बुलंदशहर : देश भर में कोरोना संक्रमण काल चल रहा है. इसी बीच अब त्योहारों का सीजन भी शुरू हो गया है. हाल ही में रक्षाबंधन का त्योहार है. जिसको देखते हुए प्रशासन भी अलर्ट पर है. हर तरफ साफ - सफाई का काम चल रहा है. लोगों को बाहर निकलने पर मास्क लगाने के सख्त निर्देश दिए गए हैं. वहीं रोडवेज से यात्रा करने वाले लोगों को पहले सैनिटाइजर और थर्मल स्क्रीनिंग से गुजरना पड़ रहा है.
कोविड-19 के चलते रोडवेज बसों में सफर करने वाले यात्रियों की संख्या भी काफी घटी हुई है. अगर कोरोना काल से पूर्व की बात करें तो मार्च महीने से पूर्व रोजाना 324 फेरे बुलंदशहर डिपो की बसें लगाती थीं. लेकिन अब हालात ऐसे नहीं हैं. वर्तमान में दिन भर में सिर्फ 100 फेरे ही रोडवेज बसें लगा पा रही हैं.
हालांकि 30 जुलाई से 3 अगस्त तक रोडवेज के फेरों की संख्या बढ़ाई जाने की बात विभाग कर रहा है. यात्रियों की सुविधा और बढ़ती संख्या के अनुसार स्टैंड पर बसों को सेट कर तैयार रखा जाएगा.
इस बारे में ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए एआरएम धीरज सिंह पंवार ने बताया कि एक सीट पर मात्र 2 यात्री ही बैठ सकेंगे. रक्षाबंधन के त्योहार के मद्देनजर जिन बहनों के साथ बच्चे होंगे उन्हें एक सीट पर ही बैठाया जाएगा. बसों में भीड़ न हो इसके लिए 5 दिनों तक बसों के फेरे भी अधिक लगाए जाने की संभावना है. शासन के आदेश के अनुसार बाहरी राज्यों में सवारियों की संख्या के अनुसार ही बसें भेजी जाएंगी. वहीं लोकल रूट के फेरे दो से तीन गुना अधिक कर दिए जाएंगे.
इस बारे में आवश्यक निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि कोई भी रोडवेज बस रास्ते में नहीं रुकेंगी. सिर्फ और सिर्फ अपने स्टैंड पर ही रुकेंगी. रास्ते में सवारियों को नहीं बैठाया जाएगा. एआरएम धीरज पवार का कहना है कि 30 जुलाई से 3 अगस्त तक समस्त स्टाफ की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं. रक्षाबंधन पर बहनों की सुरक्षा के लिए बसों और स्टाफ को विशेष तौर पर ट्रेंड किया गया हैै. हालांकि बसों में यात्रा नि:शुल्क होगी या नहीं इसके लिए अभी शासन से कोई आदेश नहीं मिला है.