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ग्राउंड रिपोर्ट: भोला सांसद, विकास आधा, आज भी बदहाल है बुलंदशहर का ये गांव

2014 में सत्ता में बीजेपी सरकार के काबिज होने के बाद सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत बुलंदशहर से सांसद डॉक्टर भोला सिंह ने नगला भोपतपुर को गोद लिया था, लेकिन यह गांव आज भी विकास से बहुत पीछे है.

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Published : Mar 29, 2019, 11:22 PM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:28 PM IST

गांव में नहीं हैं पक्की सड़कें

बुलंदशहर : 2014 के लोकसभा चुनावों में यूपी में रिकॉर्ड मतों से जीतने वाले बुलंदशहर के सांसद भोला सिंह के गोद लिए नगला भोपतपुर गांव में आज भी असुविधाओं का बोलबाला है. आदर्श गांव की हालत आज भी वैसी की वैसी है, जैसी उनके गोद लेने से पहले थी. यहां के लोग अभी भी सरकारी योजनाओं की तरफ सिर्फ मुंह ताक कर देख रहे हैं.

नगला भोपतपुर में आने-जाने के लिए आज भी रास्तों की हालत खराब है जबकि विकास की योजनाओं के बोर्ड यहां जगह-जगह देखे जा सकते हैं. देखिए बुलंदशहर से ईटीवी भारत की रिपोर्ट.

विकास के लिए तरस रहा नगला भोपतपुर गांव

बुलंदशहर जिले के सांसद डॉक्टर भोला सिंह को जिले की जनता ने चार लाख से भी ज्यादा मतों से विजयी बनाकर सत्ता में काबिज किया था. हर किसी को उम्मीद थी कि जिले का विकास होगा. केंद्र में बीजेपी की सरकार बनने के बाद पीएम मोदी ने लाल किले की प्राचीर से सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत जनप्रतिनिधियों से अपने संसदीय क्षेत्र के एक गांव चुनने और उसे पूर्णतया विकसित करने की बातें कहीं थीं. इसके बाद बुलंदशहर में भी यहां के सांसद ने डिबाई ब्लॉक के नगला भोपतपुर गांव को गोद लिया था. तब से लेकर आज तक उसकी सूरत नहीं बदली है.

आलम यह है कि गांव के रास्ते बदहाल हैं. लोगों को बिजली तक नहीं मिल पाई. यहां के ग्रामीण अंधेरों में गुजारा करने को मजबूर हैं. गांव में बिजली विकास से जुड़ा बोर्ड तो लगा है, लेकिन लोग आज भी दीये की रोशनी में जिंदगी गुजार रहे हैं. यहां न बदलाव की गंगा बही और न ही मूलभूत सुविधाएं मिल पाईं. दर्जनों परिवार यहां ऐसे हैं, जो सरकार की योजनाओं के बारे में जानते तक भी नहीं हैं.

बुलंदशहर : 2014 के लोकसभा चुनावों में यूपी में रिकॉर्ड मतों से जीतने वाले बुलंदशहर के सांसद भोला सिंह के गोद लिए नगला भोपतपुर गांव में आज भी असुविधाओं का बोलबाला है. आदर्श गांव की हालत आज भी वैसी की वैसी है, जैसी उनके गोद लेने से पहले थी. यहां के लोग अभी भी सरकारी योजनाओं की तरफ सिर्फ मुंह ताक कर देख रहे हैं.

नगला भोपतपुर में आने-जाने के लिए आज भी रास्तों की हालत खराब है जबकि विकास की योजनाओं के बोर्ड यहां जगह-जगह देखे जा सकते हैं. देखिए बुलंदशहर से ईटीवी भारत की रिपोर्ट.

विकास के लिए तरस रहा नगला भोपतपुर गांव

बुलंदशहर जिले के सांसद डॉक्टर भोला सिंह को जिले की जनता ने चार लाख से भी ज्यादा मतों से विजयी बनाकर सत्ता में काबिज किया था. हर किसी को उम्मीद थी कि जिले का विकास होगा. केंद्र में बीजेपी की सरकार बनने के बाद पीएम मोदी ने लाल किले की प्राचीर से सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत जनप्रतिनिधियों से अपने संसदीय क्षेत्र के एक गांव चुनने और उसे पूर्णतया विकसित करने की बातें कहीं थीं. इसके बाद बुलंदशहर में भी यहां के सांसद ने डिबाई ब्लॉक के नगला भोपतपुर गांव को गोद लिया था. तब से लेकर आज तक उसकी सूरत नहीं बदली है.

