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चित्रकूट: नगर पंचायत के दावे सिर्फ हवा-हवाई, रैन बसेरे में न गद्दे हैं न कंबल

उत्तर प्रदेश के चित्रकूट में नगर पंचायत मानिकपुर रेलवे जंक्शन स्टेशन के बाहर बने अस्थायी रैन बसेरा सिर्फ दिखावटी साबित हो रहा है. यहां रैन बसेरे में न तो गद्दे हैं और न ही कंबल.

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रैन बसेरे में नहीं है गद्दे और कंबल.
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Published : Dec 31, 2019, 5:31 PM IST

चित्रकूट: जिले में लगातार गिरते पारे के बाद ठंड से बचाव के लिए नगर पंचायत मानिकपुर के दावे सिर्फ हवा-हवाई दिख रहे हैं. ठंड से बचाव के लिए बने रैन बसेरा मात्र नाम भर का साबित हो रहा है. नगर पंचायत रैन बसेरे में गद्दे और कंबल की जगह मात्र प्लास्टिक की चटाई बिछाई गई है. ऐसे में ठंड से यात्री ठिठुरने को मजबूर हैं.

रैन बसेरे में नहीं है गद्दे और कंबल.
  • जिले में नगर पंचायत मानिकपुर रेलवे जंक्शन स्टेशन के बाहर बने अस्थाई रैन बसेरा किसी भी काम का सबित नहीं हो रहा है.
  • जंक्शन स्टेशन पहुंचे यात्री रैन बसेरे में किसी तरह रह कर ट्रेनों का इंतजार कर रहे हैं.
  • यात्रियों के साथ ही धर्मनगरी से वापस लौटने वाले श्रद्धालु भी इस रैन बसेरे का सहारा लेते हैं.
  • ऐसे में शासन द्वारा मानिकपुर रेलवे स्टेशन के बाहर अस्थाई रैन बसेरा बनाने का जिला प्रशासन ने आदेश दिया.
  • इसके बावजूद यात्रियों के ठहरने और ठंड से बचाव के लिए कोई भी मुनासिब इंतजाम नहीं किए गए हैं.
  • अस्थायी रैन बसेरा में न ही गद्दे हैं और और न ही कंबल.
  • वहीं अधिशासी अधिकारी का राम आशीष वर्मा का कहना है कि नगर पंचायत का तरफ से इस रैन बसेरे में एक कर्मचारी भी पदस्थ किया है.
  • शाम के समय गद्दा और कंबल बिछा दिया जाता है, ताकि आने वाले श्रद्धालु और यात्री ठंड से बचाव कर सकें.

इसे भी पढे़ं-आंखें ही नहीं तो आधार कार्ड कैसे, UP में सरकार की योजनाओं से वंचित है पूरा परिवार

चित्रकूट: जिले में लगातार गिरते पारे के बाद ठंड से बचाव के लिए नगर पंचायत मानिकपुर के दावे सिर्फ हवा-हवाई दिख रहे हैं. ठंड से बचाव के लिए बने रैन बसेरा मात्र नाम भर का साबित हो रहा है. नगर पंचायत रैन बसेरे में गद्दे और कंबल की जगह मात्र प्लास्टिक की चटाई बिछाई गई है. ऐसे में ठंड से यात्री ठिठुरने को मजबूर हैं.

रैन बसेरे में नहीं है गद्दे और कंबल.
  • जिले में नगर पंचायत मानिकपुर रेलवे जंक्शन स्टेशन के बाहर बने अस्थाई रैन बसेरा किसी भी काम का सबित नहीं हो रहा है.
  • जंक्शन स्टेशन पहुंचे यात्री रैन बसेरे में किसी तरह रह कर ट्रेनों का इंतजार कर रहे हैं.
  • यात्रियों के साथ ही धर्मनगरी से वापस लौटने वाले श्रद्धालु भी इस रैन बसेरे का सहारा लेते हैं.
  • ऐसे में शासन द्वारा मानिकपुर रेलवे स्टेशन के बाहर अस्थाई रैन बसेरा बनाने का जिला प्रशासन ने आदेश दिया.
  • इसके बावजूद यात्रियों के ठहरने और ठंड से बचाव के लिए कोई भी मुनासिब इंतजाम नहीं किए गए हैं.
  • अस्थायी रैन बसेरा में न ही गद्दे हैं और और न ही कंबल.
  • वहीं अधिशासी अधिकारी का राम आशीष वर्मा का कहना है कि नगर पंचायत का तरफ से इस रैन बसेरे में एक कर्मचारी भी पदस्थ किया है.
  • शाम के समय गद्दा और कंबल बिछा दिया जाता है, ताकि आने वाले श्रद्धालु और यात्री ठंड से बचाव कर सकें.

