बु़लंदशहर: पिछले साल 3 दिसम्बर को बुलंदशहर जिले के स्याना कोतवाली क्षेत्र के महाव गांव में मिले गोवंशों के अवशेषों के बाद चिंगरावठी पुलिस चौकी पर हिंसा भड़क गयी थी, आगजनी हुई थी. एक इंस्पेक्टर और एक नवयुवक की जान इस हिंसा में चली गई थी. इस मामले में 7 हिंसा के आरोपियों की जमानत के बाद जेल से रिहाई हो चुकी है, हाल ही में जेल से चिंगरावठी हिंसा मामले में रिहा होकर आए महाव गांव के पूर्व प्रधान राजकुमार से ने ईटीवी भारत से बात की.
पढ़ें; स्याना हिंसा मामले में 7 की रिहाई, 10 की जमानत मंजूर
हिंसा की मुख्य वजह बताया गोवंशों के अवशेष मिलना
पिछले साल 3 दिसंबर को बुलंदशहर की स्याना तहसील क्षेत्र में जो हिंसा की पूरी घटना हुई थी उसकी मुख्य वजह थी महाव गांव में गोवंशों के अवशेष मिलना और अवशेष मिलने के बाद हिंदूवादी संगठनों का विद्रोह, और वह विद्रोह इतना बढ़ गया था, जिसके बाद स्याना कोतवाली के रिपोर्टिंग चौकी चिंगरावटी पर पथराव आगजनी के बाद हिंसा भड़क गई थी. उस हिंसा में तत्कालीन स्याना कोतवाली प्रभारी सुबोध कुमार सिंह को मौत के घाट उतार दिया गया था,तो वहीं एक नवयुवक की भी जान चली गई थी.
पूर्व प्रधान राजकुमार के खेत में मिले थे गोवंश के अवशेष
स्याना क्षेत्र में हुई इस हिंसक घटना ने तब पूरे यूपी में चिंगरावठी की चिंगारी की चर्चाएं हो रही थीं, इटीवी भारत ने रूख किया उसी महाव गांव का जहां गोवंशों के अवशेष मिले थे,दरअसल महाव गांव के पूर्व प्रधान राजकुमार के खेत में मृत गोवंशों के अवशेष मिले थे,और राजकुमार ही वो सख्श थे, जिन्होंने इसकी सूचना सबसे पहले पुलिस को दी थी, लेकिन जब तक वहां पुलिस पहुंच पाती हिंदूवादी संगठन और आसपास के गांवों की भीड़ काफी ज्यादा संख्या में मौके पर पहुंच चुकी थी. मौके पर पहुंची पुलिस ने हालांकि लोगों को समझाने का काफी प्रयास भी किया था ,लेकिन लोग गोवंश के अवशेष को चिंगरावठी पुलिस चौकी पर ले जाने की जिद कर रहे थे, जबकि पुलिस उन अवशेषों को वही जेसीबी मंगाकर गड्ढा खोदकर दबाने की बात कर रही थी.
हिंदूवादी संगठन के लोग गोवंश के अवशेषों को ट्रॉली में भरकर थाने पहुंचे थे
पूर्व राजकुमार बताते हैं कि लोग गोवंश के अवशेषों को चौकी पर ले जाने पर अड़ गए थे, जिसके बाद गोवंश के अवशेषों को चौकी पर ले जाने के लिए ट्रैक्टर ट्रॉली में भरा गया था ,हालांकि इस बीच इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह ने इस मामले में एफआईआर दर्ज करने की बात करके लोगों को शांत किया था. एफआईआर दर्ज करने के लिए हिंदूवादी संगठन से जुड़े बजरंग दल के जिला संयोजक योगेशराज समेत काफी संख्या में लोग कोतवाली स्याना के लिए चले गए थे.
घटना में बजरंग दल के जिला संयोजक योगेश राज को भी जमानत मिल चुकी है
इस बारे में अब तक 44 लोग सलाखों के पीछे पहुंच चुके थे, इस मामले में 7 लोगों की जमानत मंजूर होने के बाद रिहाई हो चुकी है, जबकि बजरंग दल के जिला संयोजक योगेश राज समेत और भी कई लोगों को जमानत मिल चुकी है ,हालांकि अभी आदेश में तकनीकी कारणों से विलम्ब हो रहा है।तो वहीं आधिकारिक रूप से 10 लोगों की जमानत की पुष्टि हो चुकी है,
पूर्व प्रधान का कहना, घटना में पुलिस ने सही से जांच नहीं की
चिंगरावटी हिंसा के बारे में महाव गांव के पूर्व प्रधान का कहना है कि पुलिस ने इसमें ठीक से जांच नहीं की है , उन्हें पुलिस पर भरोसा भी नहीं है ,तो वही न्यायपालिका पर वो भरोसा जताते हैं ,साथ ही अपना दर्द बयां करते हुए पूर्व प्रधान ने ईटीवी को बताया कि जब 3 दिसंबर की रात को पुलिस ने उनके घर पर दबिश दी थी, और घर में सारा सामान तोड़ दिया गया था.
पुलिस वक्त रहते कार्रवाई करती तो हिंसा को रोका जा सकता था
राजकुमार ने बताया इस घटना को रोका जा सकता था. अगर पर्याप्त संख्या में पुलिस बल समय से वहां पहुंच जाता लेकिन पुलिस की संख्या कम थी और भीड़ काफी ज्यादा हो गई थी जिसके वजह से वहां विद्रोह पनप गया और गुस्साए लोग अपने आप पर काबू नहीं रख पाए, हालांकि इस बारे में राजकुमार का कहना है कि पुलिस ने इसमें ठीक से जांच नहीं की थी.