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बुलंदशहर: रियलिटी चेक में जिले की रोडवेज बसें फेल - उत्तर प्रदेश परिवहन विभाग

उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले में बसों का रियलिटी चेक किया गया. पड़ताल के दौरान बसों में प्राथमिक उपचार के लिए न तो फर्स्ट एड किट थी और न ही आग लगने पर बुझाने के लिए अग्निशमन यंत्र की व्यवस्था थी.

बुलंदशहर परिवहन निगम.
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Published : Aug 4, 2019, 8:55 AM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:28 PM IST

बुलंदशहर: प्रदेश में आएदिन उत्तर प्रदेश परिवहन निगम की बसें किसी न किसी दुर्घटना या हादसे की वजह से सुर्खियों में बनी रहती हैं. इन दुर्घटनाओं के कारण बसयात्रियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. कई बार तो यात्रियों की जान तक चली जाती है. ईटीवी भारत ने जिले में रोडवेज बसों का रियलिटी चेक किया. इस दौरान बसों में फर्स्ट एड किट से लेकर अग्निशमन यंत्र तक कोई भी व्यवस्था दुरुस्त नहीं मिली.

बस चालकों से बातचीत करते संवाददाता.

पड़ताल के दौरान मिली अव्यवस्था

  • स्थानीय मार्गों पर चलने वाली परिवहन निगम की बसों से लेकर लंबी दूरी तक चलने वाली तमाम रोडवेज बसों में पड़ताल की गई.
  • पड़ताल के दौरान बसों में यात्रियों को दी जाने वाली पर्याप्त सुविधाएं उपलब्ध नहीं थीं.
  • पड़ताल में पूरी तरह से बसों में कोई भी मानक पूरा होता नजर नहीं आया.
  • अग्निशमन यंत्र तक भी बसों में नहीं मिले, मिले भी तो खराब हो चुके थे.
  • बस चालकों का कहना है कि अग्निशमन यंत्र के सिलेंडर में गैस भरने के लिए भेजा गया है.
  • चालकों का कहना है कि यदि कोई हादसा हो जाय तो प्राथमिक उपचार के लिए एंबुलेंस को बुलाना पड़ता है.
  • हालांकि अधिकारियों का कहना है कि समय-समय पर बसों की चेकिंग होती है और सभी बसों में पर्याप्त व्यवस्थाएं हैं.

बुलंदशहर: प्रदेश में आएदिन उत्तर प्रदेश परिवहन निगम की बसें किसी न किसी दुर्घटना या हादसे की वजह से सुर्खियों में बनी रहती हैं. इन दुर्घटनाओं के कारण बसयात्रियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. कई बार तो यात्रियों की जान तक चली जाती है. ईटीवी भारत ने जिले में रोडवेज बसों का रियलिटी चेक किया. इस दौरान बसों में फर्स्ट एड किट से लेकर अग्निशमन यंत्र तक कोई भी व्यवस्था दुरुस्त नहीं मिली.

बस चालकों से बातचीत करते संवाददाता.

पड़ताल के दौरान मिली अव्यवस्था

  • स्थानीय मार्गों पर चलने वाली परिवहन निगम की बसों से लेकर लंबी दूरी तक चलने वाली तमाम रोडवेज बसों में पड़ताल की गई.
  • पड़ताल के दौरान बसों में यात्रियों को दी जाने वाली पर्याप्त सुविधाएं उपलब्ध नहीं थीं.
  • पड़ताल में पूरी तरह से बसों में कोई भी मानक पूरा होता नजर नहीं आया.
  • अग्निशमन यंत्र तक भी बसों में नहीं मिले, मिले भी तो खराब हो चुके थे.
  • बस चालकों का कहना है कि अग्निशमन यंत्र के सिलेंडर में गैस भरने के लिए भेजा गया है.
  • चालकों का कहना है कि यदि कोई हादसा हो जाय तो प्राथमिक उपचार के लिए एंबुलेंस को बुलाना पड़ता है.
  • हालांकि अधिकारियों का कहना है कि समय-समय पर बसों की चेकिंग होती है और सभी बसों में पर्याप्त व्यवस्थाएं हैं.
Intro:प्रदेश में आए दिन कहीं ना कहीं उत्तर प्रदेश परिवहन निगम की बसें किसी ना किसी दुर्घटना या हादसे की वजह से सुर्खियों में बनी रहती हैं, जिससे हर्जाना भुगतना पड़ता है बस में सवार यात्रियों को,कई बार तो जान तक यात्रियों की चली जाती है, ईटीवी भारत ने रोडवेज बसों में रियलिटी चेक किया, हमने जमीनी हकीकत परखने की कोशिश की तो हमारे ग्राउंड जीरो रिपोर्टिंग में बड़ा खुलासा सामने आया है, फर्स्ट एड किट से लेकर अग्निशमन यंत्र तक कुछ भी व्यवस्था दुरुस्त नहीं मिली ,देखिये ईटीवी भारत की ये एक्सक्लुसिव खबर ।



Body:उत्तर प्रदेश परिवहन निगम की बसों में ईटीवी भारत ने जाकर ग्राउंड जीरो रिपोर्टिंग की है, जी हां हमारी पड़ताल में चौंकाने वाले खुलासे सामने आए हैं ,

