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बुलंदशहर उपचुनावः वादे कर भूल जाते हैं राजनेता, दोबारा कोई सुध नहीं लेता

यूपी की सात विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं. वहीं बुलंदशहर जिले की सदर सीट पर भी उपचुनाव होना है. सदर विधान सभा सीट पर राजनीतिक पार्टियों ने अपने-अपने दमखम दिखाने शुरू कर दिए हैं. वहीं इस उपचुनाव को लेकर ईटीवी भारत ने स्थानीय लोगों से बातचीत की और उनके विचार जाने. शहर में कितना विकास सरकार ने किया है, इस पर स्थानीय लोगों ने बेबाकी से अपनी राय दी.

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बुलंदशहर उपचुनाव.
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Published : Oct 23, 2020, 6:55 PM IST

Updated : Oct 24, 2020, 7:17 AM IST

बुलंदशहरः आगामी 3 नवंबर को सदर विधानसभा की रिक्त पड़ी सीट पर उपचुनाव होना है. यहां अब राजनीतिक पार्टियां अपनी-अपनी दावेदारी को लेकर जनता के बीच जा रही हैं. वहीं स्थानीय लोगों ने इस उपचुनाव पर अपनी राय दी. कुछ लोगों ने सरकार के कामों को सराहा तो कुछ ने कहा की भाजपा सरकार में नाम मात्र का भी विकास नहीं हुआ है.

यूपी विधानसभा उपचुनाव.

वादे कर भूल जाते राजनेता
स्थानीय लोगों का कहना है कि चुनाव के समय राजनेता तमाम तरह के वादे करते हैं. जैसे ही चुनाव खत्म होता है, वह जनता को भूल जाते हैं. मूलभूत सुविधाओं को कभी नहीं पूरा किया जाता है. पानी, नाली और सड़क की समस्या को लेकर अगर विधायक के पास जाते हैं तो समय न होने का बहाना बनाकर बात को टाल देते हैं.

प्रदेश में बढ़े हैं महिलाओं के प्रति अपराध
स्थानीय महिलाओं का कहना है कि भाजपा सरकार में बहन-बेटियां सुरक्षित नहीं हैं. साथ ही यह भी कहा कि प्रधानमंत्री मोदी अपनी कुर्सी छोड़ दें. महिलाओं ने कहा कि जिस तरह से हाथरस कांड हुआ है, वह असहनीय है. प्रदेश में स्त्री जात सुरक्षित नहीं है. आए दिन किसी न किसी महिला, युवती के साथ दुष्कर्म की खबरें पढ़ने को मिल जाती हैं.

किसी को नहीं देने का मन करता है वोट
जिले में पहली बार वोट देने वाले युवाओं का कहना है कि वह किसी भी पार्टी को वोट नहीं करना चाहते हैं. उनका कहना है कि युवाओं के लिए कोई रोजगार नहीं सृजित किया गया है. सरकार हर विभाग का निजीकरण किए जा रही है. नौकरियों में भ्रष्टाचार व्याप्त है. जो वैकेंसी निकलती है, उसे पूरा होने में सालों-साल लग जाते हैं.

बुलंदशहरः आगामी 3 नवंबर को सदर विधानसभा की रिक्त पड़ी सीट पर उपचुनाव होना है. यहां अब राजनीतिक पार्टियां अपनी-अपनी दावेदारी को लेकर जनता के बीच जा रही हैं. वहीं स्थानीय लोगों ने इस उपचुनाव पर अपनी राय दी. कुछ लोगों ने सरकार के कामों को सराहा तो कुछ ने कहा की भाजपा सरकार में नाम मात्र का भी विकास नहीं हुआ है.

यूपी विधानसभा उपचुनाव.

वादे कर भूल जाते राजनेता
स्थानीय लोगों का कहना है कि चुनाव के समय राजनेता तमाम तरह के वादे करते हैं. जैसे ही चुनाव खत्म होता है, वह जनता को भूल जाते हैं. मूलभूत सुविधाओं को कभी नहीं पूरा किया जाता है. पानी, नाली और सड़क की समस्या को लेकर अगर विधायक के पास जाते हैं तो समय न होने का बहाना बनाकर बात को टाल देते हैं.

प्रदेश में बढ़े हैं महिलाओं के प्रति अपराध
स्थानीय महिलाओं का कहना है कि भाजपा सरकार में बहन-बेटियां सुरक्षित नहीं हैं. साथ ही यह भी कहा कि प्रधानमंत्री मोदी अपनी कुर्सी छोड़ दें. महिलाओं ने कहा कि जिस तरह से हाथरस कांड हुआ है, वह असहनीय है. प्रदेश में स्त्री जात सुरक्षित नहीं है. आए दिन किसी न किसी महिला, युवती के साथ दुष्कर्म की खबरें पढ़ने को मिल जाती हैं.

किसी को नहीं देने का मन करता है वोट
जिले में पहली बार वोट देने वाले युवाओं का कहना है कि वह किसी भी पार्टी को वोट नहीं करना चाहते हैं. उनका कहना है कि युवाओं के लिए कोई रोजगार नहीं सृजित किया गया है. सरकार हर विभाग का निजीकरण किए जा रही है. नौकरियों में भ्रष्टाचार व्याप्त है. जो वैकेंसी निकलती है, उसे पूरा होने में सालों-साल लग जाते हैं.

Last Updated : Oct 24, 2020, 7:17 AM IST
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