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बुलंदशहर: अब नहीं मिलेगी गन्ना किसानों को पर्ची, मोबाइल पर आएगा मैसेज

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Published : Nov 4, 2020, 2:48 PM IST

बुलंदशहर जिले में गन्ना पेराई सत्र आरंभ हो चुका है. इसके लिए विभाग भी पूरी तरह तैयार है. विभाग ने इस बार कागजों का किनारा करते हुए डिजिटलाइज्ड होने का निर्णय लिया है. इस बार किसानों के फोन पर पर्ची आएगी, ताकि उन्हें आसानी हो सके.

गन्ना पेराई सत्र शुरू.
गन्ना पेराई सत्र शुरू.

बुलंदशहर: गन्ने के नये पेराई सत्र के लिए जिला गन्ना विभाग पूरी तरह अब डिजिटलाइज्ड हो गया है. महकमे के जिम्मेदारों ने इस बार पेपरलेस व्यवस्था की है. इसके लिए अब किसानों को उनके मोबाइल फोन पर ही गन्ना तौल केंद्रों की पर्चियों की जानकारी मिलेगी. गन्ने की तौल के लिए अब मोबाइल पर ही डिजिटल पर्ची भेजनी शुरू कर दी गई है.

बुलंदशहर जिले में अब गन्ने के किसानों को उनके मोबाइल पर ही गन्ने की तौल से संबंधित तमाम जानकारियां उपलब्ध कराई जाएंगी. इसके लिये जिले में पूरी तरह से पेपरलेस व्यवस्था लागू की जा रही है. अब जिले के सभी करीब 1 लाख 19 हजार किसानों को व्यर्थ की भागदौड़ नहीं करनी पड़ेगी. साथ ही उनका समय भी बचेगा.

जिला गन्ना अधिकारी से बातचीत.

डिजिटल पर्ची है सहूलियतों भरी
पिछले साल सीएम योगी ने ई-गन्ना ऐप लॉन्च किया था. वहीं इस बार अब किसानों को गन्ने की फसल तौल केंद्रों तक पहुंचाने के लिए समय-समय पर महकमे से सहयोग मिलेगा. इसके लिए फोन पर ही पर्चियां मिल जायेंगी. अब किसानों को नियत समयसीमा में गन्ना लेकर शुगर मिल पर जाना है. इसके बाद मोबाइल पर आए मैसेज को मिल पर दिखाना होगा.

इस संबंध में जिला गन्ना अधिकारी डीके सैनी ने बताया कि इस वर्ष विभाग ने पूरी तरह से पेपरलैस व्यवस्था की है, ताकि गन्ना किसानों को घर बैठे ही मोबाइल पर खरीद से संबंधित जानकारियां उपलब्ध कराई जा सके. दरअसल, अब गन्ना विभाग भी कागजों से किनारा कर रहा है. किसानों को तमाम जानकारी उनके पंजीकृत मोबाइल पर गन्ना विकास व चीनी उद्योग, विकास विभाग उपलब्ध करायेगा.

गन्ना पेराई सत्र शुरू.
गन्ना पेराई सत्र शुरू.

200 टीमों ने एकत्रित किया डाटा
गन्ना अधिकारी डीके सैनी ने कहा कि गन्ना विभाग ने 200 टीमों का गठन किया था. ये टीमें गन्ना किसानों के बीच पहुंचकर उनके पंजिकृत मोबाइल नंबर्स और संबंधित डाटा एकत्रित करने का काम किया है. अब किसानों के मोबाइल पर ही तौल से संबंधित संदेश पहुंचेगा. जिला गन्नाधिकारी की मानें तो ऐसे सभी किसानों से सम्पर्क किया जा रहा है, जिनका नम्बर अभी तक पंजीकृत नहीं है. डाटा कलेक्ट करने के लिए टीमें अभी भी लगी हुई हैं.