हमने बुलंदशहर में बस स्टेशन पर जाकर ऐसी तमाम बसों में ये जानने का प्रयास किया कि बसों में फर्स्ट एड के नाम पर आखिर चालक परिचालक के पास उपचार हेतु क्या है,

हमने यह भी जानने की कोशिश की कि अगर कोई आगजनी की घटना हो जाए या कोई ऐसा हादसा हो जाए कि हमें तत्काल फौरी तौर पर अग्निशमन यंत्र की आवश्यकता हो तो क्या इन बसों में पर्याप्त व्यवस्था सुचारू रूप से है ,

पड़ताल में पूरी तरह से बसों में कोई भी मानक पूरा होता नजर नहीं आया,अग्निशमन यंत्र तक भी रोडवेज बसों में नहीं ढूंढे मील ,अगर मील भी तो उनकी उम्र काफी पहले पूरी हो चुकी थी,

हमने स्थानीय रूट्स पर चलने वाली परिवहन निगम की बसों से से लेकर लंबी दूरी तक चलने वाली तमाम रोडवेज बसों में छानबीन की , लेकिन अग्निशमन यंत्र मिले भी तो ऐसे जो ना सिर्फ आउटडेटेड हो चुके थे बल्कि किसी काम के नहीं थे ।

और जो फर्स्ट एड बॉक्स मिले भी तो वह सिर्फ नाम के उनके अंदर कुछ भी नहीं था ,

सबसे बड़ी बात तो यह है कि हमने इस बारे में कई चालकों और परिचालकों से भी बात की उन्होंने जो खुलासे किए काफी रोचक और मजेदार थे,

एक चालक की बात सुनकर तो आप भी अपनी हंसी नहीं रोक पाएंगे जब चालक से जानने की कोशिश की गयी कि उनकी बस में अग्निशमन यंत्र है, तो उन साहब का कहना है कि अग्निशमन यंत्र के सिलेंडर में गैस भरने के लिए उन्होंने गैस भराने भेजा है, साथ ही जब उनसे पूछा गया कि फर्स्ट एड आपकी गाड़ी में है तो उनका कहना था कि गाड़ी में बरसात में भीगने की वजह से फर्स्ट एड किट खराब हो गई है,और दूसरी मंगाई है यानी कि उन्हें समुचित जानकारी तक भी नहीं थी कि आखिर उनसे बात किस विषय में हो रही है और कौन सी गैस है जिसे वो भराने की बात कर रहे नहीं,

बहरहाल लंबी दूरी पर चलने वाली बसों में अगर कहीं कोई हादसा हो जाए तो ऐसे में परिचालक सिर्फ और सिर्फ एक ही उपाय सुझाते नजर आए की आवश्यकता पड़ने पर सिर्फ और सिर्फ एंबुलेंस को ही बुलाएंगे ,जबकि अगर गाड़ी में मरीज को प्राथमिक तौर पर कोई राहत या उपचार मिल जाये तो कई बार व्व उपचार उस चोटिल या पीड़ित शक्श के लिए वरदान सिद्ध हो सकता है, और जान तक भी बच सकती है ,

लेकिन आए दिन हादसे हो रहे हैं ,उसके बाद भी महकमे के जिम्मेदार सिर्फ और सिर्फ पूरे मामले में यही कहते हैं कि समय-समय पर चेकिंग होती है और सभी में पर्याप्त व्यवस्थाएं हैं,और उपकरण तक हैं, और जिनमे नहीं हैं, उन्हें दुरुस्त किया जा रहा है ।
लेकिन असल में जो हकीकत है वह आप देख चुके हैं, यात्री पूरी तरह से इसका ठीकरा जिम्मेदार अफसरों पर फोड़ते हैं,

फिलहाल जो निष्कर्ष निकल कर सामने आया वो यही है की चाहे कितने भी हादसे हो जाएं लेकिन जो जांच पड़ताल और बदलाव की बातें होती हैं वो कुछ समय के लिए ही होती हैं , और बदलाव आता नहीं दिख रहा जिसकी बानगी इस खबर में देखी जा सकती है,और जब कोई दुर्घटना हो जाती है तो भुगतना सिर्फ और सिर्फ यात्री या चालक परिचालक को होता है ,हालांकि जिले के जिम्मेदार अधिकारी कहते हैं कि समय समय पर अभियान चलाए जाते हैं बसों में तमाम चीजे देखी जाती हैं,और अगर कोई कमोवेशी हो तो उसे उपलब्ध कराया जाता है।

बाइट..धीरज सिंह पंवार,एआरएम बुलन्दशहर,

फिलहाल यात्रियों को उत्तरप्रदेश परिवहन निगम की बसों में जरूरी सुविधा तो नहीं बल्कि दुविधा जरूर झेलनी पड़ रही हैं।और रामभरोसे गाड़ी का चक्का लगातार परिक्रमा करता जा रहा है।
बाइट तो बाइट...ड्राइवर,परिचालक,
walk throu.... श्रीपाल तेवतिया,
बुलन्दशहर ।




Conclusion:
Last Updated : Sep 17, 2020, 4:28 PM IST
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