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सुभाषिनी अली ने की एक्सक्लूसिव बातचीत, कहा- 'यह देश गांधी का है, गोडसे का नहीं'

महात्मा गांधी पुण्यतिथि पर बुलंदशहर पहुंची पूर्व सांसद सुभाषिनी अली ने कहा कि यह देश गांधी का है, गोडसे का नहीं. जब तक देश में गांधी की विचारधारा है, तब तक देश का बाल भी बांका नहीं हो सकता. साथ ही उन्होंने वर्तमान सरकार पर भी जमकर निशाना साधा.

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Published : Jan 30, 2020, 8:54 PM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:28 PM IST

बुलंदशहर: राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के बलिदान दिवस पर स्मृति समारोह में शामिल होने गुरुवार को पूर्व सांसद और महिला अधिकारों के लिए समय समय पर आवाज उठाने वाली सुभाषिनी अली बुलन्दशहर पहुंची. इस मौके पर उन्होंने देश के वर्तमान सभी मुद्दों पर अपनी राय रखी.

एक्सक्लूसिव बातचीत.

'गांधी की विचारधारा से देश सुरक्षित'
सुभाषिनी अली ने बताया कि कि यह देश महात्मा गांधी का है, गोडसे का नहीं. जब तक देश में महात्मा गांधी की विचारधारा रहेगी, तब तक इस देश का कोई बाल भी बांका नहीं कर सकता.

इसे भी पढ़ें:- अखिलेश यादव को सिर्फ सैफई का विकास अच्छा लगता है: सुरेश राणा

'गोडसे की राजनीति से देश नहीं चल सकता'
इस मौके पर उन्होंने नाथूराम गोडसे का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि जिस दिन यह गोडसे का देश बन जाएगा, उस दिन देश बच नहीं सकेगा. गोडसे नफरत की राजनीति के पक्षधर थे और नफरत की राजनीति के आधार पर यह देश नहीं चल सकता है.

इसे भी पढ़ें:- बुलंदशहर: रात्रि विश्राम के बाद संभल रवाना हुई गंगा यात्रा

'सरकार बदलना चाहती है संवैधानिक ढांचा'
वर्तमान सरकार पर भी हमलावर करते हुए सुभाषिनी अली ने कहा कि सीएए, एनआरसी और एनपीआर को लाकर वर्तमान सरकार देश का संवैधानिक ढांचा बदलना चाहती है. हमारे देश के संविधान में नागरिकता पैदाइश के साथ जुड़ी है, धर्म के साथ नहीं.

'वर्तमान सरकार नहीं कर पा रही विकास'
देश में बेरोजगारी बढ़ती जा रही है, लेकिन विकास नहीं हो रहा है. बल्कि संविधान में अलग से कानून जोड़कर और नए एक्ट लाकर देश की जनता को और अधिक उलझाया जा रहा है. वर्तमान सरकार कुछ डेवलेपमेंट नहीं कर सकती.

इसे भी पढ़ें:- बुलंदशहर में गंगा यात्रा का हुआ भव्य स्वागत, गंगा नदी में छोड़ी गईं 10 हजार मछलियां

बुलंदशहर: राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के बलिदान दिवस पर स्मृति समारोह में शामिल होने गुरुवार को पूर्व सांसद और महिला अधिकारों के लिए समय समय पर आवाज उठाने वाली सुभाषिनी अली बुलन्दशहर पहुंची. इस मौके पर उन्होंने देश के वर्तमान सभी मुद्दों पर अपनी राय रखी.

एक्सक्लूसिव बातचीत.

'गांधी की विचारधारा से देश सुरक्षित'
सुभाषिनी अली ने बताया कि कि यह देश महात्मा गांधी का है, गोडसे का नहीं. जब तक देश में महात्मा गांधी की विचारधारा रहेगी, तब तक इस देश का कोई बाल भी बांका नहीं कर सकता.

