने की स्थिति में मात्र एक पंखा है जिसके सहारे हम 85 छात्राएं बैठती हैं जबकि हम सब पसीने से सराबोर हो जाती हैं हमें टाट पट्टी भी नहीं मिल पाती है हम छात्राओं को घर से ही बोरी लेकर आना पड़ता है.

हमारी विद्यालय की बिल्डिंग पिछले 4 साल से निर्माणाधीन हैं जो कि अभी तक निर्मित नहीं हो सकी है, धनाभाव के कारण इस संबंध में हम लोगों ने उच्चाधिकारियों को भी अवगत करा दिया है. इस विद्यालय का भवन अभी अस्थाई रूप में है. वहीं बच्चियों छात्राओं की समस्या को देखते हुए हम पॉलिटेक्निक में आस्थाई रूप से कमरे ले लेंगे. जल्द ही सितंबर के पहले हफ्ते में छात्राओं का विद्यालय पॉलिटेक्निक के भवन में संचालित किया जाएगा
-बली राज राम, जिला विद्यालय निरीक्षक चित्रकूट

Intro:चित्रकूट का राजकीय बालिका विद्यालय इंटर कॉलेज मानिकपुर में समस्याओं का अंबार लगा हुआ है इस विद्यालय में 415 छात्राएं शिक्षा ग्रहण कर रही हैं पर अधिकारियों के अनदेखी का शिकार इस विद्यालय में मात्र 3 कमरे हैं जिनमें यह छात्राएं शिक्षा ग्रहण करती हैं जबकि इन कमरों में 85 छात्राओं को बैठने की पर्याप्त जगह नहीं है पानी छत से टपकता है तो पर्याप्त रोशनी ना होने से पढ़ने में मुश्किलें होती हैं वहीं एक पंखे के सहारे 85 छात्राएं हवा लेती हैं और जो छात्राएं इन कमरों में नहीं आ पाती उन्हें खुले आसमान के नीचे बैठकर पढ़ना पड़ता है जब इस संबंध में अधिकारियों से बात की गई तो मौके पर पहुंचे डीआईओएस ने कहा यह अस्थाई व्यवस्था है जल्द ही इसे हम दूसरी जगह शिफ्ट करेंगे।Body: सरकार के नारे बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ तो दीवारों और पोस्टरों में खूब देखने को मिल जाएगा पर जमीनी हकीकत मैं बेटियों के विद्यालय के लिए सरकारी भवन ही नहीं है चित्रकूट का राजकीय बालिका इंटर कॉलेज मानिकपुर 1977 -78 से संचालित होने के बावजूद इस विद्यालय की अपना कोई इमारत न होने के कारण यह विद्यालय मात्र तीन कमरों के सहारे ही संचालित किया जा रहा है इस विद्यालय में 415 छात्राएं शिक्षा ग्रहण कर रही हैं इस विद्यालय का भवन जर्जर हो चुके हैं छतों से अब पानी चुता है तो खिड़की ना होने के कारण पर्याप्त रोशनी भी छात्राओं को नहीं मिल पा रही है वहीं मैदान में भी चारों तरफ लबालब पानी भरा हुआ है जब इस संबंध मे12वीं की छात्रा अनामिका वर्मा से बात की गई तो छात्रा का कहना था की हमारे इस विद्यालय में पर्याप्त जगह नहीं है हम छात्राओं को एक छोटे से कमरे में 85 छात्राओं को मजबूरी में बैठना पड़ रहा है वही गर्मी और उमस होने की स्थिति में मात्र एक पंखा है जिसके सहारे हम 85 छात्राएं बैठती हैं जबकि हम सब पसीने से सराबोर हो जाती हैं मजबूरी है आखिर हमें शिक्षा ग्रहण करनी पड़ती है वही बैठने के लिए हमें टेबल कुर्सी तो दूर की कौड़ी है हमें टाट पट्टी भी नहीं मिल पाती है हम छात्राओं को घर से ही बोरी लेकर आना पड़ता है जब इस संबंध में अधिकारियों से बात की गई तो मौके पर पहुंचे डी आई ओ एस ने कहा कि मैदान में भरा पानी कुछ दिनों बाद निकल जाएगा वहीं जब भवन के संबंध में बात की गई तो अधिकारी का कहना था कि हमारी विद्यालय की बिल्डिंग पिछले 4 साल से निर्माणाधीन हैं जो कि अभी तक निर्मित नहीं हो सकी है इस संबंध में हम लोगों ने उच्चाधिकारियों को भी अवगत करा दिया है इस विद्यालय का भवन अभी अस्थाई रूप में है वही बच्चियों छात्राओं की समस्या को देखते हुए हम पॉलिटेक्निक में आइस्थाई रूप से कमरे ले लेंगे जल्द ही सितंबर के पहले हफ्ते में छात्राओं का विद्यालय पॉलिटेक्निक के भवन में संचालित किया जाएगा।Conclusion:सरकार द्वारा दिए गए नारे बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ हर दीवारों पोस्टर विद्यालय सरकारी संस्थानों में देखने को जरूर मिल जाएंगे पर जमीनी हकीकत से दूर इन बेटियों के लिए सरकार ने विद्यालय तो खोल दिए हैं पर इनके लिए अभी तक भवन का इंतजाम नहीं कराया बदहाली की स्थिति में शिक्षा ग्रहण कर रही यह बालिकाएं भी मांग करने लग गई हैं कि हमें भी सहूलियत दी जानी चाहिए
बाइट-अनामिका वर्मा(छात्रा12वी)
बाइट-सुमन यादव(छात्रा9वी-राजकीय विद्यालय)
बाइट-बली राज राम(जिला विद्यालय निरीक्षक चित्रकूट)
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