गौरतलब है कि जिले में करीब एक लाख 20 हजार गन्ना किसान हैं, जो शुगर मिलों पर अलग-अलग माध्यमों से गन्ना पहुंचाते हैं. किसानों को मिल चलने पर कोई परेशानी न हो, इसके लिए महकमे के कर्मचारी और सम्बन्धित अधिकारी लगातार संवाद स्थापित कर रहे हैं. इससे गन्ना के पेराई सत्र आरंभ होने के बाद किसानों को कोई दिक्कत न हो.

बुलंदशहर: गन्ने के नये पेराई सत्र के लिए जिला गन्ना विभाग पूरी तरह अब डिजिटलाइज्ड हो गया है. महकमे के जिम्मेदारों ने इस बार पेपरलेस व्यवस्था की है. इसके लिए अब किसानों को उनके मोबाइल फोन पर ही गन्ना तौल केंद्रों की पर्चियों की जानकारी मिलेगी. गन्ने की तौल के लिए अब मोबाइल पर ही डिजिटल पर्ची भेजनी शुरू कर दी गई है.

बुलंदशहर जिले में अब गन्ने के किसानों को उनके मोबाइल पर ही गन्ने की तौल से संबंधित तमाम जानकारियां उपलब्ध कराई जाएंगी. इसके लिये जिले में पूरी तरह से पेपरलेस व्यवस्था लागू की जा रही है. अब जिले के सभी करीब 1 लाख 19 हजार किसानों को व्यर्थ की भागदौड़ नहीं करनी पड़ेगी. साथ ही उनका समय भी बचेगा.

जिला गन्ना अधिकारी से बातचीत.

डिजिटल पर्ची है सहूलियतों भरी
पिछले साल सीएम योगी ने ई-गन्ना ऐप लॉन्च किया था. वहीं इस बार अब किसानों को गन्ने की फसल तौल केंद्रों तक पहुंचाने के लिए समय-समय पर महकमे से सहयोग मिलेगा. इसके लिए फोन पर ही पर्चियां मिल जायेंगी. अब किसानों को नियत समयसीमा में गन्ना लेकर शुगर मिल पर जाना है. इसके बाद मोबाइल पर आए मैसेज को मिल पर दिखाना होगा.

इस संबंध में जिला गन्ना अधिकारी डीके सैनी ने बताया कि इस वर्ष विभाग ने पूरी तरह से पेपरलैस व्यवस्था की है, ताकि गन्ना किसानों को घर बैठे ही मोबाइल पर खरीद से संबंधित जानकारियां उपलब्ध कराई जा सके. दरअसल, अब गन्ना विभाग भी कागजों से किनारा कर रहा है. किसानों को तमाम जानकारी उनके पंजीकृत मोबाइल पर गन्ना विकास व चीनी उद्योग, विकास विभाग उपलब्ध करायेगा.

गन्ना पेराई सत्र शुरू.
गन्ना पेराई सत्र शुरू.

200 टीमों ने एकत्रित किया डाटा
गन्ना अधिकारी डीके सैनी ने कहा कि गन्ना विभाग ने 200 टीमों का गठन किया था. ये टीमें गन्ना किसानों के बीच पहुंचकर उनके पंजिकृत मोबाइल नंबर्स और संबंधित डाटा एकत्रित करने का काम किया है. अब किसानों के मोबाइल पर ही तौल से संबंधित संदेश पहुंचेगा. जिला गन्नाधिकारी की मानें तो ऐसे सभी किसानों से सम्पर्क किया जा रहा है, जिनका नम्बर अभी तक पंजीकृत नहीं है. डाटा कलेक्ट करने के लिए टीमें अभी भी लगी हुई हैं.

गौरतलब है कि जिले में करीब एक लाख 20 हजार गन्ना किसान हैं, जो शुगर मिलों पर अलग-अलग माध्यमों से गन्ना पहुंचाते हैं. किसानों को मिल चलने पर कोई परेशानी न हो, इसके लिए महकमे के कर्मचारी और सम्बन्धित अधिकारी लगातार संवाद स्थापित कर रहे हैं. इससे गन्ना के पेराई सत्र आरंभ होने के बाद किसानों को कोई दिक्कत न हो.

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