बुलंदशहर : 2014 के लोकसभा चुनावों में यूपी में रिकॉर्ड मतों से जीतने वाले बुलंदशहर के सांसद भोला सिंह के गोद लिए नगला भोपतपुर गांव में आज भी असुविधाओं का बोलबाला है. आदर्श गांव की हालत आज भी वैसी की वैसी है, जैसी उनके गोद लेने से पहले थी. यहां के लोग अभी भी सरकारी योजनाओं की तरफ सिर्फ मुंह ताक कर देख रहे हैं.
नगला भोपतपुर में आने-जाने के लिए आज भी रास्तों की हालत खराब है जबकि विकास की योजनाओं के बोर्ड यहां जगह-जगह देखे जा सकते हैं. देखिए बुलंदशहर से ईटीवी भारत की रिपोर्ट.
बुलंदशहर जिले के सांसद डॉक्टर भोला सिंह को जिले की जनता ने चार लाख से भी ज्यादा मतों से विजयी बनाकर सत्ता में काबिज किया था. हर किसी को उम्मीद थी कि जिले का विकास होगा. केंद्र में बीजेपी की सरकार बनने के बाद पीएम मोदी ने लाल किले की प्राचीर से सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत जनप्रतिनिधियों से अपने संसदीय क्षेत्र के एक गांव चुनने और उसे पूर्णतया विकसित करने की बातें कहीं थीं. इसके बाद बुलंदशहर में भी यहां के सांसद ने डिबाई ब्लॉक के नगला भोपतपुर गांव को गोद लिया था. तब से लेकर आज तक उसकी सूरत नहीं बदली है.
आलम यह है कि गांव के रास्ते बदहाल हैं. लोगों को बिजली तक नहीं मिल पाई. यहां के ग्रामीण अंधेरों में गुजारा करने को मजबूर हैं. गांव में बिजली विकास से जुड़ा बोर्ड तो लगा है, लेकिन लोग आज भी दीये की रोशनी में जिंदगी गुजार रहे हैं. यहां न बदलाव की गंगा बही और न ही मूलभूत सुविधाएं मिल पाईं. दर्जनों परिवार यहां ऐसे हैं, जो सरकार की योजनाओं के बारे में जानते तक भी नहीं हैं.