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बुलंदशहर : कब बनेगा रिंग रोड, आए दिन जाम से परेशान हैं लोग - ring road in bulandshahr

देश की राजधानी दिल्ली से महज 70 किलोमीटर की दूरी पर स्थित बुलन्दशहर में आए दिन जाम की समस्या बनी रहती है. इसके समाधान के लिए यहां के आम से लेकर खास लोग काफी समय से रिंग रोड बनाए जाने की मांग कर रहे हैं. यहां हर कोई वर्षों से रिंग रोड की उम्मीद लगाए बैठा है.

यहां लगता है आए दिन जाम.
यहां लगता है आए दिन जाम.
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Published : Sep 21, 2020, 12:38 PM IST

Updated : Sep 22, 2020, 12:35 AM IST

बुलन्दशहर: जिले में जाम की समस्या कोई नई नहीं है. यहां हर दिन वाहन घंटों जाम में फंसे रहते हैं. जाम से बचने के लिए बुलन्दशहर में हर कोई वर्षों से रिंग रोड की उम्मीद लगाए बैठा है. इसके लिए पूर्व में डीएम द्वारा रिंग रोड का प्लान बनाकर भी शासन को भेजा गया था, लेकिन अब तक यह प्लान धरातल पर उतरता नहीं दिखता.

जाम की समस्या से लोग परेशान

बुलन्दशहर में हर दिन जाम का झाम देखा जाता है. एम्बुलेंस का जाम में फंस जाना यहां कोई नई बात नहीं है. भले ही वर्तमान में वैश्विक महामारी कोरोना की वजह से शिक्षण संस्थान बन्द हों लेकिन जब सब कुछ सामान्य रहता है तो स्कूल की बसें 15 मिनट का सफर तय करने में एक से डेढ़ घण्टा लगा देती हैं. इसकी वजह है बुलन्दशहर नगर में हर दिन रहने वाला जाम.

क्यों लगता है जाम
दरअसल बुलन्दशहर से अन्य शहरों को जाने के लिए कोई अलग से सड़क न होने की वजह से शहर के मध्य से होकर ही वाहनों को जाना होता है. इसकी वजह से शहर में हमेशा जाम रहता है. इस बारे में प्रदेश के पूर्व केबिनेट मिनिस्टर प्रोफेसर किरनपाल सिंह से ईटीवी भारत के संवाददाता ने फोन पर बातचीत की. उन्होंने बताया कि सत्ता में रहते हुए सबसे पहले उनके द्वारा ही जिले में रिंग रोड का प्लान बनाया गया था, जो कि तत्कालीन डीएम रोशन जैकब के माध्यम से शासन को भेजा गया था. उन्होंने बताया कि सरकार बदली और इस शहर के सुंदर भविष्य के लिए बनाया गया रिंग रोड का प्लान भी फाइलों में दबकर रह गया.


रिंग रोड का प्लान बुलन्दशहर के लिए है जरूरी प्लान

वहीं इस बारे में शहर के प्रसिद्ध युवा उद्यमी और कई शिक्षण संस्थानों से जुड़े वासिक आजाद का कहना है कि ये रिंग रोड का प्लान बुलन्दशहर के लिए जरूरी प्लान है. अभी शहर के बीचों-बीच से ही किसी अन्य शहर के लिए जाना होता है, जबकि स्थानीय ट्रैफिक भी रहता है. गैर जनपदों को जाने वाले वाहनों की बढ़ती संख्या से आमजन को हर दिन परेशानी झेलनी होती है.

एम्बुलेन्स मरीजों को लेकर फंस जाती है जाम में

वहीं डॉक्टर मोहित गुप्ता ने कहा कि शहर को रिंग रोड मिल जाये तो राहत मिले. उनका मत है कि अन्य जनपदों को जाने वाले जो वाहन हैं, अगर वो शहर में प्रवेश न करें तो जाम की समस्या से न जूझना पड़े. यहां हर दिन ऐसा होता है जब सड़कों पर एम्बुलेन्स मरीजों को लेकर घण्टों जाम में फंस जाती है. उनका कहना है कि ऐसे में कई मरीजों का जीवन बचाना भी मुश्किल हो जाता है.

रिंग रोड समय की मांग
इस बारे में सत्ताधारी दल से ताल्लुक रखने वाले बीजेपी के जिलाध्यक्ष अनिल सिसोदिया ने ईटीवी भारत को बताया कि इस पर सरकार गम्भीर है. रिंग रोड समय की मांग है और इसके लिए जिले के सभी जनप्रतिनिधियों ने भी शीर्ष नेतृत्व से बात की है. प्रदेश सरकार ने केंद्र सरकार को इस सम्बंध में प्रस्ताव बनाकर भेजा है. उम्म्मीद है कि केंद्र सरकार इस विषय पर जल्द काम करेगी.
बता दें कि केंद्र सरकार के सड़क और परिवहन राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी स्वयं बुलन्दशहर जिले के लिए रिंग रोड की मांग का समर्थन कर चुके हैं, लेकिन उसके बावजूद भी इस बारे में कोई कार्रवाई नहीं हो रही है.

