बुलंदशहर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना पिछले वर्ष फरवरी माह में शरू की गई थी. इस योजना का असल मकसद निर्धन और दुर्बल आय वर्ग समेत असंगठित क्षेत्र के कामगारों का भविष्य सुरक्षित करना था ताकि 60 वर्ष की उम्र के बाद पेंशन योजना का लाभ मिल सके.
दरअसल, 60 वर्ष की उम्र के बाद इस योजना में कम से कम तीन हजार प्रति माह पेंशन की सुविधा उपलब्ध कराने का सरकार का दावा है, जिसके लिए पात्रों का चिन्हीकरण जिला श्रम विभाग के द्वारा किया जा रहा है. अगर बात की जाए तो मेरठ मंडल की तो बुलंदशहर में इस योजना के सर्वाधिक पात्रों को विभाग ने काफी मशक्कत व मेहनत करके इससे जोड़ा है. इस योजना में 18 से 40 साल की उम्र के कोई भी व्यक्ति, जो उन तमाम शर्तों को पूरा करते हैं, जिनकी इस योजना के लिए जरूरत है, जुड़ सकते हैं और योजना का लाभ ले सकते हैं.
जिम्मेदार अधिकारी बताते हैं कि सरकार की मंशा है कि जो मजदूर निम्न वर्ग में आते हैं, जिनकी मासिक आय 15 हजार रुपये से कम है व जो किसी भी तरह की ईएसआई या पीएफ जैसी सुविधाओं से वंचित हैं, ऐसे लोगों को इस योजना का लाभ मिल सके. इसमें 18 से 40 वर्ष तक के पात्र व्यक्ति इस योजना का लाभ ले सकते हैं. इसमे मासिक अंशदान प्रत्येक माह जमा कराना है, जो कि निर्धारित है. साथ ही जितनी राशि इसमें पात्र जमा करेगा, उतनी ही राशि सरकार की तरफ से जमा होगी.
इस बारे में दुकानदर सुमित कुमार ने बताया कि योजना के बारे में जानकारी तो हुई थी, लेकिन अभी तक पंजीकरण नहीं कराया है. साथ ही उनका कहना है कि इससे अगर भविष्य सुरक्षित होता है तो इससे वो भी जुड़ना चाहेंगे. फिलहाल अगर देखा जाए तो इसमें बुलंदशहर का श्रम विभाग खासी मेहनत कर रहा है.
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