आलम यह है कि गांव के रास्ते बदहाल हैं. लोगों को बिजली तक नहीं मिल पाई. यहां के ग्रामीण अंधेरों में गुजारा करने को मजबूर हैं. गांव में बिजली विकास से जुड़ा बोर्ड तो लगा है, लेकिन लोग आज भी दीये की रोशनी में जिंदगी गुजार रहे हैं. यहां न बदलाव की गंगा बही और न ही मूलभूत सुविधाएं मिल पाईं. दर्जनों परिवार यहां ऐसे हैं, जो सरकार की योजनाओं के बारे में जानते तक भी नहीं हैं.

Intro:2014 में हुए लोकसभा चुनावों में यूपी में रिकॉर्ड मतों से जीतने वाले बुलंदशहर के सांसद भोला सिंह के गोद लिए गांव में आज भी असुविधाओं का बोलबाला है, आदर्श गांव की हालत में आज भी कोई खास फर्क नहीं पड़ा यहां के लोग अभी भी सरकारी योजनाओं की तरफ सिर्फ मुंह ताक कर देख रहे हैं, यही वजह है कि यहां आने जाने के लिए सुगम रास्ते भी अभी तक नहीं है।जबकि विकास की योजनाओं के बोर्ड यहां देखे जा सकते हैं, देखिए बुलंदशहर से ईटीवी भारत की एक्सक्लुसिव रिपोर्ट।


Body:बुलंदशहर जिले के सांसद डॉक्टर भोला सिंह को जिले की जनता ने चार लाख से भी ज्यादा मतों से विजयी बनाकर लोकतंत्र के मन्दिर में भेजा था,हर किसी को उम्मीद थी कि जिले का विकास होगा ,केंद्र में बीजेपी की सरकार बनने के बाद पीएम मोदी के द्वारा जब पहली बार लालकिले की प्राचीर से देश को संबोधित करते हुए जो सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत जनप्रतिनिधियों के द्वारा अपने संसदीय क्षेत्र से एक गांव चुनने और उसे पूर्णतया विकसित करने की बातें भी की गई थीं,जिसके बाद बुलन्दशहर में भी यहां के सांसद ने डिबाई ब्लॉक के नगला भोपतपुर गांव गोद लिया था, उसकी ना ही तो सूरत बदली और ना ही उसका रंग ढंग, फिलहाल अभी तक भी यहां तमाम सुविधाएं देखी जा सकती हैं,आलम यह है कि जहां इस गांव को जिले के रोल मॉडल बनाने के लिए सांसद की तरफ से गोद लेते वक्त वायदे किए गए थे ,वहीं इसकी दिशा सुधरी न दशा,यही वजह है कि बुलन्दशहर जिले के डिबाई ब्लॉक के इस गांव में आज भी सरकारी योजनाएं जैसे जरूरतमंदों के लिए बनी ही नहीं हैं,आज भी गांव के रास्ते बदहाल हैं ,आलम ये है कि इस गांव को जिले के सांसद और वर्तमान बीजेपी प्रत्याशी भोला सिंह ने 2014 में गोद लिया जरूर लेकिन जो सरकार की योजनाएं थीं,और उनमें भी विशेष तौर से वो योजनाएं जो मोदी सरकार ने शुरू की थीं,वे भी यहां जमीन पर नहीं उतर पायीं, उन सभी को उम्मीद जगी थी कि गांव में न सिर्फ विकास होगा बल्कि जिले के अन्य गांवों के लिए रोल मॉडल भी होगा,लेकिन कुछ नहीं हुआ, न बदलाव की गंगा बही और न ही मूलभूत सुविधाएं ही बेहतर हो पायीं। फिलहाल संतोष अकेला ऐसा घर का मुखिया नहीं है, जहां कोई मूलभूत सुविधा नहीं हैं बल्कि और भी दर्जनों परिवार यहां ऐसे हैं जो सरकार की योजनाओं के बारे में जानते तक भी नहीं हैं। वन टू वन .....संतोष... सांसद के गोद लिये हुए गांव (नगला भोपतपुर के निवासी।)


Conclusion:
Last Updated : Sep 17, 2020, 4:28 PM IST
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