बुलंदशहर: सरकारी अस्पतालों में पर्याप्त स्टाफ न होने के चलते आए दिन मरीजों को दिक्कतों से दो चार होना पड़ता है. जिला अस्पताल समेत जिले के तमाम सीएचसी और पीएचसी पर भी स्टाफ की कमी बरकरार बनी हुई है. जिले में विशेषज्ञों की तो भारी कमी है. वहीं डॉक्टर्स के अलावा अन्य स्वास्थ्य कर्मचारियों की भी खासी कमी बनी हुई है, ऐसे में सरकारी हॉस्पिटल डॉक्टर्स के सहारे कम रामभरोसे ज्यादा चलते दिख रहे हैं.
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- देश भर के सरकारी अस्पतालों में डॉक्टर्स की कमी बनी हुई है.
- बुलंदशहर में 13 सीएचसी 5 पीएचसी और 58 एडिशनल पीएचसी हैं.
- जिला अस्पताल पर पर्याप्त स्टाफ न होने की वजह से आने वाले मरीजों को आए दिन समस्याओं का सामना करना पड़ता है .
- विशेषज्ञ की कमी भी जिला अस्पताल से लेकर तमाम जिले में सरकारी हॉस्पिटल में बनी हुई है.
- सीमित संसाधनों में भी बेहतर सुविधा देने की बात यहां जिला मुख्यालय पर स्थित बाबू बनारसी दास जिला चिकित्सालय के सीएमएस कर रहे हैं.
- जिले में विशेषज्ञ डॉक्टरों और सर्जन्स की कमी के चलते हायर सेंटर के लिए मरीज को रेफर किया जाता है.
सर्जन या आर्थोपेडिक सर्जन यहां डॉक्टर्स का खासा टोटा बना हुआ है. मजबूरीवश फर्स्ट एड देने के बाद यहां के सरकारी अस्पतालों से हर रोज मरीजों को रेफर कर दिया जाता है . क्योंकि यहां अपर्याप्त स्टाफ है.
-कैलाश नाथ तिवारी, सीएमओ
लंबे समय से डॉक्टर्स की कमी बनी हुई है, जिसकी वजह से उन्हें काफी दिक्कतें होती हैं. इतना ही नहीं कई बार तो अगर कोई सर्जरी का केस हो या फिर और कोई गंभीर बीमारी हो हायर सेंटर रेफर मरीज को करना पड़ता है.
- रामबीर सिंह, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक