बुलंदशहर: प्रदेश सरकार के द्वारा हाल ही में गन्ना किसानों के लिए पेपरलेस व्यवस्था को आगे बढ़ाते हुए ई-गन्ना ऐप लॉन्च किया गया है. इस ऐप के जरिये गन्ना किसानों की समस्याओं का समाधान आसानी से हो रहा है. वहीं अब अन्नदाता को तौल केंद्र पर बिना किसी पर्ची के गन्ने की तौल कराई जा सकती है. जिससे सभी चीजों में पारदर्शिता आए.
ई-गन्ना ऐप के जरिए घर बैठे किसानों को मिलेंगी तमाम सुविधाएं
उत्तर प्रदेश सरकार के द्वारा गन्ना ऐप की लॉन्चिंग पिछले दिनों की गई है. इस ऐप के माध्यम से घर बैठे ही किसानों को तमाम सुविधाएं मोबाइल पर उपलब्ध हो रही हैं, जिससे चीजों में पारदर्शिता बनी रहे. इसके साथ ही किसानों के गन्ने से संबंधित सभी जरूरी जानकारी इस ऐप के माध्यम से की जा सकती है. गन्ना किसानों को आने वाली सभी समस्याओं का समाधान भी यहां मौजूद है. सिर्फ एक एंड्राइड मोबाइल की जरूरत है. किसानों के लिए खासतौर से डिजाइन किए गए इस ऐप से किसान तौल केंद्रों पर और शुगर मिल्स पर गन्ना दे सकते हैं.
गन्ना अधिकारी डीके सैनी ने जानकारी देते हुए कहा
गन्ना किसानों की सबसे बड़ी समस्या पर्चियों को लेकर होती थी, जिससे कई बार किसान आंदोलित भी हो जाते थे. अब सभी सवालों के जवाब इस विशेष ऐप के जरिये मौजूद हैं. हम आपको बता दें कि पिछले माह से गन्ने का उठान प्रदेशभर में शुगर मिलों के लिए हो रहा है. पहले अक्सर देखा जाता था कि गन्ने को मिल पर पहुंचाने के लिए कागज की पर्चियां किसान के पास भेजी जाती थीं.
वहीं अब ये प्रक्रिया काफी आसान हो गई है. फिलहाल कहीं से भी किसी भी जिले और गन्ना किसान का पूरा ब्यौरा इस ऐप पर नाम डालते ही पल भर में सामने आ जाता है. हालांकि अभी पर्चियों के माध्यम से भी गन्ना तौल केंद्रों पर पहुंचाया जा रहा है, लेकिन अगले पेराई सत्र तक माना जा रहा है कि तमाम व्यवस्थाएं पेपरलेस हो सकती हैं.
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