बुलन्दशहर: जिले में जाम की समस्या कोई नई नहीं है. यहां हर दिन वाहन घंटों जाम में फंसे रहते हैं. जाम से बचने के लिए बुलन्दशहर में हर कोई वर्षों से रिंग रोड की उम्मीद लगाए बैठा है. इसके लिए पूर्व में डीएम द्वारा रिंग रोड का प्लान बनाकर भी शासन को भेजा गया था, लेकिन अब तक यह प्लान धरातल पर उतरता नहीं दिखता.

जाम की समस्या से लोग परेशान

बुलन्दशहर में हर दिन जाम का झाम देखा जाता है. एम्बुलेंस का जाम में फंस जाना यहां कोई नई बात नहीं है. भले ही वर्तमान में वैश्विक महामारी कोरोना की वजह से शिक्षण संस्थान बन्द हों लेकिन जब सब कुछ सामान्य रहता है तो स्कूल की बसें 15 मिनट का सफर तय करने में एक से डेढ़ घण्टा लगा देती हैं. इसकी वजह है बुलन्दशहर नगर में हर दिन रहने वाला जाम.

क्यों लगता है जाम
दरअसल बुलन्दशहर से अन्य शहरों को जाने के लिए कोई अलग से सड़क न होने की वजह से शहर के मध्य से होकर ही वाहनों को जाना होता है. इसकी वजह से शहर में हमेशा जाम रहता है. इस बारे में प्रदेश के पूर्व केबिनेट मिनिस्टर प्रोफेसर किरनपाल सिंह से ईटीवी भारत के संवाददाता ने फोन पर बातचीत की. उन्होंने बताया कि सत्ता में रहते हुए सबसे पहले उनके द्वारा ही जिले में रिंग रोड का प्लान बनाया गया था, जो कि तत्कालीन डीएम रोशन जैकब के माध्यम से शासन को भेजा गया था. उन्होंने बताया कि सरकार बदली और इस शहर के सुंदर भविष्य के लिए बनाया गया रिंग रोड का प्लान भी फाइलों में दबकर रह गया.


रिंग रोड का प्लान बुलन्दशहर के लिए है जरूरी प्लान

वहीं इस बारे में शहर के प्रसिद्ध युवा उद्यमी और कई शिक्षण संस्थानों से जुड़े वासिक आजाद का कहना है कि ये रिंग रोड का प्लान बुलन्दशहर के लिए जरूरी प्लान है. अभी शहर के बीचों-बीच से ही किसी अन्य शहर के लिए जाना होता है, जबकि स्थानीय ट्रैफिक भी रहता है. गैर जनपदों को जाने वाले वाहनों की बढ़ती संख्या से आमजन को हर दिन परेशानी झेलनी होती है.

एम्बुलेन्स मरीजों को लेकर फंस जाती है जाम में

वहीं डॉक्टर मोहित गुप्ता ने कहा कि शहर को रिंग रोड मिल जाये तो राहत मिले. उनका मत है कि अन्य जनपदों को जाने वाले जो वाहन हैं, अगर वो शहर में प्रवेश न करें तो जाम की समस्या से न जूझना पड़े. यहां हर दिन ऐसा होता है जब सड़कों पर एम्बुलेन्स मरीजों को लेकर घण्टों जाम में फंस जाती है. उनका कहना है कि ऐसे में कई मरीजों का जीवन बचाना भी मुश्किल हो जाता है.

रिंग रोड समय की मांग
इस बारे में सत्ताधारी दल से ताल्लुक रखने वाले बीजेपी के जिलाध्यक्ष अनिल सिसोदिया ने ईटीवी भारत को बताया कि इस पर सरकार गम्भीर है. रिंग रोड समय की मांग है और इसके लिए जिले के सभी जनप्रतिनिधियों ने भी शीर्ष नेतृत्व से बात की है. प्रदेश सरकार ने केंद्र सरकार को इस सम्बंध में प्रस्ताव बनाकर भेजा है. उम्म्मीद है कि केंद्र सरकार इस विषय पर जल्द काम करेगी.
बता दें कि केंद्र सरकार के सड़क और परिवहन राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी स्वयं बुलन्दशहर जिले के लिए रिंग रोड की मांग का समर्थन कर चुके हैं, लेकिन उसके बावजूद भी इस बारे में कोई कार्रवाई नहीं हो रही है.

Last Updated : Sep 22, 2020, 12:35 AM IST
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