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Intro:चित्रकूट में लगातार गिरते पारे के बाद बढ़ी ठंड में नगर पंचायत मानिकपुर के ठंड से बचाव के लिए किए जा रहे दावे फेल दिख रहे हैं ।जहां ठंड से यात्री ठिठुरने को मजबूर हैं और ठंड से बचाव के लिए बने रैन बसेरा मात्र सफेद हाथी साबित हो रहा है। रैन बसेरे में गद्दा और कंबल की जगह मात्र पॉलिथीन की चटाई बिछाकर ठंड से बचाव कर रही है नगर पंचायत मानिकपुर ।


Body: उत्तर प्रदेश का जिला चित्रकूट के नगर पंचायत मानिकपुर रेलवे जंक्शन स्टेशन के बाहर बने अस्थाई रैन बसेरा सफेद हाथी साबित हो रहा है। धर्म नगरी चित्रकूट पहुंचने के लिए जंक्शन स्टेशन पहुंचे यात्री गण ऐसे ही बने रैन बसेरे का सहारा लेकर आने वाली ट्रेनों का इंतजार करते हैं। जिनमें धर्मनगरी पहुंचने के लिए आए श्रद्धालुओं के साथ ही धर्मनगरी से वापस लौटने वाले श्रद्धालु भी शामिल रहते हैं। ऐसे में शासन द्वारा मानिकपुर रेलवे स्टेशन के बाहर अस्थाई रैन बसेरा बनाने का जिलाप्रशासन ने आदेश दिया था । जिसमें नगर पंचायत अपने दावों के मुताबिक रैन बसेरा बनाया गया है । पर यात्रियों के ठहरने और ठंड से बचाव के लिए कोई भी मुनासिब इंतजाम नहीं किए गए हैं ।ना तो इस अस्थाई रैन बसेरा में गद्दे ही नजर आए और ना ही कंबल। अधिशासी अधिकारी का दावा है कि नगर पंचायत द्वारा इस रैन बसेरे में एक कर्मचारी भी पदस्थ किया गया है और शाम के समय से ही गद्दा और कमल बिछा दिया जाता है। ताकि आने वाले श्रद्धालु और यात्री अपना ठंड से बचाव कर सकें । यहां पर अस्थाई रैन बसेरे में नगर पंचायत के अधिशासी अधिकारी राम आशीष वर्मा द्वारा किए गए दावे फेल नजर आ रहे हैं।
यात्रियों का कहना है कि हमें सिर्फ सर छिपाने के लिए ही बना इस रैन बसेरे में ना ही गद्दा और ना ही कंबल नजर आए बल्कि जगह-जगह गंदगी फैली है और गोवंश अपना ठंड से बचाव करने के लिए कई बार अंदर आ जाती हैं ।पॉलिथीन बिछी होने के कारण नीचे फर्श से भी हमें ठंड लग रही है ।जो यात्री अपने साथ कम्बल लेकर आए हैं वो ही सुरक्षित है।नगर पंचायत को चाहिए था कि कम से कम यहां पर गद्दा और कंबल की व्यवस्था की जाती ताकि मानिकपुर रेलवे जंक्शन पहुंचने वाले यात्री और श्रद्धालुओं की ठंड से बचाव हो सके।

बाइट-छोटे लाल (श्रद्धालु)

बाइट-अनिल (यात्री)
बाइट-रामाशीष (अधिशाषी अधिकारी )


Conclusion:
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