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'गोडसे की राजनीति से देश नहीं चल सकता'
इस मौके पर उन्होंने नाथूराम गोडसे का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि जिस दिन यह गोडसे का देश बन जाएगा, उस दिन देश बच नहीं सकेगा. गोडसे नफरत की राजनीति के पक्षधर थे और नफरत की राजनीति के आधार पर यह देश नहीं चल सकता है.

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'सरकार बदलना चाहती है संवैधानिक ढांचा'
वर्तमान सरकार पर भी हमलावर करते हुए सुभाषिनी अली ने कहा कि सीएए, एनआरसी और एनपीआर को लाकर वर्तमान सरकार देश का संवैधानिक ढांचा बदलना चाहती है. हमारे देश के संविधान में नागरिकता पैदाइश के साथ जुड़ी है, धर्म के साथ नहीं.

'वर्तमान सरकार नहीं कर पा रही विकास'
देश में बेरोजगारी बढ़ती जा रही है, लेकिन विकास नहीं हो रहा है. बल्कि संविधान में अलग से कानून जोड़कर और नए एक्ट लाकर देश की जनता को और अधिक उलझाया जा रहा है. वर्तमान सरकार कुछ डेवलेपमेंट नहीं कर सकती.

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राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के बलिदान दिवस पर स्मृति समारोह में शामिल होने आज पूर्व सांसद व महिला अधिकारों के लिए समय समय पर आवाज उठाने वाली सुभाषिनी अली आज बुलन्दशहर में थीं,इस मौके पर उन्होंने ईटीवी भारत से बेबाकी से देश के वर्तमान सभी मुद्दों पर अपनी राय रखी।पेश हैं बातचीत के प्रमुख अंश।


Body:मकसूद पार्टी से मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी से सांसद रहे और महिला अधिकारों के लिए समय-समय पर आवाज बुलंद करने वाली सुभाषिनी अली आज बुलंदशहर में थी महात्मा गांधी के बलिदान दिवस पर एक कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंची सुभाषिनी अली ने इस दौरान से एक्सक्लूसिव बातचीत की उन्होंने कहा कि यह देश महात्मा गांधी का है जब तक महात्मा गांधी की विचारधारा का रहेगा तब तक इस देश का कोई बाल भी बांका नहीं कर सकता हालांकि उन्होंने साथ में नाथूराम गोडसे का भी जिक्र किया,उन्होंने कहा कि जिस दिन ये देश गोडसे का देश बन जायेगा देश बच नहीं सकता,उन्होंने कहा कि गोडसे नफरत की राजनीति के पक्षधर थे और नफरत की राजनीति के आधार पर ये देश चल नहीं सकता है।
ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि इस देश से नफरत की राजनीति खत्म हुई चाहिए नफरत की राजनीति से देश नहीं चल सकता,
वर्तमान सरकार पर भी सुभाषिनी हमलावर रहीं उन्होंने कहा कि सीएए,एनआरसी और एनपीआर को लाकर ये सरकार देश के संवेधानिक ढांचे को बदलना चाहते हैं,
उन्होंने कहा कि हमारे देश के संविधान में नागरिकता पैदाइश के साथ जुड़ी है धर्म के साथ नहीं।
इस दौरान सुभाषिनी अली ने तीनों के बारे में जिक्र करते हुए अपने तर्क भी पेश किए।
उन्होंने इस मौके पर कहा कि वर्तमान सरकार के बसका नहीं है डेवलपमेंट करना,
हाल ही में प्रदेश के कारागार मंत्री का हवाला देते हुए भी उन्होंने सरकार को घेरा।
सुभाषिनी अली ने कहा कि देशबमें बेरोजगारी बढ़ रही है,विकास नहीं हो रहा है,बल्कि ऊपर से कानून बनाकर ओर नए एक्ट लाकर उलझाया जा रहा है।




Conclusion:श्रीपाल तेवतिया,
बुलन्दशहर,
9213400888.
Last Updated : Sep 17, 2020, 4:28 PM IST
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