चित्रकूट : जिले का राजकीय बालिका विद्यालय इंटर कॉलेज मानिकपुर में समस्याओं का अंबार लगा हुआ है. इस विद्यालय में 415 छात्राएं शिक्षा ग्रहण कर रही हैं पर अधिकारियों के अनदेखी का शिकार इस विद्यालय में मात्र 3 कमरे हैं जिनमें यह छात्राएं शिक्षा ग्रहण करती हैं. इन कमरों में 85 छात्राओं को बैठने की पर्याप्त जगह नहीं है, पानी छत से टपकता है, तो पर्याप्त रोशनी ना होने से पढ़ने में मुश्किलें होती हैं.
एक पंखे के सहारे 85 छात्राएं हवा लेती हैं और जो छात्राएं इन कमरों में नहीं आ पाती उन्हें खुले आसमान के नीचे बैठकर पढ़ना पड़ता है जब इस संबंध में अधिकारियों से बात की गई तो मौके पर पहुंचे डीआईओएस ने कहा यह अस्थाई व्यवस्था है जल्द ही इसे हम दूसरी जगह शिफ्ट करेंगे.
विद्यालय में नहीं है बालिकाओं के बैठने की व्यवस्था-
सरकार के नारे बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ तो दीवारों और पोस्टरों में खूब देखने को मिल जाएगा पर जमीनी हकीकत मैं बेटियों के विद्यालय के लिए सरकारी भवन ही नहीं है. चित्रकूट का राजकीय बालिका इंटर कॉलेज मानिकपुर 1977 -78 से संचालित होने के बावजूद इस विद्यालय की अपना कोई इमारत नहीं है. इमारत न होने के कारण यह विद्यालय मात्र तीन कमरों के सहारे ही संचालित किया जा रहा है. इस विद्यालय में 415 छात्राएं शिक्षा ग्रहण कर रही हैं, इस विद्यालय का भवन जर्जर हो चुके हैं, छतों से अब पानी चुता है तो खिड़की ना होने के कारण पर्याप्त रोशनी भी छात्राओं को नहीं मिल पा रही है.
अनामिका वर्मा, छात्रा गर्मी और उमस होने की स्थिति में मात्र एक पंखा है जिसके सहारे हम 85 छात्राएं बैठती हैं जबकि हम सब पसीने से सराबोर हो जाती हैं हमें टाट पट्टी भी नहीं मिल पाती है हम छात्राओं को घर से ही बोरी लेकर आना पड़ता है.
हमारी विद्यालय की बिल्डिंग पिछले 4 साल से निर्माणाधीन हैं जो कि अभी तक निर्मित नहीं हो सकी है, धनाभाव के कारण इस संबंध में हम लोगों ने उच्चाधिकारियों को भी अवगत करा दिया है. इस विद्यालय का भवन अभी अस्थाई रूप में है. वहीं बच्चियों छात्राओं की समस्या को देखते हुए हम पॉलिटेक्निक में आस्थाई रूप से कमरे ले लेंगे. जल्द ही सितंबर के पहले हफ्ते में छात्राओं का विद्यालय पॉलिटेक्निक के भवन में संचालित किया जाएगा
-बली राज राम, जिला विद्यालय निरीक्षक चित्रकूट